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बसंतकुंज योजना के आवंटियों को राहत, जल्द मिलेंगे प्लाट पर कब्जे

राजधानी की बसंतकुंज योजना के आवंटियों को बड़ी राहत मिली है. इस योजना के तहत दिए जाने वाले भूखंड का ले-आऊट फाइनल कर दिया गया है. अब आवंटियों को जल्द ही प्लाट पर कब्जे मिल सकेंगे.

बसंतकुंज योजना के आवंटियों को राहत
बसंतकुंज योजना के आवंटियों को राहत
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Published : Jan 19, 2021, 5:43 AM IST

लखनऊ: एलडीए की बसंतकुंज योजना के 678 आवंटियों को जल्द ही कब्जा मिलेगा. लखनऊ विकास प्राधिकरण ने यहां का ले-आउट बदलकर फाइनल कर दिया है, जिसके चलते अब नए सिरे से आवंटियों को भूखंडों का नंबर आवंटित किया जाएगा. प्राधिकरण के इस फैसले से करीब 15 साल बाद किसानों के साथ विवाद का निस्तारण हो सका है. ले-आउट प्लान बदलने से करीब पांच सौ नए भूखंडों के पंजीकरण खोलने का भी रास्ता साफ हो गया है. इन सभी के प्लॉट नंबर भी बदल गए हैं. अब जल्दी ही एलडीए इन आवंटियों को नए प्लॉट के बारे में सूचना भेजेगा. इसके साथ ही वर्ष 2018 के 565 प्लाट के विवाद का भी निस्तारण हो गया है. अब सबको बिना विवाद के कब्जे मिल सकेंगे.

लंबे समय से चल रहा था विवाद
दरअसल, एलडीए ने वर्ष 2005-2006 में बसंतकुंज योजना शुरू की थी. यहां लाटरी से भूखण्ड आवंटित किए गए थे. ज्यादातर लोगों को भूखंड दे दिए गए, लेकिन सेक्टर एन में विभिन्न श्रेणी के 253 और सेक्टर ओ में 425 लोगों को किसानों से विवाद के चलते उनके प्लॉट नहीं मिल सके. लंबे समय से यह लोग प्राधिकरण से अपने प्लाट का कब्जा लेने के लिए चक्कर लगा रहे थे.

ले-आऊट बदला तो प्लाट के नंबर भी बदल जाएंगे
अब एलडीए ने यहां के ले-आउट में परिवर्तन कर दिया है, जिसके चलते इन भूखंडों को नया नंबर दिया गया है. अब पूर्व के आवंटियों को नई जगह पर प्लॉट दिया जाएगा. ले-आउट बदलकर नए प्लॉट खाली जगहों पर सृजित किए जा रहे हैं. एलडीए सचिव पवन कुमार गंगवार पिछले कई दिनों से यहां के विवाद को निपटाने के लिए बैठकें कर रहे थे. अर्जन, संपत्ति और नियोजन के साथ कई चरणों की बैठक के बाद सोमवार को इस संबंध में नए ले-आउट प्लान को मंजूरी दे दी गई.

आवंटियों के प्लाट के एरिया में नहीं होगा बदलाव
एलडीए सचिव ने बताया कि काफी समय से यह विवाद बना हुआ था. उनका कहना है कि नई जगह भूखंड देने के बाद भी क्षेत्रफल में कोई अंतर नहीं होगा. जिसको पहले जितना बड़ा प्लॉट आवंटित था उसे उतना बड़ा ही मिलेगा. जिसे पूर्व में कॉर्नर का प्लाट मिला था उसे कार्नर का ही दिया जाएगा. जिसके प्लॉट पार्क फेसिंग होंगे उसे पार्क फेसिंग ही मिलेगा.

