लखनऊ : अकबरनगर में कारोबारियों का आंकड़ा लखनऊ विकास प्राधिकरण जीएसटी विभाग से निकलवा रहा है. यहां अनेक कारोबारी के जीएसटी नंबर उनके बोर्ड पर लिखे हुए हैं, जिनके आधार पर टर्नओवर निकाला जा रहा है. तीन करोड़ रुपए सालाना तक का टर्नओवर निकल रहा है. यह सारी डिटेल पहले शासन और उसके बाद हाईकोर्ट के सामने रखी जाएगी. 21 जनवरी को इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई है.
300 मकानों में रहते हैं किराएदार : अकबरनगर में लोगों ने नदी किनारे जमीन कब्जा कर पक्के मकान बनाए और किराए पर उठा दिए हैं. खुद महानगर, गोमती नगर और गोमती नगर विस्तार में रहते हैं और इन अवैध इमारतों से हर महीना किराया वसूल रहे हैं. नगर निगम की सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, अकबरनगर में बने करीब 1200 मकानों में करीब 300 मकान ऐसे हैं, जहां सिर्फ किराएदार रहते हैं. यही वजह है कि अभियान शुरू होने के बाद इन किराएदारों ने बिना विरोध मकान खाली करने को हामी भर दी. इनमें ज्यादातर मकान छोड़ भी चुके हैं. नदी की जमीन पर सड़क की तरफ बनी 101 व्यावसायिक इमारतों में कई दुकानें चल रही हैं. इनकी सालाना आमदनी का रिकॉर्ड निकाला गया तो कई दुकानों से सालाना तीन करोड़ रुपये तक का टर्नओवर सामने आया. इनमें कई दुकानदार ऐसे हैं, जिन्होंने सड़क से सटी पीडब्ल्यूडी की जमीन पर भी कब्जा कर पक्का निर्माण करवा लिया है. पीडब्ल्यूडी ने भी इन्हें नोटिस दिया है.
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सालाना टर्नओवर 3 करोड़ तक : लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि 'अकबरपुर में अवैध निर्माण के संबंध में एलडीए ने अपने सर्वे के आधार पर जीएसटी विभाग से रिपोर्ट मांगी है. काफी बड़ी संख्या में कब्जदारों की रिकॉर्ड्स मिले हैं. जिनका सालाना टर्नओवर 3 करोड़ तक पाया जा रहा है. अवैध कब्जा करके खुद को गरीब साबित करने वाले लोग किस कदर व्यावसायिक इस्तेमाल इस सरकारी भूमि का कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में ऐसे कब्जेदार सामने आ रहे हैं. हम एक डोजियर तैयार करवा रहे हैं. कोर्ट के सामने यह पूरी रिपोर्ट रखी जाएगी और दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.'