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लखनऊ में छात्र के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म, दोषी स्कूल कर्मचारी को उम्र कैद - लखनऊ में मासूम के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म

बिरहाना स्थित एक स्कूल के कर्मचारी मनोज कोरी के विरुद्ध स्कूल की प्रधानाचार्य ने 9 जुलाई 2019 को थाना वजीरगंज में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. मंगलवार को अदालत ने पीड़ित बच्चे के बयान और प्रधानाचार्य द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र को ध्यान में रखते हुए आरोपी को आजीवन कारावास व जुर्माने की सजा (life imprisonment in lucknow unnatural rape) सुनाई.

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Etunnatural rape with innocent in lucknow लखनऊ में मासूम के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म life imprisonment in lucknow unnatural rape
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Published : Apr 5, 2023, 6:31 AM IST

लखनऊ: नर्सरी क्लास में पढ़ने वाले बच्चे के साथ अप्राकृतिक दुराचार करने के आरोपी मनोज कोरी को पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने उम्र कैद की सजा (life imprisonment in lucknow unnatural rape) सुनाई. कोर्ट ने अभियुक्त पर बीस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया.

लखनऊ में मासूम के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म (unnatural rape with innocent in lucknow) के मामले में सरकारी वकील शैलेश कुमार सिंह के अनुसार बिरहाना स्थित एक स्कूल के कर्मचारी मनोज कोरी के विरुद्ध स्कूल की प्रधानाचार्य ने 9 जुलाई 2019 को थाना वजीरगंज में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि एक दिन पूर्व यानि 8 जुलाई 2019 को विद्यालय में छुट्टी हो जाने के बाद मासूम के साथ मनोज कोरी ने दुराचार किया जो कि बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.

पुलिस को दी गई रिपोर्ट में कहा गया कि मनोज कोरी को विद्यालय परिसर से हटा दिया गया है तथा अब भविष्य में बच्चों का पूरा ध्यान रखा जाएगा. अदालत ने पीड़ित बच्चे के बयान व प्रधानाचार्य द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र को ध्यान में रखते हुए आरोपी को आजीवन कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई है.

लोक सेवकों के विरुद्ध नहीं मिले भ्रष्टाचार के आरोप
लखनऊ: बैंक धोखाधड़ी के एक मामले में लोक सेवकों के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार का आरोप न पाए जाने पर सीबीआई की के विशेष न्यायाधीश अजय विक्रम सिंह ने मामले को सुनवाई के लिए न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीबीआई) की कोर्ट में भेज दिया है. विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट सीबीआई समृद्धि मिश्रा ने मामले को दर्ज करते हुए संज्ञान के बिंदु पर सुनवाई के लिए 20 अप्रैल तारीख़ तय की है, साथ ही विवेचक को भी तलब किया है.

पत्रावली के अनुसार धोखाधड़ी व धन का दुर्विनियोग करने के आरोपों को लेकर केनरा बैंक के मुख्य प्रबंधक अजीत कुमार श्रीवास्तव ने सीबीआई से शिकायत की थी जिस पर सीबीआई ने इस शिकायत को जांच के लिए 30 नवम्बर 2021 को केस दर्ज किया था. रिपोर्ट में केनरा बैंक के मैनेजर ने मेसर्स रोहतास प्रोजेक्ट लिमिटेड व मैसेज क्लेरियोन टाउनशिप के निवेशकों द्वारा दुरभि संधि कर 24 करोड़ 82 लाख रुपए का घपला किए जाने की बात कही थी.

सीबीआई की ओर से अर्जी देकर कहा गया था कि शिकायती अर्ज़ी पर मैसर्स रोहतास प्रोजेक्ट लिमिटेड, मैसर्स क्लेरियोन टाउनशिप प्राइवेट लिमिटेड, परेश रस्तोगी, पंकज रस्तोगी ,पीयूष रस्तोगी, दीपक रस्तोगी, अखिलेश और जमुना प्रसाद रावत व अज्ञात लोक सेवकों एवं अन्य के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया था. सीबीआई की ओर से बताया गया कि अब तक विवेचना में लोक सेवकों की संलिप्तता नहीं पाई गई है. आरोप पत्र के अनुसार इस मामले में विवेचना में मेसर्स रोहतास प्रोजेक्ट लिमिटेड के निदेशक तथा मेसर्स क्लेरियोन टाउनशिप प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक एवं परेश रस्तोगी ,पीयूष रस्तोगी, दीपक रस्तोगी, जमुना प्रसाद और अखिलेश के ख़िलाफ़ धोखाधड़ी का आरोप का होना पाया गया है.

