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कृषि उत्पादन बढ़ाने में सहायक होगी लेजर लेवलर मशीन

प्रदेश की योगी सरकार किसानों की समस्याओं को लेकर काफी गंभीर है. यही कारण है कि कृषि विभाग किसानों को वर्षा जल संचयन के लिए प्रेरित कर रहा है, जिससे कि वर्षा के जल का संचयन किया जा सके और किसान इसका लाभ उठा सकें.

उप कृषि निदेशक डॉ. सीपी श्रीवास्तव
उप कृषि निदेशक डॉ. सीपी श्रीवास्तव
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Published : Apr 9, 2021, 3:03 PM IST

लखनऊ: देश व प्रदेश में लगातार पर्यावरण का क्षरण हो रहा है. इसका असर भूगर्भ जल पर भी पड़ रहा है. यही कारण है कि प्रतिवर्ष भूगर्भ जल का स्तर नीचे चला जा रहा है. ऐसे में यदि समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में इसके भयावह परिणाम हम सब को भुगतने भी पड़ेंगे.

वर्षा के जल के संरक्षण की कोशिशों के साथ ही कृषि विभाग किसानों को जल संरक्षण के लिए जागरूक कर रहा है. इसके लिए किसानों को लेजर लेवलर मशीन के सहारे जल संरक्षण के बारे में जागरूक किया जा रहा है, जिससे जल को संरक्षित किया जा सके और आने वाले समय में जल की समस्या का सामना न करना पड़े.

क्या कहते हैं अपर कृषि निदेशक
लगातार हो रहे जल के क्षरण को लेकर उप कृषि निदेशक डॉ. सीपी श्रीवास्तव ने बताया कि लेजर लेवलर मशीन का उपयोग करने से न केवल 25 प्रतिशत सिंचाई के पानी की बचत होगी बल्कि इससे कृषि के उत्पादन में भी 20 फीसदी की बचत होगी. निश्चित रूप से इसके प्रयोग के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है, जिससे किसान लाभान्वित हो सकें.

इसे भी पढ़ें:- कोरोना संकट: प्रयागराज पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ

पेड़-पौधों की हो रही कमी
उप कृषि निदेशक डॉ. सीपी श्रीवास्तव ने बताया कि लगातार पेड़-पौधों की कमी हो रही है और धरती सूख रही है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार लखनऊ का कुल क्षेत्रफल 2,528 वर्ग किलोमीटर है, जबकि 5.1 फीसद ही वन क्षेत्र है.

क्या है लेजर लेवलर मशीन
लेजर लेवलर मशीन को लेजर तकनीक से बनाया है. यह यंत्र ट्रैक्टर के सहारे चलता है. इसका लेजर सिस्टम खेत के लेवल के बारे में बताने के साथ ही ट्रैक्टर के हाइड्रोलिक यूनिट को भी नियंत्रित करता है. इसके संचालन के लिए 50 हॉर्स पावर के ट्रैक्टर की आवश्यकता होती है. बीहड़ और नीचे के क्षेत्रों के लिए भी इसका प्रयोग किया जा सकता है. निश्चित रूप से इसका लाभ किसानों को मिलेगा.

लखनऊ: देश व प्रदेश में लगातार पर्यावरण का क्षरण हो रहा है. इसका असर भूगर्भ जल पर भी पड़ रहा है. यही कारण है कि प्रतिवर्ष भूगर्भ जल का स्तर नीचे चला जा रहा है. ऐसे में यदि समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में इसके भयावह परिणाम हम सब को भुगतने भी पड़ेंगे.

वर्षा के जल के संरक्षण की कोशिशों के साथ ही कृषि विभाग किसानों को जल संरक्षण के लिए जागरूक कर रहा है. इसके लिए किसानों को लेजर लेवलर मशीन के सहारे जल संरक्षण के बारे में जागरूक किया जा रहा है, जिससे जल को संरक्षित किया जा सके और आने वाले समय में जल की समस्या का सामना न करना पड़े.

क्या कहते हैं अपर कृषि निदेशक
लगातार हो रहे जल के क्षरण को लेकर उप कृषि निदेशक डॉ. सीपी श्रीवास्तव ने बताया कि लेजर लेवलर मशीन का उपयोग करने से न केवल 25 प्रतिशत सिंचाई के पानी की बचत होगी बल्कि इससे कृषि के उत्पादन में भी 20 फीसदी की बचत होगी. निश्चित रूप से इसके प्रयोग के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है, जिससे किसान लाभान्वित हो सकें.

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पेड़-पौधों की हो रही कमी
उप कृषि निदेशक डॉ. सीपी श्रीवास्तव ने बताया कि लगातार पेड़-पौधों की कमी हो रही है और धरती सूख रही है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार लखनऊ का कुल क्षेत्रफल 2,528 वर्ग किलोमीटर है, जबकि 5.1 फीसद ही वन क्षेत्र है.

क्या है लेजर लेवलर मशीन
लेजर लेवलर मशीन को लेजर तकनीक से बनाया है. यह यंत्र ट्रैक्टर के सहारे चलता है. इसका लेजर सिस्टम खेत के लेवल के बारे में बताने के साथ ही ट्रैक्टर के हाइड्रोलिक यूनिट को भी नियंत्रित करता है. इसके संचालन के लिए 50 हॉर्स पावर के ट्रैक्टर की आवश्यकता होती है. बीहड़ और नीचे के क्षेत्रों के लिए भी इसका प्रयोग किया जा सकता है. निश्चित रूप से इसका लाभ किसानों को मिलेगा.

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