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वायरल बुखार से पीड़ित मरीजों के जोड़ों में दर्द, इन बातों का रखें ध्यान

बीते दिनों से वायरल बुखार ने लोगों को अपनी गिरफ्त में ले लिया है. इसकी चपेट में आने वाले मरीजों में जोड़ों के दर्द (Joint pain patients reaching OPD) की गंभीर समस्या आ रही है.

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Published : Jan 4, 2023, 3:21 PM IST

लखनऊ : इस बार वायरल बुखार से कोई भी अछूता नहीं रह गया था. वायरल बुखार की चपेट में आने के बाद अभी तक मरीज जोड़ों के दर्द (Joint pain patients reaching OPD) से परेशान हैं. जिला अस्पतालों में इस समय आर्थोपेडिक व फिजिशियन ओपीडी में दिखाने के लिए लंबी लाइनें लग रही हैं. जो मरीज वायरल बुखार से उभर चुके हैं उन्हें तमाम दिक्कतें परेशानी हो रही है. डॉक्टरों के मुताबिक, जोड़ों से संबंधित जितनी भी दिक्कत परेशानी मरीजों को हो रही है, यह सर्दी जाने के बाद ही समाप्त होगी. ऐसे में मरीज अधिक परेशान न हों. गर्म तेल से हाथ पैर के जोड़ों की मालिश करते रहें.

सिविल अस्पताल के वरिष्ठ ऑर्थोपेडिक डॉ. निर्मेश भल्ला ने बताया कि आम दिनों में आर्थोपेडिक विभाग में बहुत अधिक भीड़ नहीं रहती थी. ज्यादातर केस एक्सीडेंटल आते थे या फिर गठिया के मरीज आते थे, लेकिन जब से वायरल बुखार शुरू हुआ तब से आर्थोपेडिक विभाग में भी मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने लगी. अब आलम यह है कि बाकी सभी विभागों में मरीजों की संख्या बेहद कम है, जबकि आर्थोपेडिक विभाग में जोड़ों के दर्द से परेशान मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं.



उन्होंने बताया कि यह ज्वाइंट पेन कमजोरी की वजह से अधिक हो रहा है. इस बार जो वायरल बुखार फैला था वह मिलाजुला वायरल बुखार था. जिसमें डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया के लक्षण देखने को मिल रहे थे. इन बीमारियों में होता यही है कि हड्डी तोड़ दर्द होता है. ज्वाइंट की हड्डी में सूजन आ जाती है और मसल्स में दर्द बना रहता है. इस समय अस्पताल की ओपीडी में 300 से अधिक मरीज आ रहे हैं. मंगलवार को आर्थोपेडिक विभाग में कुल 334 मरीज इलाज के लिए पहुंचे. ज्यादातर मरीज वायरल बुखार के बाद होने वाले दर्द से पीड़ित आए.


वहीं सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. एस देव ने बताया कि सबसे पहले कोविड वायरस ने सभी की इम्यून सिस्टम पर बुरा प्रभाव डाला है. जिसकी वजह से लोगों की इम्युनिटी कमजोर हुई है. यही कारण है कि कोई भी वायरल बुखार लोगों को जल्दी अपनी गिरफ्त में ले रहा है. इस बार जो वायरल बुखार हुआ. इसमें डेंगू चिकनगुनिया दोनों के लक्षण देखने को मिले. ऐसे मरीज आते थे जिनके पूरे लक्षण डेंगू और चिकनगुनिया के होते थे, लेकिन जब ब्लड जांच कराया जाता था तो उसमें रिपोर्ट नेगेटिव आती थी. डेंगू और चिकनगुनिया एक ऐसी बीमारी है, जिसको हड्डी तोड़ दर्द के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने बताया कि जब सर्दी पड़ती है शीत की वजह से मरीज की हड्डियों में दर्द उभर आता है. इसलिए मरीजों को यही सलाह दी जाती है कि सर्दी से बचके रहें.



उन्होंने कहा कि इस समय अस्पताल की ओपीडी नॉर्मल चल रही है. एक-दो ही ओपीडी ऐसी हैं, जिसमें मरीजों की संख्या 300 के पार हो रही है. स्किन रोग विभाग में 87 मरीज, दंत विभाग में 73 मरीज, 4 फिजीशियन की अलग-अलग ओपीडी में कुल 512 मरीज, ईएनटी ओपीडी में 103 मरीज इलाज के लिए पहुंचे, जबकि आर्थोपेडिक विभाग में 334 मरीज इलाज के लिए पहुंचे. वायरल बुखार के मरीज उभरे हैं ऐसे में मरीजों के जोड़ों में दर्द बने होने के कारण इस समय वह आर्थोपेडिक विभाग में दिखाने के लिए पहुंच रहे हैं.

इन बातों का रखें ख्याल : चिकित्सकों ने बताया कि गरम पानी पीने की आदत डालें. बाहर निकलते समय अच्छे से कपड़े पहनें और कान को बंद रखें ताकि कान में हवा न जाए. गर्म पानी से नहाएं. शरीर के ज्वाइंट में दर्द है तो ठंडे पानी से बिल्कुल भी न नहाएं. जितना हो सके खाने-पीने का विशेष ख्याल रखें. मौसमीय फलों का सेवन करें. सर्दी के मौसम में अगर आग जला रहे हैं तो सिकाई कर लें. या वाटर बैग के सहारे ज्वाइंट की सिकाई करें. प्रतिदिन हाथ पैर चलाने वाले व्यायाम करें.