ये भी पढ़ें- सीतापुर में भाजपा नेता के एंबुलेंस का रास्ता रोकने से अधिवक्ता की मौत मामले में नाराज वकीलों ने किया प्रदर्शन

लखनऊ: नर्सरी क्लास में पढ़ने वाले बच्चे के साथ अप्राकृतिक दुराचार करने के आरोपी मनोज कोरी को पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने उम्र कैद की सजा (life imprisonment in lucknow unnatural rape) सुनाई. कोर्ट ने अभियुक्त पर बीस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया.

लखनऊ में मासूम के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म (unnatural rape with innocent in lucknow) के मामले में सरकारी वकील शैलेश कुमार सिंह के अनुसार बिरहाना स्थित एक स्कूल के कर्मचारी मनोज कोरी के विरुद्ध स्कूल की प्रधानाचार्य ने 9 जुलाई 2019 को थाना वजीरगंज में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि एक दिन पूर्व यानि 8 जुलाई 2019 को विद्यालय में छुट्टी हो जाने के बाद मासूम के साथ मनोज कोरी ने दुराचार किया जो कि बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.

पुलिस को दी गई रिपोर्ट में कहा गया कि मनोज कोरी को विद्यालय परिसर से हटा दिया गया है तथा अब भविष्य में बच्चों का पूरा ध्यान रखा जाएगा. अदालत ने पीड़ित बच्चे के बयान व प्रधानाचार्य द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र को ध्यान में रखते हुए आरोपी को आजीवन कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई है.

लोक सेवकों के विरुद्ध नहीं मिले भ्रष्टाचार के आरोप
लखनऊ: बैंक धोखाधड़ी के एक मामले में लोक सेवकों के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार का आरोप न पाए जाने पर सीबीआई की के विशेष न्यायाधीश अजय विक्रम सिंह ने मामले को सुनवाई के लिए न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीबीआई) की कोर्ट में भेज दिया है. विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट सीबीआई समृद्धि मिश्रा ने मामले को दर्ज करते हुए संज्ञान के बिंदु पर सुनवाई के लिए 20 अप्रैल तारीख़ तय की है, साथ ही विवेचक को भी तलब किया है.

पत्रावली के अनुसार धोखाधड़ी व धन का दुर्विनियोग करने के आरोपों को लेकर केनरा बैंक के मुख्य प्रबंधक अजीत कुमार श्रीवास्तव ने सीबीआई से शिकायत की थी जिस पर सीबीआई ने इस शिकायत को जांच के लिए 30 नवम्बर 2021 को केस दर्ज किया था. रिपोर्ट में केनरा बैंक के मैनेजर ने मेसर्स रोहतास प्रोजेक्ट लिमिटेड व मैसेज क्लेरियोन टाउनशिप के निवेशकों द्वारा दुरभि संधि कर 24 करोड़ 82 लाख रुपए का घपला किए जाने की बात कही थी.

सीबीआई की ओर से अर्जी देकर कहा गया था कि शिकायती अर्ज़ी पर मैसर्स रोहतास प्रोजेक्ट लिमिटेड, मैसर्स क्लेरियोन टाउनशिप प्राइवेट लिमिटेड, परेश रस्तोगी, पंकज रस्तोगी ,पीयूष रस्तोगी, दीपक रस्तोगी, अखिलेश और जमुना प्रसाद रावत व अज्ञात लोक सेवकों एवं अन्य के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया था. सीबीआई की ओर से बताया गया कि अब तक विवेचना में लोक सेवकों की संलिप्तता नहीं पाई गई है. आरोप पत्र के अनुसार इस मामले में विवेचना में मेसर्स रोहतास प्रोजेक्ट लिमिटेड के निदेशक तथा मेसर्स क्लेरियोन टाउनशिप प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक एवं परेश रस्तोगी ,पीयूष रस्तोगी, दीपक रस्तोगी, जमुना प्रसाद और अखिलेश के ख़िलाफ़ धोखाधड़ी का आरोप का होना पाया गया है.

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