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पांच वर्ष की मासूम से दरिंदगी के दोषी को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा

लखनऊ के पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश ने पांच वर्ष की मासूम से दरिंदगी के दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई है. वहीं, ये भी कहा कि दोषी नरमी बरते जाने का हकदार नहीं है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 23, 2023, 10:27 PM IST

लखनऊ: 5 साल की बच्ची के साथ दुराचार करने के आरोपी अयाज उर्फ छंगा को पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश नीरज कुमार उपाध्याय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसी के साथ 30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने कहा है कि जुर्माने की आधी रकम पीड़िता को दी जाएगी. सजा के बिन्दु पर सुनवाई के बाद पारित आदेश में कोर्ट ने कहा कि आरोपी नरमी बरते जाने का कतई हकदार नहीं है.


अदालत के समक्ष अभियोजन की ओर से तर्क देते करते हुए विशेष अधिवक्ता सुखेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि आरोपी अयाज उर्फ छंगा के विरुद्ध ठाकुरगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. उक्त रिपोर्ट पीड़िता के पिता ने दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि 19 अगस्त 2020 को शाम साढे़ सात बजे वादी की बेटी ने घर आकर अपनी दादी को बताया कि वह बगल में अयाज के घर खेलने गई थी. जहां पर अयाज ने उसे टीवी के कमरे में बैठाकर दुराचार किया. कहा गया कि जब बच्ची ने चीखने की कोशिश की तो आरोपी ने उसका मुंह दबा दिया.

आरोप है कि वादी(बच्ची का पिता) जब घर आया तो उसे घटना का पता चला. अदालत को बताया गया कि पीड़िता की शिकायत पर वादी आरोपी के घर गया जिस पर आरोपी उससे लड़ने झगड़ने लगा. वहीं, आरोपी की ओर से अपने बचाव में कहा गया कि पड़ोस के परिवार से शत्रुता के कारण उसे मामले में फर्जी फंसाया गया है. हालांकि, अदालत ने बचाव पक्ष की दलीलों को खारिज कर दिया. अदालत ने कहा कि आरोपी के कृत्य को देखते हुए उसके प्रति किसी भी प्रकार की नरमी बरतना उचित नहीं है. लिहाजा उसे पांच वर्ष की अबोध बच्ची के साथ दुराचार करने के आरोप में उम्र कैद की सजा से दंडित करना न्यायोचित होगा.

लखनऊ: 5 साल की बच्ची के साथ दुराचार करने के आरोपी अयाज उर्फ छंगा को पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश नीरज कुमार उपाध्याय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसी के साथ 30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने कहा है कि जुर्माने की आधी रकम पीड़िता को दी जाएगी. सजा के बिन्दु पर सुनवाई के बाद पारित आदेश में कोर्ट ने कहा कि आरोपी नरमी बरते जाने का कतई हकदार नहीं है.


अदालत के समक्ष अभियोजन की ओर से तर्क देते करते हुए विशेष अधिवक्ता सुखेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि आरोपी अयाज उर्फ छंगा के विरुद्ध ठाकुरगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. उक्त रिपोर्ट पीड़िता के पिता ने दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि 19 अगस्त 2020 को शाम साढे़ सात बजे वादी की बेटी ने घर आकर अपनी दादी को बताया कि वह बगल में अयाज के घर खेलने गई थी. जहां पर अयाज ने उसे टीवी के कमरे में बैठाकर दुराचार किया. कहा गया कि जब बच्ची ने चीखने की कोशिश की तो आरोपी ने उसका मुंह दबा दिया.

आरोप है कि वादी(बच्ची का पिता) जब घर आया तो उसे घटना का पता चला. अदालत को बताया गया कि पीड़िता की शिकायत पर वादी आरोपी के घर गया जिस पर आरोपी उससे लड़ने झगड़ने लगा. वहीं, आरोपी की ओर से अपने बचाव में कहा गया कि पड़ोस के परिवार से शत्रुता के कारण उसे मामले में फर्जी फंसाया गया है. हालांकि, अदालत ने बचाव पक्ष की दलीलों को खारिज कर दिया. अदालत ने कहा कि आरोपी के कृत्य को देखते हुए उसके प्रति किसी भी प्रकार की नरमी बरतना उचित नहीं है. लिहाजा उसे पांच वर्ष की अबोध बच्ची के साथ दुराचार करने के आरोप में उम्र कैद की सजा से दंडित करना न्यायोचित होगा.

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