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LDA का तोहफा: जमा करें कीमत की 25 फीसदी धनराशि, पाएं 10 साल की आसान किस्तों पर फ्लैट

लखनऊ विकास प्राधिकरण ने लोगों के खुद के मकान और दुकान होने के सपने को हकीकत में बदलने के लिए एक और कदम बढ़ाया है. शनिवार को प्राधिकरण बोर्ड की 178वीं बैठक में 10 साल की आसान किस्तों पर लोगों को दुकान और मकान मुहैया कराने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई है.

Lucknow Development Authorit
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Published : Aug 6, 2023, 7:54 AM IST

लखनऊः अगर आपने अपना खुद का फ्लैट और दुकान लेने का सपना संजोया है, तो लखनऊ विकास प्राधिकरण इस सपने को हकीकत में बदलने में आपकी मदद कर सकता है. अब फ्लैट और दुकान की वास्तविक कीमत का सिर्फ 25 से 35 फीसदी जमा करके आप उस पर अपना कब्जा जमा सकते हैं. इसके बाद 10 साल में आसान किस्तों पर पूरा भुगतान करके इस संपत्ति को अपने नाम करा सकते हैं. शनिवार को लखनऊ विकास प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में एलडीए की तरफ से यह फैसला लिया गया. अध्यक्ष डाॅ. रोशन जैकब की अध्यक्षता में इस प्रस्ताव के साथ ही कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर भी मुहर लगी.

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने शनिवार को प्राधिकरण बोर्ड की 178वीं बैठक की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं में खाली फ्लैट और दुकानों को 10 साल की आसान किस्तों पर बेचा जाएगा. सरकारी और अर्द्ध सरकारी संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारियों को फ्लैट के मूल्य की 25 प्रतिशत धनराशि और जन सामान्य को 35 प्रतिशत धनराशि जमा कराने पर अनुबंध कर फ्लैट का कब्जा दे दिया जाएगा. शेष धनराशि 10 साल की आसान किस्तों में देनी होगी. दुकानों के लिए निर्धारित मूल्य की 25 प्रतिशत धनराशि का अग्रिम भुगतान करके कब्जा लिया जा सकेगा. शेष राशि किस्तों में अदा करनी होगी.

उन्होंने बताया कि अब नियोजित और स्वीकृत योजना में आवासीय उपयोग के लिए 2 भूखण्ड और व्यवसायिक उपयोग के लिए 4 भूखण्डों को जोड़कर भवन का निर्माण कराया जा सकेगा. इसके लिए प्राधिकरण ने आमेलन शुल्क लेकर मानचित्र स्वीकृत किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है. उपाध्यक्ष ने बताया कि आवासीय के लिए प्रचलित सर्किल रेट का एक प्रतिशत, कार्यालय और अन्य उपयोग के भूखण्डों पर 2 प्रतिशत और व्यवसायिक उपयोग के भूखण्डों के लिए 3 प्रतिशत आमेलन शुल्क लगेगा.

एलडीए उपाध्यक्ष के अनुसार, आवासीय और अनावासीय भूखण्डों के उपविभाजन के प्रस्ताव को भी बोर्ड ने पास कर दिया है. इसके तहत 100 वर्गमीटर और इससे अधिक क्षेत्रफल के भूखण्डों का उपविभाजन किया जा सकेगा. यह व्यवस्था उन्हीं प्रकरणों में लागू होगी, जिनमें आवासीय भूखण्ड न्यूनतम नौ मीटर चौड़ी रोड और अनावासीय भूखण्ड न्यूनतम 12 मीटर चौड़ी सड़क पर स्थित हों, इसके लिए आवेदनकर्ता को शमन उपविधि के अनुसार सब डिवीजन चार्ज और विकास शुल्क नियमावली के अनुसार शुल्क एलडीए को देना होगा. मास्टर प्लान के अतिरिक्त अनियोजित क्षेत्र में स्थित ऐसे मुख्य मार्ग जिनका निर्माण और अनुरक्षण शासकीय संस्थाएं कर रही हैं, वहां स्थित सम्पत्तियों का मानचित्र भी अब प्राधिकरण से निस्तारित किया जाएगा.

ये सभी रहे उपस्थितः बोर्ड बैठक में प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी, सचिव पवन कुमार गंगवार, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) राकेश कुमार सिंह, अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा, वित्त नियंत्रक दीपक सिंह, नगर नियोजक केके गौतम, प्रभारी मुख्य अभियंता एके सिंह, विशेष कार्याधिकारी प्रिया सिंह और देवांश त्रिवेदी, एसडीएम शशिभूषण पाठक व सहायक लेखाधिकारी विनोद श्रीवास्तव मौजूद रहे.

