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लखनऊ: एलडीए वीसी को हाईकोर्ट ने अवमानना में किया तलब - लखनऊ हाईकोर्ट

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एलडीए वीसी पीएन सिंह को अदालत के आदेश की अवमानना के एक मामले में तलब किया है. न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई 16 अगस्त लगाते हुए उन पर आरोप तय करने के लिए व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का आदेश दिया है.

लखनऊ हाईकोर्ट ने अवमानना के मामले में एलडीए वीसी को किया तलब
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Published : Jul 27, 2019, 9:04 AM IST

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एलडीए वीसी पीएन सिंह को अदालत के आदेश की अवमानना के एक मामले में तलब किया है. यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल सद्स्यीय पीठ ने सुरैया बेगम की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर पारित किया. याची के अधिवक्ता बीके सिंह ने दलील दी कि कोर्ट ने 29 अगस्त 2018 को पारित एक निर्णय में याची के पति की वर्क चार्ज कर्मचारी के रूप में दी गई सेवाओं को शामिल करने का आदेश दिया था.

उस आदेश का अनुपालन आज तक नहीं किया गया है. वहीं एलडीए के अधिवक्ता रत्नेश चंद्रा का तर्क था कि कोर्ट ने एलडीए से पुर्नविचार करने का कहा था, जिसे करने के बाद याची के पति का मामला खारिज कर दिया गया, लिहाजा इस मामले में कोई अवमानना नहीं है.

जानिए क्या है पूरा मामला -

  • हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एलडीए वीसी पीएन सिंह को अदालत के आदेश की अवमानना के एक मामले में तलब किया.
  • न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल सदस्यीय पीठ ने सुरैया बेगम की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर यह निर्णय सुनाया.
  • याची के अधिवक्ता बीके सिंह ने दलील दी कि कोर्ट ने एक निर्णय में याची के पति की वर्क चार्ज कर्मचारी के रूप में दी गई सेवाओं को शामिल करने का आदेश दिया था.
  • उस आदेश का अनुपालन आज तक नहीं किया गया है.
  • याची की ओर से यह भी कहा गया कि उक्त आदेश के खिलाफ एलडीए ने कोई अपील दाखिल नहीं की है.
  • एलडीए ने 3 नवंबर 2018 को आदेश पारित करके याची के पति की वर्क चार्ज कर्मचारी के रूप में दी गई सेवाओं की गणना करने से मना कर दिया.
  • एलडीए के अधिवक्ता रत्नेश चंद्रा का तर्क था कि कोर्ट ने एलडीए से पुर्नविचार करने का कहा था, जिसे करने के बाद याची के पति का मामला खारिज कर दिया गया.
  • उनका कहना है कि इस मामले में कोई अवमानना नहीं है.

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एलडीए वीसी पीएन सिंह को अदालत के आदेश की अवमानना के एक मामले में तलब किया है. यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल सद्स्यीय पीठ ने सुरैया बेगम की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर पारित किया. याची के अधिवक्ता बीके सिंह ने दलील दी कि कोर्ट ने 29 अगस्त 2018 को पारित एक निर्णय में याची के पति की वर्क चार्ज कर्मचारी के रूप में दी गई सेवाओं को शामिल करने का आदेश दिया था.

उस आदेश का अनुपालन आज तक नहीं किया गया है. वहीं एलडीए के अधिवक्ता रत्नेश चंद्रा का तर्क था कि कोर्ट ने एलडीए से पुर्नविचार करने का कहा था, जिसे करने के बाद याची के पति का मामला खारिज कर दिया गया, लिहाजा इस मामले में कोई अवमानना नहीं है.

जानिए क्या है पूरा मामला -

  • हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एलडीए वीसी पीएन सिंह को अदालत के आदेश की अवमानना के एक मामले में तलब किया.
  • न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल सदस्यीय पीठ ने सुरैया बेगम की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर यह निर्णय सुनाया.
  • याची के अधिवक्ता बीके सिंह ने दलील दी कि कोर्ट ने एक निर्णय में याची के पति की वर्क चार्ज कर्मचारी के रूप में दी गई सेवाओं को शामिल करने का आदेश दिया था.
  • उस आदेश का अनुपालन आज तक नहीं किया गया है.
  • याची की ओर से यह भी कहा गया कि उक्त आदेश के खिलाफ एलडीए ने कोई अपील दाखिल नहीं की है.
  • एलडीए ने 3 नवंबर 2018 को आदेश पारित करके याची के पति की वर्क चार्ज कर्मचारी के रूप में दी गई सेवाओं की गणना करने से मना कर दिया.
  • एलडीए के अधिवक्ता रत्नेश चंद्रा का तर्क था कि कोर्ट ने एलडीए से पुर्नविचार करने का कहा था, जिसे करने के बाद याची के पति का मामला खारिज कर दिया गया.
  • उनका कहना है कि इस मामले में कोई अवमानना नहीं है.

एलडीए वीसी को हाईकोर्ट ने अवमानना में किया तलब
16
अगस्त को तय किए जाएंगे आरोप
विधि संवाददाता
लखनऊ। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एलडीए वीसी पीएन सिंह को
अदालत के आदेश की अवमानना के एक मामले में तलब किया है। न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई 16 अगस्त लगाते हुए, उन पर आरोप तय करने के लिए व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का आदेश दिया है। 
      यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल सद्स्यीय पीठ ने सुरैया बेगम की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर पारित किया। याची के अधिवक्ता बीके सिंह ने दलील दी कि कोर्ट ने 29 अगस्त 2018 को पारित एक निर्णय में याची के पति की वर्क चार्ज कर्मचारी के रूप में दी गई सेवाओं को शामिल करने का आदेश दिया था लेकिन उस आदेश का अनुपालन आज तक नही किया गया है। याची की ओर से यह भी कहा गया कि उक्त आदेश के खिलाफ एलडीए ने कोई अपील दाखिल नहीं की है, बावजूद इसके एलडीए ने 3 नवंबर 2018 को आदेश पारित करके याची के पति की वर्क चार्ज कर्मचारी के रूप में दी गई सेवाओं की गणना करने से मना कर दिया। वहीं एलडीए के अधिवक्ता रत्नेश चंद्रा का तर्क था कि कोर्ट ने एलडीए से पुर्नविचार करने का कहा था जिसे करने के बाद याची के पति का मामला खारिज कर दिया गया, लिहाजा इस मामले में कोई अवमानना नहीं है।
न्यायालय ने पाया कि याची के को वर्क चार्ज कर्मचारी के रूप में किये गये कार्य की गणना करते हुए पेंशन और अन्य देयों को प्रदान करने का आदेश दिया था जिसका आज तक अनुपालन नहीं हुआ।

 


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Chandan Srivastava
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