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लाखों रुपये हड़पने के मामले में प्रमोद बजाज और सतीश जेटली 2 साल की सजा

लाखों रुपये हड़पने के मामले में प्रमोद बजाज और सतीश जेटली को लखनऊ कोर्ट ने 2-2 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है. वहीं, सोलर पैनल लगाने के नाम पर लाखों की धोखाधड़ी करने के मामले में कोर्ट ने रिपोर्ट तलब की है.

लखनऊ जिला अदालत.
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Published : Jan 11, 2022, 11:03 PM IST

लखनऊः हर माह मोटी रकम कमाने का झांसा देकर निवेश कराए गए लाखों रुपये हड़पने के मामले में प्रमोद बजाज और सतीश जेटली को दोषी ठहराकर एसीजेएम शांतनु त्यागी ने 2-2 वर्ष के कारावास और 10-10 हजार के जुर्माने से दंडित किया है.

कोर्ट में सहायक अभियोजन अधिकारी निशा दुबे ने तर्क दिया कि वादी प्रमोद जायसवाल ने आशियाना पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी. आरोपियों की कम्पनी सारा एक्वासॉफ्ट ने वादी की कम्पनी को हर माह 45 हजार रुपये देने का वादा करके 20 लाख रुपये निवेश कराये और अनुबन्ध किया. कहा गया कि बाद में आरोपियों ने वादी को लाभ का पैसा नहीं दिया और उसके पैसे भी वापस नहीं किया.

इसे भी पढ़ें-HC ने व्यवसाय कर विभाग के अफसरों के रवैये पर की सख्त टिप्पणी, लगाया 20 हजार रुपये का जुर्माना

वहीं एक अन्य मामले में सोलर पैनल लगाने के नाम पर लाखों की धोखाधड़ी करने के आरोपों को लेकर ब्लू बेरी सोलो इंफोर्मेटिक सलूशन के मालिक कुमार स्वप्निल शर्मा और बुशरा खातून के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की मांग वाली अर्जी पर सीजेएम ने गोमती नगर थाने से रिपोर्ट तलब की है. मामले की अगली सुनवाई 9 फरवरी को होगी. कोर्ट में यह अर्जी देकर वादी आदिल हुसैन सिद्दीकी ने बताया कि वादी की मां रईस फातिमा से ब्लू बेरी कम्पनी के कुमार स्वप्निल और बुशरा ने संपर्क किया और खुद को नेडा से रजिस्टर्ड कम्पनी बताकर छत पर सोलर पैनल लगाने के लिए राजी करते हुए सब्सिडी दिलाने की बात की. जिसपर वादी की मां ने सितम्बर 2021 में अपने घर की छत पर सोलर लगाने का कार्य आरोपियों को दे दिया. कहा गया कि वादी की मां ने इस कार्य के लिए आरोपियों को 1 लाख 20 हजार रुपये दे दिए. लेकिन आरोपियो ने कोई काम नहीं किया और धन हड़प लिया. संपर्क करने पर आरोपी गाली गलौज और धमकी देते हैं.

लखनऊः हर माह मोटी रकम कमाने का झांसा देकर निवेश कराए गए लाखों रुपये हड़पने के मामले में प्रमोद बजाज और सतीश जेटली को दोषी ठहराकर एसीजेएम शांतनु त्यागी ने 2-2 वर्ष के कारावास और 10-10 हजार के जुर्माने से दंडित किया है.

कोर्ट में सहायक अभियोजन अधिकारी निशा दुबे ने तर्क दिया कि वादी प्रमोद जायसवाल ने आशियाना पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी. आरोपियों की कम्पनी सारा एक्वासॉफ्ट ने वादी की कम्पनी को हर माह 45 हजार रुपये देने का वादा करके 20 लाख रुपये निवेश कराये और अनुबन्ध किया. कहा गया कि बाद में आरोपियों ने वादी को लाभ का पैसा नहीं दिया और उसके पैसे भी वापस नहीं किया.

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वहीं एक अन्य मामले में सोलर पैनल लगाने के नाम पर लाखों की धोखाधड़ी करने के आरोपों को लेकर ब्लू बेरी सोलो इंफोर्मेटिक सलूशन के मालिक कुमार स्वप्निल शर्मा और बुशरा खातून के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की मांग वाली अर्जी पर सीजेएम ने गोमती नगर थाने से रिपोर्ट तलब की है. मामले की अगली सुनवाई 9 फरवरी को होगी. कोर्ट में यह अर्जी देकर वादी आदिल हुसैन सिद्दीकी ने बताया कि वादी की मां रईस फातिमा से ब्लू बेरी कम्पनी के कुमार स्वप्निल और बुशरा ने संपर्क किया और खुद को नेडा से रजिस्टर्ड कम्पनी बताकर छत पर सोलर पैनल लगाने के लिए राजी करते हुए सब्सिडी दिलाने की बात की. जिसपर वादी की मां ने सितम्बर 2021 में अपने घर की छत पर सोलर लगाने का कार्य आरोपियों को दे दिया. कहा गया कि वादी की मां ने इस कार्य के लिए आरोपियों को 1 लाख 20 हजार रुपये दे दिए. लेकिन आरोपियो ने कोई काम नहीं किया और धन हड़प लिया. संपर्क करने पर आरोपी गाली गलौज और धमकी देते हैं.

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