प्रयास किया गया है कि यथासंभव लोगों को वैसा ही प्लाट मिले. जिसके जितने बड़े प्लाट होंगे उतना बड़ा ही दिया जाएगा. 95 फीसद लोगों को निराश नहीं होना पड़ेगा. ले-आउट बदलना एक बड़ा काम था. इससे नए भूखंडों के लिए पंजीकरण भी जल्द खोले जाएंगे.
-पवन गंगवार,सचिव,एलडीए

लखनऊ: एलडीए की बसंतकुंज योजना के 678 आवंटियों को जल्द ही कब्जा मिलेगा. लखनऊ विकास प्राधिकरण ने यहां का ले-आउट बदलकर फाइनल कर दिया है, जिसके चलते अब नए सिरे से आवंटियों को भूखंडों का नंबर आवंटित किया जाएगा. प्राधिकरण के इस फैसले से करीब 15 साल बाद किसानों के साथ विवाद का निस्तारण हो सका है. ले-आउट प्लान बदलने से करीब पांच सौ नए भूखंडों के पंजीकरण खोलने का भी रास्ता साफ हो गया है. इन सभी के प्लॉट नंबर भी बदल गए हैं. अब जल्दी ही एलडीए इन आवंटियों को नए प्लॉट के बारे में सूचना भेजेगा. इसके साथ ही वर्ष 2018 के 565 प्लाट के विवाद का भी निस्तारण हो गया है. अब सबको बिना विवाद के कब्जे मिल सकेंगे.

लंबे समय से चल रहा था विवाद
दरअसल, एलडीए ने वर्ष 2005-2006 में बसंतकुंज योजना शुरू की थी. यहां लाटरी से भूखण्ड आवंटित किए गए थे. ज्यादातर लोगों को भूखंड दे दिए गए, लेकिन सेक्टर एन में विभिन्न श्रेणी के 253 और सेक्टर ओ में 425 लोगों को किसानों से विवाद के चलते उनके प्लॉट नहीं मिल सके. लंबे समय से यह लोग प्राधिकरण से अपने प्लाट का कब्जा लेने के लिए चक्कर लगा रहे थे.

ले-आऊट बदला तो प्लाट के नंबर भी बदल जाएंगे
अब एलडीए ने यहां के ले-आउट में परिवर्तन कर दिया है, जिसके चलते इन भूखंडों को नया नंबर दिया गया है. अब पूर्व के आवंटियों को नई जगह पर प्लॉट दिया जाएगा. ले-आउट बदलकर नए प्लॉट खाली जगहों पर सृजित किए जा रहे हैं. एलडीए सचिव पवन कुमार गंगवार पिछले कई दिनों से यहां के विवाद को निपटाने के लिए बैठकें कर रहे थे. अर्जन, संपत्ति और नियोजन के साथ कई चरणों की बैठक के बाद सोमवार को इस संबंध में नए ले-आउट प्लान को मंजूरी दे दी गई.

आवंटियों के प्लाट के एरिया में नहीं होगा बदलाव
एलडीए सचिव ने बताया कि काफी समय से यह विवाद बना हुआ था. उनका कहना है कि नई जगह भूखंड देने के बाद भी क्षेत्रफल में कोई अंतर नहीं होगा. जिसको पहले जितना बड़ा प्लॉट आवंटित था उसे उतना बड़ा ही मिलेगा. जिसे पूर्व में कॉर्नर का प्लाट मिला था उसे कार्नर का ही दिया जाएगा. जिसके प्लॉट पार्क फेसिंग होंगे उसे पार्क फेसिंग ही मिलेगा.

प्रयास किया गया है कि यथासंभव लोगों को वैसा ही प्लाट मिले. जिसके जितने बड़े प्लाट होंगे उतना बड़ा ही दिया जाएगा. 95 फीसद लोगों को निराश नहीं होना पड़ेगा. ले-आउट बदलना एक बड़ा काम था. इससे नए भूखंडों के लिए पंजीकरण भी जल्द खोले जाएंगे.
-पवन गंगवार,सचिव,एलडीए

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