लखनऊः झाड़-फूंक एवं तांत्रिक के चक्कर में पड़कर अपनी बेटी की हत्या करके उसकी लाश को जमीन में गाड़ने वाले सबदल बाग कैसरबाग निवासी राजकुमार कोरी को अपर सत्र न्यायाधीश नरेंद्र कुमार ने उम्रकैद की सजा के साथ-साथ 30 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है.
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अरुण पांडे ने अदालत को बताया कि सुनील ने 29 अक्टूबर 2016 को कैसरबाग थाने में लिखवाई थी. जिसमें उसने कहा था कि उसका भाई राजकुमार कोरी अपनी 13 साल की पुत्री नैंसी के साथ एक ही घर में अलग कमरे में रहता था. नैंसी पिछले 5-6 माह से बीमार चल रही थी और उसका भाई आरोपी राजकुमार पूजा पाठ में ज्यादा विश्वास करता था. भाई बेटी का इलाज ढंग से नहीं करता था. सुनील ने पुलिस को बताया था 29 अक्टूबर को घर का ताला बंद करके भाई कहीं चला गया. नैंसी जब दिखाई नहीं पड़ी तो शक होने पर उसने पुलिस को सूचना दी. पुलिस के आने पर कमरे का दरवाजा तोड़कर अंदर देखा गया तो पलंग के नीचे जमीन उभरी हुई थी. जमीन खोदने पर नैंसी का शव बरामद हुआ. विवेचना के दौरान आरोपी की गिरफ्तारी होने पर पता चला कि पिता ने पनी पुत्री का झाड़ फूंक के चलते गला दबाकर हत्या कर दी थी और शव को जमीन में गाड़ दिया था.
नगर निगम की महिला लिपिक भेजी गई जेल
वहीं, संपत्ति नामांतरण के एवज में पच्चीस हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार नगर निगम की महिला लिपिक नीलम साहू को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश अजय कुमार श्रीवास्तव ने विवेचक के अनुरोध पर आगामी 30 जनवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. महिला लिपिक को मंगलवार को भ्रष्टाचार निवारण की टीम ने गिरफ्तार किया था. इसके बाद उसके विरुद्ध वजीरगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. अदालत को बताया गया कि आरोपी नीलम साहू ने ठाकुरगंज निवासी शिल्पी गुप्ता से संपत्ति नामांतरण के एवज में 25 हजार रुपये की मांग की थी. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के पुलिस अधीक्षक को भेजी गई शिकायत में शिल्पी गुप्ता ने कहा कि पैतृक मकान का नामांतरण करने के लिए उसने नगर निगम जोन-6 में आवेदन किया था. सभी कागजात ठीक होने पर के बावजूद भी नामांतरण नहीं किया जा रहा था.
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