ETV Bharat / state

लखनऊ : कांग्रेस पार्टी बन रही बागियों की पहली पसंद, कई कद्दवार नेताओं ने थामा 'हाथ' - लखनऊ न्यूज

राजधानी लखनऊ में बागी नेताओं की पसंद वाली पार्टी की रेस में कांग्रेस सबसे आगे निकल रही है. लगभग सभी पार्टियों से निकलने वाले नेता अपनी पार्टी का दामन छोड़कर सीधा कांग्रेस का हाथ थाम रहे हैं. इसी कड़ी में सोमवार को बसपा के चार और नेताओं ने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली.

कई पार्टियों के नेता कांग्रेस में शामिल हुए
author img

By

Published : Mar 5, 2019, 7:27 PM IST

लखनऊ: लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक दलों में उठापटक शुरु हो गई है. ऐसे में विभिन्न राजनीतिक दलों के बागियों की पहली पसंद कांग्रेस पार्टी बनती नजर आ रही है. तमाम पार्टियों के बागी मंत्री, सांसद और विधायक अपनी पार्टी से रूठकर कांग्रेस की तरफ रुख कर रहे हैं. इससे कांग्रेस का कुनबा मजबूत हो रहा है तो दूसरी पार्टियों में घमासान मचा हुआ है.

प्रदेश में बसपा और सपा के गठबंधन के बाद बरसों से पार्टी की सेवा कर रहे नेता बगावत करने लगे हैं. बागी हो चुके नेता अपनी पार्टी का दामन छोड़ सीधा कांग्रेस की तरफ भाग रहे हैं. कांग्रेस भी ऐसे बागी नेताओं को शरण देने में कोई कोताही नहीं कर रही है. बसपा के कद्दावर मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी के कांग्रेस में शामिल होने से शुरू हुआ यह सिलसिला बदस्तूर जारी है. अगर पार्टियों के नुकसान की बात की जाए तो कांग्रेस ने सबसे ज्यादा नुकसान बसपा को ही पहुंचाया है. इसका असर सपा और भाजपा पर भी पड़ा है.

undefined
कई पार्टियों के नेता कांग्रेस में शामिल हुए

बसपा के इन सिपाहियों ने थामा कांग्रेस का हाथ
हालांकि बागी नेताओं के सामने शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी भी एक बड़ा विकल्प है, लेकिन कांग्रेस पार्टी शिवपाल की पार्टी पर भारी पड़ रही है. पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने जब बसपा का साथ छोड़ कांग्रेस का हाथ थामा तो उन्होंने बसपा को अंदर से तोड़ने का काम भी शुरू कर दिया. इसी का नतीजा है कि पहले बसपा में राज्य मंत्री और एमएलसी रहे अतहर खां ने बसपा छोड़ कांग्रेस का दामन थामा. सीतापुर से पूर्व सांसद रहीं कैसर जहां, बसपा से ही 2 बार विधायक रहे उनके पति जास्मीर अंसारी और बसपा के ही टिकट पर विधायक का चुनाव लड़ चुके आफताब खान ने भी बसपा का साथ छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम लिया है.

भाजपा और सपा भी इससे अछूते नहीं हैं
बहराइच में भाजपा से सांसद सावित्री बाई फूले, सपा के पूर्व सांसद राकेश सचान, भाजपा से दो बार विधायक रहे मेजर जेपी सिंह के साथ ही लोहिया वाहिनी यूथ ब्रिगेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष अतुल मिश्रा ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है. पूर्व आईपीएस सौरभ पासवान और सीआरपीएफ के सेवानिवृत्त आईजी आफताब अहमद खान ने भी कांग्रेस के साथ खड़े होने का फैसला कर लिया है. इन नेताओं के हाथ मिलाने से कांग्रेस पार्टी को काफी मजबूती मिल रही है.

undefined

कांग्रेस के प्रवक्ता ने जाहिर की खुशी
हालांकि पार्टियों के जिम्मेदार यह मानने को तैयार नहीं हैं, कि उनकी पार्टी में बिखराव हो रहा है. जानकारों की मानें तो पार्टी के बागी नेता अगर पार्टी छोड़ रहे हैं और कांग्रेस की तरफ जा रहे हैं तो आगामी लोकसभा चुनाव में इन पार्टियों को नुकसान होगा और कांग्रेस को फायदा. वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ. अनूप पटेल बागी नेताओं के कांग्रेस पार्टी को ज्वाइन करने पर खुशी जाहिर करते हैं. उनका कहना है कि इससे पार्टी को निश्चित तौर पर मजबूती मिलेगी, लेकिन हम अपने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को भी सम्मान देने में पीछे नहीं हैं.

