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कल्पतरु बिल्डटेक मनी लॉन्ड्रिंग केस: ED ने लखनऊ, आगरा और मथुरा प्राधिकरणों को लिखा पत्र

प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने कल्पतरु बिल्डटेक की दूसरी संपत्तियों का पता लगाने के लिए लखनऊ, मथुरा और आगरा विकास प्राधिकरण को पत्र लिखा है. इस पत्र में कल्पतरु बिल्डटेक संपत्तियों की जानकारी मांगी गयी है.

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Published : Apr 6, 2023, 6:53 AM IST

लखनऊ: प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने कल्पतरु बिल्डटेक की अन्य संपत्तियों की जांच के लिए लखनऊ, मथुरा और आगरा के विकास प्राधिकरण, राजस्व विभाग, प्रबंधन (रजिस्ट्री विभाग) को पत्र लिखकर कल्पतरू बिल्डक से जुड़ी संपत्तियों के बारे में विवरण मांगा है. संस्थाओं द्वारा ब्यौरा मिलने के बाद कल्पतरु बिल्डटेक पर प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate on Kalpataru Buildtech) कार्रवाई करेगा.

ईडी सम्पत्ति कर चुकी है जप्त: कल्पतरु बिल्डटेक मनी लॉन्ड्रिंग केस (Kalpataru Buildtech money laundering case) में पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कार्रवाई करते हुए कल्पतरु बिल्डटेक की 84 करोड़ की संपत्ति को ज़प्त की थी. ईडी ने जांच करने के बाद पाया था कि कल्पतरु बिल्टेक ने उत्तर प्रदेश के कई जिलों सहित और अन्य राज्यों में लोगों को प्राइम लोकेशन पर संपत्ति दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी की है. इसके बाद ईडी ने कार्रवाई की और कल्पतरु बिल्डटेक की 84 करोड़ की संपत्ति को ज़ब्त कर लिया.

कई राज्यों में दर्ज है एफआईआर: कल्पतरु बिल्डटेक द्वारा प्राइम लोकेशन पर संपत्ति देने के नाम पर की गई ठगी को लेकर उत्तर प्रदेश के कई जिलों में और अन्य राज्यों में एफआईआर दर्ज की गई थी. एफआईआर दर्ज होने के बाद ईडी ने मामले का संज्ञान लिया. इसके बाद ईडी ने मामले की जांच की. जांच में कल्पतरु को मनी लॉड्री के मामले में दोषी पाया गया गया. इसके बाद ईडी ने कल्पतरु बिल्डटेक की 84 करोड़ की संपत्ति ज़ब्त कर ली. अपनी जांच में ईडी ने पाया था कि कल्पतरु बिल्टेक के सीएमडी जयकृष्ण सिंह राणा ने निवेशकों को भूखंड देने के नाम पर गलत रजिस्ट्री कराई. यह रजिस्ट्री कल्पतरु एग्रो लिमिटेड के माध्यम से की गई. इसके चलते सरकारी योजनाओं का लाभ लिया गया.

निवेशकों से जुटाई रकम को दूसरी जगह लगायी: कल्पतरु बिल्डटेक के नाम पर निवेशकों से जुटाई गई रकम को मूल व्यवसाय में न लगाकर, उसे अन्य कंपनियों में निवेश किया गया. कल्पतरु एग्रो लिमिटेड के नाम पर हुई धोखाधड़ी के बाद सेबी और अन्य एजेंसियां सक्रिय हुईं. इसके बाद यह पता चला कि कल्पतरु एग्रो लिमिटेड के नाम पर चल रही योजनाएं गलत तरीके से संचालित की जा रही हैं. एजेंसी सख्त हुई, तो कल्पतरु के सीएमडी जयकृष्ण सिंह राणा ने कंपनी की सभी संपत्ति और कारोबार को नई कंपनी में हस्तांतरित कर दिया.

ये भी पढ़ें- स्वामी रामभद्राचार्य रामकथा में बोले, मरे मुलायम-कांशीराम, अब जोर से बोलो जय श्री राम

लखनऊ: प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने कल्पतरु बिल्डटेक की अन्य संपत्तियों की जांच के लिए लखनऊ, मथुरा और आगरा के विकास प्राधिकरण, राजस्व विभाग, प्रबंधन (रजिस्ट्री विभाग) को पत्र लिखकर कल्पतरू बिल्डक से जुड़ी संपत्तियों के बारे में विवरण मांगा है. संस्थाओं द्वारा ब्यौरा मिलने के बाद कल्पतरु बिल्डटेक पर प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate on Kalpataru Buildtech) कार्रवाई करेगा.

ईडी सम्पत्ति कर चुकी है जप्त: कल्पतरु बिल्डटेक मनी लॉन्ड्रिंग केस (Kalpataru Buildtech money laundering case) में पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कार्रवाई करते हुए कल्पतरु बिल्डटेक की 84 करोड़ की संपत्ति को ज़प्त की थी. ईडी ने जांच करने के बाद पाया था कि कल्पतरु बिल्टेक ने उत्तर प्रदेश के कई जिलों सहित और अन्य राज्यों में लोगों को प्राइम लोकेशन पर संपत्ति दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी की है. इसके बाद ईडी ने कार्रवाई की और कल्पतरु बिल्डटेक की 84 करोड़ की संपत्ति को ज़ब्त कर लिया.

कई राज्यों में दर्ज है एफआईआर: कल्पतरु बिल्डटेक द्वारा प्राइम लोकेशन पर संपत्ति देने के नाम पर की गई ठगी को लेकर उत्तर प्रदेश के कई जिलों में और अन्य राज्यों में एफआईआर दर्ज की गई थी. एफआईआर दर्ज होने के बाद ईडी ने मामले का संज्ञान लिया. इसके बाद ईडी ने मामले की जांच की. जांच में कल्पतरु को मनी लॉड्री के मामले में दोषी पाया गया गया. इसके बाद ईडी ने कल्पतरु बिल्डटेक की 84 करोड़ की संपत्ति ज़ब्त कर ली. अपनी जांच में ईडी ने पाया था कि कल्पतरु बिल्टेक के सीएमडी जयकृष्ण सिंह राणा ने निवेशकों को भूखंड देने के नाम पर गलत रजिस्ट्री कराई. यह रजिस्ट्री कल्पतरु एग्रो लिमिटेड के माध्यम से की गई. इसके चलते सरकारी योजनाओं का लाभ लिया गया.

निवेशकों से जुटाई रकम को दूसरी जगह लगायी: कल्पतरु बिल्डटेक के नाम पर निवेशकों से जुटाई गई रकम को मूल व्यवसाय में न लगाकर, उसे अन्य कंपनियों में निवेश किया गया. कल्पतरु एग्रो लिमिटेड के नाम पर हुई धोखाधड़ी के बाद सेबी और अन्य एजेंसियां सक्रिय हुईं. इसके बाद यह पता चला कि कल्पतरु एग्रो लिमिटेड के नाम पर चल रही योजनाएं गलत तरीके से संचालित की जा रही हैं. एजेंसी सख्त हुई, तो कल्पतरु के सीएमडी जयकृष्ण सिंह राणा ने कंपनी की सभी संपत्ति और कारोबार को नई कंपनी में हस्तांतरित कर दिया.

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