ये भी पढ़ेंः प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के क्षेत्र के चारागाहों पर भी कब्जे, मंत्री ने कहा-हर हाल में खाली कराए जाएंगे

लखनऊः अगर आपने अपना खुद का फ्लैट और दुकान लेने का सपना संजोया है, तो लखनऊ विकास प्राधिकरण इस सपने को हकीकत में बदलने में आपकी मदद कर सकता है. अब फ्लैट और दुकान की वास्तविक कीमत का सिर्फ 25 से 35 फीसदी जमा करके आप उस पर अपना कब्जा जमा सकते हैं. इसके बाद 10 साल में आसान किस्तों पर पूरा भुगतान करके इस संपत्ति को अपने नाम करा सकते हैं. शनिवार को लखनऊ विकास प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में एलडीए की तरफ से यह फैसला लिया गया. अध्यक्ष डाॅ. रोशन जैकब की अध्यक्षता में इस प्रस्ताव के साथ ही कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर भी मुहर लगी.

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने शनिवार को प्राधिकरण बोर्ड की 178वीं बैठक की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं में खाली फ्लैट और दुकानों को 10 साल की आसान किस्तों पर बेचा जाएगा. सरकारी और अर्द्ध सरकारी संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारियों को फ्लैट के मूल्य की 25 प्रतिशत धनराशि और जन सामान्य को 35 प्रतिशत धनराशि जमा कराने पर अनुबंध कर फ्लैट का कब्जा दे दिया जाएगा. शेष धनराशि 10 साल की आसान किस्तों में देनी होगी. दुकानों के लिए निर्धारित मूल्य की 25 प्रतिशत धनराशि का अग्रिम भुगतान करके कब्जा लिया जा सकेगा. शेष राशि किस्तों में अदा करनी होगी.

उन्होंने बताया कि अब नियोजित और स्वीकृत योजना में आवासीय उपयोग के लिए 2 भूखण्ड और व्यवसायिक उपयोग के लिए 4 भूखण्डों को जोड़कर भवन का निर्माण कराया जा सकेगा. इसके लिए प्राधिकरण ने आमेलन शुल्क लेकर मानचित्र स्वीकृत किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है. उपाध्यक्ष ने बताया कि आवासीय के लिए प्रचलित सर्किल रेट का एक प्रतिशत, कार्यालय और अन्य उपयोग के भूखण्डों पर 2 प्रतिशत और व्यवसायिक उपयोग के भूखण्डों के लिए 3 प्रतिशत आमेलन शुल्क लगेगा.

एलडीए उपाध्यक्ष के अनुसार, आवासीय और अनावासीय भूखण्डों के उपविभाजन के प्रस्ताव को भी बोर्ड ने पास कर दिया है. इसके तहत 100 वर्गमीटर और इससे अधिक क्षेत्रफल के भूखण्डों का उपविभाजन किया जा सकेगा. यह व्यवस्था उन्हीं प्रकरणों में लागू होगी, जिनमें आवासीय भूखण्ड न्यूनतम नौ मीटर चौड़ी रोड और अनावासीय भूखण्ड न्यूनतम 12 मीटर चौड़ी सड़क पर स्थित हों, इसके लिए आवेदनकर्ता को शमन उपविधि के अनुसार सब डिवीजन चार्ज और विकास शुल्क नियमावली के अनुसार शुल्क एलडीए को देना होगा. मास्टर प्लान के अतिरिक्त अनियोजित क्षेत्र में स्थित ऐसे मुख्य मार्ग जिनका निर्माण और अनुरक्षण शासकीय संस्थाएं कर रही हैं, वहां स्थित सम्पत्तियों का मानचित्र भी अब प्राधिकरण से निस्तारित किया जाएगा.

ये सभी रहे उपस्थितः बोर्ड बैठक में प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी, सचिव पवन कुमार गंगवार, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) राकेश कुमार सिंह, अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा, वित्त नियंत्रक दीपक सिंह, नगर नियोजक केके गौतम, प्रभारी मुख्य अभियंता एके सिंह, विशेष कार्याधिकारी प्रिया सिंह और देवांश त्रिवेदी, एसडीएम शशिभूषण पाठक व सहायक लेखाधिकारी विनोद श्रीवास्तव मौजूद रहे.

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