लखनऊ: लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक दलों में उठापटक शुरु हो गई है. ऐसे में विभिन्न राजनीतिक दलों के बागियों की पहली पसंद कांग्रेस पार्टी बनती नजर आ रही है. तमाम पार्टियों के बागी मंत्री, सांसद और विधायक अपनी पार्टी से रूठकर कांग्रेस की तरफ रुख कर रहे हैं. इससे कांग्रेस का कुनबा मजबूत हो रहा है तो दूसरी पार्टियों में घमासान मचा हुआ है.

प्रदेश में बसपा और सपा के गठबंधन के बाद बरसों से पार्टी की सेवा कर रहे नेता बगावत करने लगे हैं. बागी हो चुके नेता अपनी पार्टी का दामन छोड़ सीधा कांग्रेस की तरफ भाग रहे हैं. कांग्रेस भी ऐसे बागी नेताओं को शरण देने में कोई कोताही नहीं कर रही है. बसपा के कद्दावर मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी के कांग्रेस में शामिल होने से शुरू हुआ यह सिलसिला बदस्तूर जारी है. अगर पार्टियों के नुकसान की बात की जाए तो कांग्रेस ने सबसे ज्यादा नुकसान बसपा को ही पहुंचाया है. इसका असर सपा और भाजपा पर भी पड़ा है.

undefined
कई पार्टियों के नेता कांग्रेस में शामिल हुए

बसपा के इन सिपाहियों ने थामा कांग्रेस का हाथ
हालांकि बागी नेताओं के सामने शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी भी एक बड़ा विकल्प है, लेकिन कांग्रेस पार्टी शिवपाल की पार्टी पर भारी पड़ रही है. पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने जब बसपा का साथ छोड़ कांग्रेस का हाथ थामा तो उन्होंने बसपा को अंदर से तोड़ने का काम भी शुरू कर दिया. इसी का नतीजा है कि पहले बसपा में राज्य मंत्री और एमएलसी रहे अतहर खां ने बसपा छोड़ कांग्रेस का दामन थामा. सीतापुर से पूर्व सांसद रहीं कैसर जहां, बसपा से ही 2 बार विधायक रहे उनके पति जास्मीर अंसारी और बसपा के ही टिकट पर विधायक का चुनाव लड़ चुके आफताब खान ने भी बसपा का साथ छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम लिया है.

भाजपा और सपा भी इससे अछूते नहीं हैं
बहराइच में भाजपा से सांसद सावित्री बाई फूले, सपा के पूर्व सांसद राकेश सचान, भाजपा से दो बार विधायक रहे मेजर जेपी सिंह के साथ ही लोहिया वाहिनी यूथ ब्रिगेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष अतुल मिश्रा ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है. पूर्व आईपीएस सौरभ पासवान और सीआरपीएफ के सेवानिवृत्त आईजी आफताब अहमद खान ने भी कांग्रेस के साथ खड़े होने का फैसला कर लिया है. इन नेताओं के हाथ मिलाने से कांग्रेस पार्टी को काफी मजबूती मिल रही है.

undefined

कांग्रेस के प्रवक्ता ने जाहिर की खुशी
हालांकि पार्टियों के जिम्मेदार यह मानने को तैयार नहीं हैं, कि उनकी पार्टी में बिखराव हो रहा है. जानकारों की मानें तो पार्टी के बागी नेता अगर पार्टी छोड़ रहे हैं और कांग्रेस की तरफ जा रहे हैं तो आगामी लोकसभा चुनाव में इन पार्टियों को नुकसान होगा और कांग्रेस को फायदा. वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ. अनूप पटेल बागी नेताओं के कांग्रेस पार्टी को ज्वाइन करने पर खुशी जाहिर करते हैं. उनका कहना है कि इससे पार्टी को निश्चित तौर पर मजबूती मिलेगी, लेकिन हम अपने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को भी सम्मान देने में पीछे नहीं हैं.

