लखनऊ: प्रदेश सरकार के आदेश के बावजूद भी प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों को वेतन नहीं दिया जा रहा है. ऐसी शिकायत प्राइवेट टीचर वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र सिंह ने उप मुख्यमंत्री डाॅ. दिनेश शर्मा को लिखे पत्र में की है. पत्र में अध्यक्ष ने लिखा है कि महोदय, आपको अवगत कराना चाहता हूं कि कोविड-19 के कारण निजी शिक्षण संस्थानों को अपने शिक्षक एवं कर्मचारियों को पूरा वेतन दिए जाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने 19 मई दिए थे. इसके बावजूद पिछले वर्ष की तरह वेतन नहीं दिया जा रहा है.
शिक्षक नौकरी जाने के डर से शिकायत भी नहीं कर पाते
कोविड-19 के कारण विगत वर्ष- 2020 में भी सरकार द्वारा इसी प्रकार के आदेश निजी शिक्षण संस्थानों को दिए गए थे. लेकिन उत्तर प्रदेश के 90 प्रतिशत निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा अपने शिक्षक एवं कर्मचारियों को पूरा वेतन नहीं दिया गया. निजी शिक्षण संस्थानों में कार्यरत शिक्षक एवं कर्मचारी अपनी नौकरी जाने के डर से कहीं अपनी शिकायत नहीं कर पाते हैं. जिन शिक्षकों द्वारा वेतन देने के लिए एवं ईपीएफ जमा करने लिए कहा गया उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया.
शिक्षकों के हितार्थ की जाय जांच कमेटी
प्राइवेट टीचर वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र सिंह ने डिप्टी सीएम से मांग की है कि शिक्षक एवं कर्मचारी के हितार्थ जांच कमेटी गठित कर पहले विगत वर्ष- 2020 की जांच करवाई जाए. जिसमें आय-व्यय, वेतन भुगतान, ई एस आई, ई पी एफ के भुगतान सम्बंधी शामिल हों.
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आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं शिक्षक
देवेंद्र सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में सबसे ज्यादा निजी शिक्षण संस्थानों के शिक्षक एवं कर्मचारी ही आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं. क्योंकि सरकार द्वारा भी कोई वित्तीय सहायता प्रदान नहीं की जा रही है. जिस शिक्षक के हाथों में देश का भविष्य है, आज उसी शिक्षक का भविष्य अधर में लटका हुआ है.