लखनऊ : यूपी की राज्यपाल व चांसलर आनंदी बेन पटेल ने मंगलवार को डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की निदेशक डॉ. सोनिया नित्यानंद को किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) का वीसी नियुक्त किया गया है. केजीएमयू वीसी नियुक्त होने से पहले वह लोहिया संस्थान की निदेशक थीं. वह कार्यभार ग्रहण करने की तारीख से पांच साल या 65 साल की आयु पूरी होने तक इस पद पर बनी रहेंगी.
एसजीपीजीआई में सीएमएस रहीं डॉ. सोनिया के पास प्रशासनिक अनुभव तो है ही साथ ही चिकित्सा के क्षेत्र में भी डॉ. सोनिया नित्यानंद को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है. जिसमें बायोटेक्नोलॉजी विभाग 2003-04 के लिए राष्ट्रीय जैव विज्ञान कॅरियर पुरस्कार, 1990 में भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी द्वारा यंग वैज्ञानिक पुरस्कार, 2000 में एसोसिएशन ऑफ फिजीशियन ऑफ इंडिया द्वारा डॉ. जेसी पटेल और बीसी मेहता पुरस्कार, डॉ. एनएन गुप्ता स्वर्ण पदक, सर्वश्रेष्ठ मेडिकल छात्र के लिए चांसलर मेडल आदि शामिल हैं.
डॉ. सोनिया नित्यानंद, प्रोफेसर और प्रमुख, हेमेटोलॉजी विभाग, संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआईएमएस), लखनऊ ने किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज (केजीएमसी), लखनऊ से एमबीबीएस और एमडी किया. इसके बाद उन्होंने स्वीडन के कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट स्टॉकहोम से इम्यूनोलॉजी में पीएचडी की. अक्टूबर 1991 से नवंबर 1993 तक केजीएमसी, लखनऊ में मेडिसिन में सहायक प्रोफेसर के रूप में काम किया. इसके बाद नवंबर 1993 से एसजीपीजीआईएमएस में संकाय सदस्य रहीं. शुरुआत में इम्यूनोलॉजी विभाग और फिर हेमेटोलॉजी विभाग में कार्यरत रहीं. उनके अनुसंधान के क्षेत्रों में वास्कुलोपैथी में प्रतिरक्षा तंत्र, विशेष रूप से ताकायासु की धमनीशोथ, अप्लास्टिक एनीमिया का प्रतिरक्षाविज्ञानी आधार, अप्लास्टिक एनीमिया में एनली-थाइमोसाइट ग्लोब्युलिन की क्रिया का तंत्र शामिल है.
संविदा पर तैनात हजारों कर्मचारियों को दो महीने का सेवा विस्तार
प्रदेशभर के अस्पतालों में परमानेंट स्टाफ से अधिक आउटसोर्सिंग के द्वारा रखे हुए कर्मचारी तैनात हैं. कोविड के समय आउटसोर्सिंग (संविदा) पर तैनात हजारों कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक की पहल पर आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को दो माह का सेवाविस्तार प्रदान किया गया है. नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) की निदेशक की ओर से जारी आदेश में प्रदेश के 53 जिलों में बीएसएल-2 प्रयोगशाला में एनएचएम की तरफ से आउटसोर्सिंग पर कर्मचारी तैनात हैं. जबकि अस्पतालों में भी कर्मचारी कार्यरत हैं. इनमें पैरामेडिकल स्टाफ, लैब टेक्नीशियन, जनरेटर चालक, चतुर्थ श्रेणी समेत अन्य कर्मचारी तैनात हैं. कोविड का प्रकोप लगभग खत्म हो गया है. आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं भी पहली अगस्त 2023 को समाप्त हो गई हैं.
कर्मचारियों ने सेवा विस्तार के लिए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से गुहार लगाई थी. उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कर्मचारियों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए दो माह का सेवा विस्तार देने का फैसला किया है. इससे पहले भी डिप्टी सीएम के निर्देश पर आउटसोर्स कर्मचारियों को सेवा विस्तार मिल चुका है. इस बाद अगस्त और सितंबर माह तक सेवा विस्तार दिया गया है. डिप्टी सीएम ने कहा है कि आउटसोर्सिंग पर तैनात कर्मचारियों का अहित नहीं होने दिया जाएगा. सरकार कोविड के दौरान आउटसोर्सिंग पर तैनात कर्मचारियों के भविष्य को लेकर फिक्रमंद है. उनकी सेवाओं को ध्यान में रख कर सरकार आगे कोई कदम उठाएगी.