यह भी पढ़ें : रेल की पटरियां चटकने पर रेलवे महाप्रबंधक ने जताई चिंता, अधिकारियों को दिए ये निर्देश

लखनऊ : इस बार वायरल बुखार से कोई भी अछूता नहीं रह गया था. वायरल बुखार की चपेट में आने के बाद अभी तक मरीज जोड़ों के दर्द (Joint pain patients reaching OPD) से परेशान हैं. जिला अस्पतालों में इस समय आर्थोपेडिक व फिजिशियन ओपीडी में दिखाने के लिए लंबी लाइनें लग रही हैं. जो मरीज वायरल बुखार से उभर चुके हैं उन्हें तमाम दिक्कतें परेशानी हो रही है. डॉक्टरों के मुताबिक, जोड़ों से संबंधित जितनी भी दिक्कत परेशानी मरीजों को हो रही है, यह सर्दी जाने के बाद ही समाप्त होगी. ऐसे में मरीज अधिक परेशान न हों. गर्म तेल से हाथ पैर के जोड़ों की मालिश करते रहें.

सिविल अस्पताल के वरिष्ठ ऑर्थोपेडिक डॉ. निर्मेश भल्ला ने बताया कि आम दिनों में आर्थोपेडिक विभाग में बहुत अधिक भीड़ नहीं रहती थी. ज्यादातर केस एक्सीडेंटल आते थे या फिर गठिया के मरीज आते थे, लेकिन जब से वायरल बुखार शुरू हुआ तब से आर्थोपेडिक विभाग में भी मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने लगी. अब आलम यह है कि बाकी सभी विभागों में मरीजों की संख्या बेहद कम है, जबकि आर्थोपेडिक विभाग में जोड़ों के दर्द से परेशान मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं.



उन्होंने बताया कि यह ज्वाइंट पेन कमजोरी की वजह से अधिक हो रहा है. इस बार जो वायरल बुखार फैला था वह मिलाजुला वायरल बुखार था. जिसमें डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया के लक्षण देखने को मिल रहे थे. इन बीमारियों में होता यही है कि हड्डी तोड़ दर्द होता है. ज्वाइंट की हड्डी में सूजन आ जाती है और मसल्स में दर्द बना रहता है. इस समय अस्पताल की ओपीडी में 300 से अधिक मरीज आ रहे हैं. मंगलवार को आर्थोपेडिक विभाग में कुल 334 मरीज इलाज के लिए पहुंचे. ज्यादातर मरीज वायरल बुखार के बाद होने वाले दर्द से पीड़ित आए.


वहीं सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. एस देव ने बताया कि सबसे पहले कोविड वायरस ने सभी की इम्यून सिस्टम पर बुरा प्रभाव डाला है. जिसकी वजह से लोगों की इम्युनिटी कमजोर हुई है. यही कारण है कि कोई भी वायरल बुखार लोगों को जल्दी अपनी गिरफ्त में ले रहा है. इस बार जो वायरल बुखार हुआ. इसमें डेंगू चिकनगुनिया दोनों के लक्षण देखने को मिले. ऐसे मरीज आते थे जिनके पूरे लक्षण डेंगू और चिकनगुनिया के होते थे, लेकिन जब ब्लड जांच कराया जाता था तो उसमें रिपोर्ट नेगेटिव आती थी. डेंगू और चिकनगुनिया एक ऐसी बीमारी है, जिसको हड्डी तोड़ दर्द के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने बताया कि जब सर्दी पड़ती है शीत की वजह से मरीज की हड्डियों में दर्द उभर आता है. इसलिए मरीजों को यही सलाह दी जाती है कि सर्दी से बचके रहें.



उन्होंने कहा कि इस समय अस्पताल की ओपीडी नॉर्मल चल रही है. एक-दो ही ओपीडी ऐसी हैं, जिसमें मरीजों की संख्या 300 के पार हो रही है. स्किन रोग विभाग में 87 मरीज, दंत विभाग में 73 मरीज, 4 फिजीशियन की अलग-अलग ओपीडी में कुल 512 मरीज, ईएनटी ओपीडी में 103 मरीज इलाज के लिए पहुंचे, जबकि आर्थोपेडिक विभाग में 334 मरीज इलाज के लिए पहुंचे. वायरल बुखार के मरीज उभरे हैं ऐसे में मरीजों के जोड़ों में दर्द बने होने के कारण इस समय वह आर्थोपेडिक विभाग में दिखाने के लिए पहुंच रहे हैं.

इन बातों का रखें ख्याल : चिकित्सकों ने बताया कि गरम पानी पीने की आदत डालें. बाहर निकलते समय अच्छे से कपड़े पहनें और कान को बंद रखें ताकि कान में हवा न जाए. गर्म पानी से नहाएं. शरीर के ज्वाइंट में दर्द है तो ठंडे पानी से बिल्कुल भी न नहाएं. जितना हो सके खाने-पीने का विशेष ख्याल रखें. मौसमीय फलों का सेवन करें. सर्दी के मौसम में अगर आग जला रहे हैं तो सिकाई कर लें. या वाटर बैग के सहारे ज्वाइंट की सिकाई करें. प्रतिदिन हाथ पैर चलाने वाले व्यायाम करें.

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