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बजट का 75% भी खर्च नहीं कर पाए कस्तूरबा गांधी विद्यालय, महानिदेशक ने जताई नाराजगी

प्रदेश में समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत संचालित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय योजना में वित्तीय वर्ष 2022 में जारी बजट 75% भी विद्यालयों द्वारा प्रयोग में नहीं लाया गया है. बीते दिनों महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने सभी कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों के कार योजना एवं बजट आवंटन की समीक्षा बैठक की तो उसमें खुलासा हुआ कि इन स्कूलों को आवंटित बजट का सही से प्रयोग नहीं किया गया है.

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Published : Nov 23, 2022, 7:19 PM IST

लखनऊः प्रदेश में समग्र शिक्षा अभियान (overall education campaign) के अंतर्गत संचालित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय योजना में वित्तीय वर्ष 2022 में जारी बजट 75% भी विद्यालयों द्वारा प्रयोग में नहीं लाया गया है. बीते दिनों महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने सभी कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों के कार योजना एवं बजट आवंटन की समीक्षा बैठक की तो उसमें खुलासा हुआ कि इन स्कूलों को आवंटित बजट का सही से प्रयोग नहीं किया गया है. इसके बाद डीजी स्कूल शिक्षा ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर (By writing a letter to the District Magistrates) समग्र शिक्षा अभियान के तहत संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के लिए आवंटित बजट खर्च न हो पाने पर नाराजगी जताई है.

उन्होंने पत्र में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष के करीब 10 महीने बीत जाने के बाद भी जारी किए गए कुल बजट की 75 प्रतिशत से कम धनराशि खर्च हुई है. उन्होंने जिलाधिकारियों से निर्माण कार्यों, फर्नीचर एवं कंप्यूटरों की आपूर्ति की समीक्षा कर उनका नियमानुसार भुगतान कराकर खर्च की वास्तविक प्रगति से अवगत कराने को कहा है. आंकड़ों के अनुसार सरकार ने वार्षिक कार्य योजना एवं बजट 2022 देश के अंतर्गत प्रदेश के 700 से अधिक कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के विस्तार के लिए बजट जारी किया था. इसके तहत भवन, गार्डरूम, बाउंड्री वॉल, सेफ्टी टैंक, बोरिंग हैंडपंप, फर्नीचर, टीएलएम, मेजर रिपेयर व बिल्डिंग रिप्लेसमेंट में बजट जारी किया गया था, लेकिन लखनऊ सहित करीब 15 जिले ऐसे हैं जिन्होंने जारी बजट का 40 परसेंट भी अब तक खर्च नहीं कर पाए हैं.

महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद (Director General School Education Vijay Kiran Anand) ने समीक्षा बैठक में सभी जिलों के कस्तूरबा गांधी विद्यालयों के समन्वयको को कड़ी फटकार लगाते हुए इस वित्त वर्ष में बजट खर्च करने की पूरी कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करने को कहा है. ताकि वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले बजट आवंटित बजट का प्रयोग कर लिया जाए. बलिया 26.07 प्रतिशत, गोंडा 28.69 प्रतिशत, कुशीनगर 30.05 प्रतिशत, प्रतापगढ़ 33.23 प्रतिशत, श्रावस्ती 33.57 प्रतिशत, फैजाबाद 31.24 प्रतिशत, गाजीपुर 33.70 प्रतिशत, चित्रकूट 37.70 प्रतिशत, रायबरेली 36.15 प्रतिशत, महोबा 36.38 प्रतिशत, हाथरस 38.75 प्रतिशत, आजमगढ़ 34.30 प्रतिशत, भदोही 39.94 प्रतिशत व लखनऊ 38.10 प्रतिशत ही बजट खर्च कर पाए हैं. वहीं 4 जिले ऐसे हैं जिन्होंने 70 प्रतिशत से अधिक बजट खर्च कर दिया है. बदायूं 71.79 प्रतिशत, मेरठ 71.62 प्रतिशत, सिद्धार्थनगर 70.74 प्रतिशत व काशीराम नगर 66 प्रतिशत बजट खर्च करने में सफल रहे हैं.

यह भी पढ़ें : निजी कंपनियों की तरह आवास विकास परिषद प्रॉपर्टी मेला लगाकर बेचेगा फ्लैट्स

लखनऊः प्रदेश में समग्र शिक्षा अभियान (overall education campaign) के अंतर्गत संचालित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय योजना में वित्तीय वर्ष 2022 में जारी बजट 75% भी विद्यालयों द्वारा प्रयोग में नहीं लाया गया है. बीते दिनों महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने सभी कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों के कार योजना एवं बजट आवंटन की समीक्षा बैठक की तो उसमें खुलासा हुआ कि इन स्कूलों को आवंटित बजट का सही से प्रयोग नहीं किया गया है. इसके बाद डीजी स्कूल शिक्षा ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर (By writing a letter to the District Magistrates) समग्र शिक्षा अभियान के तहत संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के लिए आवंटित बजट खर्च न हो पाने पर नाराजगी जताई है.

उन्होंने पत्र में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष के करीब 10 महीने बीत जाने के बाद भी जारी किए गए कुल बजट की 75 प्रतिशत से कम धनराशि खर्च हुई है. उन्होंने जिलाधिकारियों से निर्माण कार्यों, फर्नीचर एवं कंप्यूटरों की आपूर्ति की समीक्षा कर उनका नियमानुसार भुगतान कराकर खर्च की वास्तविक प्रगति से अवगत कराने को कहा है. आंकड़ों के अनुसार सरकार ने वार्षिक कार्य योजना एवं बजट 2022 देश के अंतर्गत प्रदेश के 700 से अधिक कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के विस्तार के लिए बजट जारी किया था. इसके तहत भवन, गार्डरूम, बाउंड्री वॉल, सेफ्टी टैंक, बोरिंग हैंडपंप, फर्नीचर, टीएलएम, मेजर रिपेयर व बिल्डिंग रिप्लेसमेंट में बजट जारी किया गया था, लेकिन लखनऊ सहित करीब 15 जिले ऐसे हैं जिन्होंने जारी बजट का 40 परसेंट भी अब तक खर्च नहीं कर पाए हैं.

महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद (Director General School Education Vijay Kiran Anand) ने समीक्षा बैठक में सभी जिलों के कस्तूरबा गांधी विद्यालयों के समन्वयको को कड़ी फटकार लगाते हुए इस वित्त वर्ष में बजट खर्च करने की पूरी कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करने को कहा है. ताकि वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले बजट आवंटित बजट का प्रयोग कर लिया जाए. बलिया 26.07 प्रतिशत, गोंडा 28.69 प्रतिशत, कुशीनगर 30.05 प्रतिशत, प्रतापगढ़ 33.23 प्रतिशत, श्रावस्ती 33.57 प्रतिशत, फैजाबाद 31.24 प्रतिशत, गाजीपुर 33.70 प्रतिशत, चित्रकूट 37.70 प्रतिशत, रायबरेली 36.15 प्रतिशत, महोबा 36.38 प्रतिशत, हाथरस 38.75 प्रतिशत, आजमगढ़ 34.30 प्रतिशत, भदोही 39.94 प्रतिशत व लखनऊ 38.10 प्रतिशत ही बजट खर्च कर पाए हैं. वहीं 4 जिले ऐसे हैं जिन्होंने 70 प्रतिशत से अधिक बजट खर्च कर दिया है. बदायूं 71.79 प्रतिशत, मेरठ 71.62 प्रतिशत, सिद्धार्थनगर 70.74 प्रतिशत व काशीराम नगर 66 प्रतिशत बजट खर्च करने में सफल रहे हैं.

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