लखनऊ : उत्तर प्रदेश पुलिस के व्हाट्सएप ग्रुप में जालसाजों ने सेंध लगा कर सात सिपाहियों के साथ एक लाख रुपये की ठगी कर ली. जालसाजों ने ग्रुप में घुस कर सात सिपाहियों को उनके गृह जनपद में पोस्टिंग करवाने की बात कही और उनसे एक लाख ठग लिए. लॉजिस्टिक विभाग में तैनात इंस्पेक्टर राधेश्याम राव ने सुशांत गोल्फ सिटी थाने में केस दर्ज कराया है.
दरअसल, पुलिस मुख्यालय स्थित लॉजिस्टिक विभाग ने 17 मार्च को सिग्नेचर बिल्डिंग में नारकोटिक्स ट्रैकर कोर्स बीडीडीएस के लिए डॉग हैंडलर की कार्यशाला कराई थी. जिसमें 267 पीएसी और 67 पुलिसकर्मियों को 174 श्वानों को ट्रेनिंग देने के लिए प्रशिक्षण दिया गया. इन पुलिसकर्मियों की में इस कार्यशाला में शामिल हुए इन सभी पुलिसकर्मियों के लिए एक यूपी के-9 डॉग स्क्वॉड के नाम से व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया था. लॉजिस्टिक विभाग में तैनात इंस्पेक्टर राधेश्याम राव के मुताबिक इस ग्रुप में पुलिसकर्मियों के अलावा दो संदिग्ध नंबर भी गलती से जुड़ गए. इन नंबरों से ग्रुप से जुड़े सिपाहियों को पर्सनल मैसेज भेजे गए. ठग ने पुलिस मुख्यालय में तैनात होने का दावा करते हुए अपनी पहचान वर्ष 2011 बैच के सिपाही मोहित कुमार मलिक के तौर पर दी थी.
इंस्पेक्टर राधेश्याम राव के मुताबिक व्हाट्सएप ग्रुप में सेंधमारी करने वाले ठग ने सिपाहियों को डॉग हैंडलर के पद पर उनके ही गृह जनपद में नियुक्ति दिलाने की बात कही और उसके बदले सुविधा शुल्क की मांग की. सिपाहियों द्वारा सहमति दिखाए जाने पर उन्हें एक क्यू आर कोड भेजा गया. जिसमें उन्होंने कुल एक लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए, लेकिन बाद में कॉल किया गया तो उसने जवाब नहीं मिला. जिसके बाद ठगे गए सिपाहियों ने इसकी सूचना आलाधिकारियों को दी. जिन सिपाहियों को जालसाजों ने ठगा उनमें सिपाही अशोक यादव, रोहित यादव, मंजीत सिंह, लोकेंद्र यादव, नितिन कुमार, अमित कुमार और रजत कुमार शामिल हैं.
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