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लखनऊ: सिविल हॉस्पिटल की पीआईसीयू में लंबा होता इंतजार, वेंटिलेटर डिब्बे में पैक - लखनऊ के अस्पताल में वेंटिलेटर की कमी

लखनऊ के सिविल अस्पताल में 2013 में पीआईसीयू की निर्माण की घोषणा हुई थी, लेकिन उपकरणों की आपूर्ति के चलते सिविल हॉस्पिटल की पीआईसीयू अभी तक शुरू नहीं हो सका है. ऐसे में प्रदेश भर से आए हुए मरीज बच्चों को पीआईसीयू में वेंटिलेटर जैसी सुविधाएं संसाधनों की कमी होने की वजह से सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं.

सिविल हॉस्पिटल की पीआईसीयू में लंबा होता इंतजार.
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Published : May 11, 2019, 8:53 PM IST

लखनऊ : राजधानी के सिविल अस्पताल में पीआईसीयू के लिए मंगाए गए वेंटिलेटर साल भर से डिब्बे में पैक है. मॉनिटर ऑक्सीजन कंप्रेसर समेत अन्य उपकरणों की आपूर्ति न हो पाने के चलते पीआईसीयू शुरू नहीं हो सका है. ऐसे में गंभीर रूप से बीमार बच्चों को उपचार के लिए निजी सेंटर पर जाना पड़ रहा है. वहीं अस्पताल प्रशासन का कहना है कि उन्होंने कई बार ड्रग कॉरपोरेशन को पत्र भेजकर उपकरण की डिमांड की है.

सिविल हॉस्पिटल की पीआईसीयू में लंबा होता इंतजार.

2013 में पीआईसीयू के निर्माण की हुई थी घोषणा

  • सिविल अस्पताल में वर्ष 2013 में पीआईसीयू के निर्माण की घोषणा हुई थी.
  • करीब सालभर पहले अस्पताल में वेंटिलेटर भी आ गए, जो अभी तक डिब्बे मे पैक रखें हैं.
  • इसके लिए दो करोड़ 36 लाख रुपये का बजट जारी किया गया था.
  • इसमें 10 बेड, सेंट्रलाइज ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, मॉनिटर, ऑक्सीजन कंप्रेसर समेत कई आधुनिक सुविधाएं दी जाती थी.
  • मगर अभी अस्पताल में बेड और वेंटिलेटर की ही सप्लाई हो रही है.
  • अन्य उपकरण का मिलना नहीं शुरु हो सका है, ऐसे में यहां आने वाले अति गंभीर बच्चों को केजीएमयू या निजी संस्थान में जाना पड़ रहा है.

अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ .आशुतोष कुमार दुबे ने बताया कि संसाधनों को जल्द उपलब्ध कराकर व्यवस्था जल्द ही सुचारू रूप से शुरू की जाएगी.

-डॉ. आशुतोष कुमार दुबे, चिकित्सा अधीक्षक, सिविल अस्पताल

लखनऊ : राजधानी के सिविल अस्पताल में पीआईसीयू के लिए मंगाए गए वेंटिलेटर साल भर से डिब्बे में पैक है. मॉनिटर ऑक्सीजन कंप्रेसर समेत अन्य उपकरणों की आपूर्ति न हो पाने के चलते पीआईसीयू शुरू नहीं हो सका है. ऐसे में गंभीर रूप से बीमार बच्चों को उपचार के लिए निजी सेंटर पर जाना पड़ रहा है. वहीं अस्पताल प्रशासन का कहना है कि उन्होंने कई बार ड्रग कॉरपोरेशन को पत्र भेजकर उपकरण की डिमांड की है.

सिविल हॉस्पिटल की पीआईसीयू में लंबा होता इंतजार.

