लखनऊ. उत्तर प्रदेश की नई कैबिनेट में डिप्टी सीएम के लिए नए ब्राह्मण चेहरे की तलाश जोर शोर से चल रही है. डॉ. दिनेश शर्मा को इस बार उप मुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावना बहुत कम है. ऐसे में भाजपा को एक ताकतवर ब्राह्मण चेहरे की तलाश है. यह तलाश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेई या फिर पूर्व विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक पर जाकर पूरी हो सकती है. दोनों नेताओं में से एक को इस बार उप मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है.
सीएम योगी के नए मंत्रिमंडल पर सभी की निगाहें हैं. इस बार बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी, ग्रामीण विकास मंत्री मोती सिंह, गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा के अलावा कई अन्य मंत्रियों को हार का मुंह देखना पड़ा है. इसके अलावा दारा सिंह, धर्म सिंह सैनी और स्वामी प्रसाद मौर्य पहले ही पार्टी छोड़ कर जा चुके हैं. इसलिए भाजपा के पास में स्थान अधिक है. इन पर नए चेहरे चमक सकते हैं.
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ब्राह्मण उप मुख्यमंत्री को लेकर पशोपेश
इस बार डॉ. दिनेश शर्मा को उप मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाना लगभग तय है. उनकी जगह नया चेहरा होगा. लक्ष्मीकांत वाजपेई भाजपा की ज्वाइनिंग कमेटी के चेयरमैन हैं. 16 विधायक जो कि दूसरे दल से भाजपा में आए हैं, उनमें से 10 ने जीत भी हासिल की है. इसके अलावा जिन लोगों ने भाजपा का समर्थन किया है और जिन्होंने जीत में योगदान किया है, ऐसे भी कई लोग हैं जो मंत्रिमंडल में जगह पाने की दावेदारी कर सकते हैं.
बड़ी भूमिका लक्ष्मीकांत वाजपेई की भी रही है. ऐसे में उनका दावा भी डिप्टी सीएम के लिए काफी मजबूत है. उनके अध्यक्ष रहते भाजपा ने 2014 में लोकसभा की 73 सीटें जीतीं थीं. वहीं ब्रजेश पाठक भी दो बार लगातार विधायक बने हैं. ऐसे में उनको भी डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है.
यह हो सकते हैं मंत्रिमंडल के नए चेहरे
प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बेबी रानी मौर्य, सरोजिनी नगर से विधायक राजेश्वर सिंह, कन्नौज से विधायक असीम अरुण, कुशीनगर से विधायक शलभमणि त्रिपाठी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र पंकज सिंह, रायबरेली से विधायक अदिति सिंह, फर्रुखाबाद सदर से विधायक मेजर सुनील द्विवेदी को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है. इनके अलावा दो नाम अपना दल से और एक नाम निषाद पार्टी से हो सकता है.
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