Intro:बागियों की पसंद वाली रेस में सभी पार्टियों से आगे कांग्रेस

लखनऊ। विभिन्न राजनीतिक दलों के बागियों की पहली पसंद कांग्रेस पार्टी बन रही है। तमाम पार्टियों के बागी मंत्री, सांसद,
विधायक अपनी पार्टी से रूठ कांग्रेस की तरफ रुख कर रहे हैं। इससे कांग्रेस का कुनबा मजबूत हो रहा है वहीं दूसरी पार्टियों में घमासान मचा हुआ है। बसपा के कद्दावर मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी के कांग्रेस में जॉइनिंग से शुरू हुआ यह सिलसिला बदस्तूर जारी है। अगर पार्टियों के नुकसान की बात की जाए तो कांग्रेस ने सबसे ज्यादा नुकसान बसपा को ही पहुंचाया है। नुकसान के मामले में सपा और भाजपा भी कांग्रेस से अफेक्टेड है।


Body:प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के गठबंधन के बाद बरसों से पार्टी की सेवा करते रहे नेता अब पार्टी से ही बगावत करने लगे हैं। बागी हो चुके नेता अपनी पार्टी का दामन छोड़ सीधा कांग्रेस की तरफ भाग रहे हैं। कांग्रेस ऐसे बागी नेताओं को शरण देने में कोताही भी नहीं कर रही है। हालांकि बागी नेताओं के सामने शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी एक बड़ा विकल्प है, लेकिन कांग्रेस पार्टी शिवपाल की पार्टी पर भारी पड़ रही है। बसपा के पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने जब बहुजन समाज पार्टी का साथ छोड़ कांग्रेस का हाथ थामा तो उन्होंने बसपा को अंदर से तोड़ने का काम भी शुरू कर दिया। इसी का नतीजा है कि पहले बहुजन समाज पार्टी में राज्य मंत्री और एमएलसी रहे अतहर खां ने बसपा छोड़ कांग्रेस का दामन थामा। इसके बाद कल ही सीतापुर से पूर्व सांसद कैसर जहां और बसपा से ही 2 बार के विधायक रहे उनके पति जास्मीर अंसारी, बसपा के ही टिकट पर विधायक का चुनाव लड़ चुके आफताब खान ने भी बसपा का साथ छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम लिया। यह सिलसिला यहीं नहीं रुका। भाजपा की बहराइच से सांसद सावित्री बाई फुले, सपा के पूर्व सांसद राकेश सचान, भाजपा से दो बार विधायक रहे मेजर जेपी सिंह के साथ ही लोहिया वाहिनी यूथ ब्रिगेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष अतुल मिश्रा के अलावा पूर्व आईपीएस सौरभ पासवान और सीआरपीएफ के सेवानिवृत्त आईजी आफताब अहमद खान भी कांग्रेस के साथ आ खड़े हुए।


Conclusion:बागी नेताओं को कांग्रेस के हाथ का साथ काफी रास आ रहा है, ऐसे में कांग्रेस को इससे काफी मजबूती मिल रही है, वहीं दूसरी पार्टियां अपने को कमजोर आंकने भी लगी हैं। हालांकि पार्टियों के जिम्मेदार यह मानने को तैयार नहीं है कि उनकी पार्टी में बिखराव हो रहा है, लेकिन जानकारों की माने तो पार्टी के बागी नेता अगर पार्टी छोड़ रहे हैं और कांग्रेस की तरफ से आ रहे हैं तो आगामी लोकसभा चुनाव में इन पार्टियों को नुकसान होगा और कांग्रेस को फायदा।

बाइट

कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ अनूप पटेल बागी नेताओं के कांग्रेस पार्टी को ज्वाइन करने पर प्रसन्नता जाहिर करते हैं। उनका कहना है कि इससे पार्टी को निश्चित तौर पर मजबूती मिलेगी, लेकिन हम अपने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को भी सम्मान देने में पीछे नहीं हैं। चुनाव में उनका पूरा ख्याल रखा जाएगा।

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.