2013 में पीआईसीयू के निर्माण की हुई थी घोषणा

  • सिविल अस्पताल में वर्ष 2013 में पीआईसीयू के निर्माण की घोषणा हुई थी.
  • करीब सालभर पहले अस्पताल में वेंटिलेटर भी आ गए, जो अभी तक डिब्बे मे पैक रखें हैं.
  • इसके लिए दो करोड़ 36 लाख रुपये का बजट जारी किया गया था.
  • इसमें 10 बेड, सेंट्रलाइज ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, मॉनिटर, ऑक्सीजन कंप्रेसर समेत कई आधुनिक सुविधाएं दी जाती थी.
  • मगर अभी अस्पताल में बेड और वेंटिलेटर की ही सप्लाई हो रही है.
  • अन्य उपकरण का मिलना नहीं शुरु हो सका है, ऐसे में यहां आने वाले अति गंभीर बच्चों को केजीएमयू या निजी संस्थान में जाना पड़ रहा है.

अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ .आशुतोष कुमार दुबे ने बताया कि संसाधनों को जल्द उपलब्ध कराकर व्यवस्था जल्द ही सुचारू रूप से शुरू की जाएगी.

-डॉ. आशुतोष कुमार दुबे, चिकित्सा अधीक्षक, सिविल अस्पताल

Intro:सिविल अस्पताल में पीआईसीयू के लिए मंगाए गए वेंटिलेटर साल भर से डिब्बे में पैक मॉनिटर कंप्रेशर ऑक्सीजन समेत अन्य उपकरणों की आपूर्ति ना हो पाने के चलते सिविल हॉस्पिटल की पीआईसीयू शुरू नहीं हो सकी। ऐसे में प्रदेश भर के आए हुए मरीज बच्चों को पीआईसीयू में वेंटिलेटर जैसी सुविधाएं संसाधनों की कमी होने की वजह से सेवाएं नहीं मिल पा रही है।


Body:सिविल अस्पताल में आईसीयू के लिए मंगाई का वेंटीलेटर साल भर से डिब्बे में पैक मॉनिटर ऑक्सीजन कंप्रेसर समेत अन्य उपकरणों की आपूर्ति ना हो पाने के चलते पीआईसीयू नहीं शुरू हो सका है। ऐसे में गंभीर रूप से बीमार बच्चों को उपचार के लिए निजी सेंटर पर जाना पड़ रहा है।। वहीं अस्पताल प्रशासन का कहना है कि उन्होंने कई बार ड्रग कॉरपोरेशन को पत्र भेजकर उपकरण की डिमांड की है जबकि स्वास्थ्य महानिदेशक से बातचीत में उन्होंने कहा कि डर कॉरपोरेशन के अफसरों से इसकी जानकारी मांगी जाएगी।

2013 में पीआईसीयू के निर्माण की हुई थी घोषणा

सिविल अस्पताल में वर्ष 2013 में पेशियों के निर्माण की घोषणा हुई थी। करीब सालभर पहले अस्पताल में वेंटिलेटर भी आ गए। जो अभी तक भी नहीं तक डब्बे मे पैक रखें है।इसके लिए दो करोड़ 36 लाख रुपये का बजट जारी किया गया। इसमें 10 बेड सेंट्रलाइज ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, मॉनिटर, ऑक्सीजन कंप्रेसर समेत कई आधुनिक सुविधाएं दी जाती थी। मगर अभी अस्पताल में बेड और वेंटिलेटर की ही सप्लाई हो रही है। अन्य उपकरण मिलना से शुरू नहीं हो सका है। ऐसे में यहां आने वाले अति गंभीर बच्चों को केजीएमयू या निजी संस्थान में जाना पड़ रहा है। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ आशुतोष कुमार दुबे से बातचीत में उन्होंने संसाधनों को जल्द उपलब्ध कराकर व्यवस्था जल्द ही सुचारू रूप से शुरू की जाएगी।

वाक थ्रू- सिविल अस्पताल के पीआईसीयू से

बाइट-डॉ आशुतोष कुमार दुबे, चिकित्सा अधीक्षक, सिविल अस्पताल


Conclusion:एन्ड पीटीसी
शुभम पाण्डेय
7054605976
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