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जितेंद्र नारायण त्यागी ने कोर्ट में किया सरेंडर, अंतरिम जमानत की अवधि खत्म - वसीम रिजवी उर्फ ​​जितेंद्र नारायण त्यागी

जितेंद्र नारायण त्यागी (पूर्व नाम वसीम रिजवी) ने हरिद्वार जिला कोर्ट में सरेंडर (Jitendra Narayan Tyagi surrendered) कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट से मिली सशर्त अंतरिम जमानत की अवधि खत्म होते ही जितेंद्र नारायण त्यागी ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. ये मामला दिसंबर 2021 में हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में हेट स्पीच (Haridwar Hate Speech Case) को लेकर है.

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Etv Bharatजितेंद्र नारायण त्यागी ने कोर्ट में किया सरेंडर, अंतरिम जमानत की अवधि खत्म
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Published : Sep 2, 2022, 4:59 PM IST

हरिद्वार: दिसंबर 2021 में हरिद्वार में हुई धर्म संसद (Haridwar Dharm Sansad 2021) में भड़काऊ भाषण देने के मामले में अंतरिम जमानत पाए जितेंद्र नारायण त्यागी (पूर्व नाम वसीम रिजवी) ने शुक्रवार सुबह हरिद्वार जिला कोर्ट में सरेंडर (Jitendra Narayan Tyagi surrendered) कर दिया है, जिसके बाद त्यागी को जेल भेजा गया. आपको बता दें कि जितेंद्र नारायण त्यागी की अंतरिम जमानत समाप्त हो गई है. सुप्रीम कोर्ट के 29 अगस्त को दिए गए ऑर्डर के तहत उन्हें आज कोर्ट में सरेंडर करना था.

कोर्ट में सरेंडर करने से पहले जितेंद्र नारायण त्यागी अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी से मिलने पहुंचे. इस दौरान उनके साथ शांभवी पीठाधीश्वर व काली सेना प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप भी मौजूद रहे. इस दौरान जितेंद्र नारायण त्यागी ने कहा की इससे पहले भी उनको ज्वालापुर के लोगों ने जेल के अंदर मारने की साजिश बनाई थी, लेकिन वह जेल प्रशासन के सख्त होने के कारण साजिश को अंजाम नहीं दे पाए.

सोच समझकर अपनाया हिंदू धर्म: जितेंद्र नारायण त्यागी ने धर्म वापसी पर बोलते हुए कहा कि जबसे उन्होंने सनातन धर्म को अपनाया है, वो इस लड़ाई में अकेला हो गये हैं लेकिन इसका उनको कोई अफसोस नहीं है. उन्होंने काफी सोच समझकर इस धर्म को अपनाया है.

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी ने कहा है कि आज जब जितेंद्र नारायण त्यागी एक बार फिर जेल रहा जा रहे हैं, तो हम सब का मन दुखी है. उन्होंने कहा कि आखिर हिंदू धर्म में आकर वसीम रिजवी जो अब जितेंद्र नारायण त्यागी बन गए हैं, तो उन्हें मिला क्या? हम सबको जितेंद्र नारायण त्यागी का देना चाहिए था.

काली सेना के प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि जितेंद्र नारायण त्यागी के साथ हम कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं. इस लड़ाई में जहां-जहां भी हम सब की जरूरत होगी, हम सब जितेंद्र नारायण त्यागी के साथ खड़े दिखाई देंगे.
पढ़ें- वसीम रिजवी को हरिद्वार जेल में फिदायीन हमले का खतरा! जारी किया वीडियो

क्या है मामला: दिसंबर 2021 में हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में भड़काऊ भाषण (Haridwar Hate Speech Case) देने के मामले में 13 जनवरी 2022 को हरिद्वार ज्वालापुर निवासी नदीम अली ने जितेंद्र नारायण त्यागी (पूर्व नाम वसीम रिजवी) के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. ज्वालापुर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया. जहां से जितेंद्र नारायण त्यागी को हरिद्वार जिला जेल भेज दिया गया था.

इसके बाद त्यागी चार महीने हरिद्वार जेल में थे. इस बीच उन्होंने खराब स्वास्थ्य को लेकर निचली अदालत से लेकर हाई कोर्ट तक त्यागी को जमानत नहीं मिल सकी थी. फिर सुप्रीम कोर्ट ने त्यागी को फिर से कोई भड़काऊ भाषण न देने की शर्त पर जमानत दी थी. सुप्रीम कोर्ट की ओर से मिली अंतरिम जमानत के आधार पर त्यागी को हरिद्वार जेल से रिहा कर दिया गया. जितेंद्र नारायण त्यागी जेल से रिहा होते ही लखनऊ के लिए रवाना हो गए.

हरिद्वार: दिसंबर 2021 में हरिद्वार में हुई धर्म संसद (Haridwar Dharm Sansad 2021) में भड़काऊ भाषण देने के मामले में अंतरिम जमानत पाए जितेंद्र नारायण त्यागी (पूर्व नाम वसीम रिजवी) ने शुक्रवार सुबह हरिद्वार जिला कोर्ट में सरेंडर (Jitendra Narayan Tyagi surrendered) कर दिया है, जिसके बाद त्यागी को जेल भेजा गया. आपको बता दें कि जितेंद्र नारायण त्यागी की अंतरिम जमानत समाप्त हो गई है. सुप्रीम कोर्ट के 29 अगस्त को दिए गए ऑर्डर के तहत उन्हें आज कोर्ट में सरेंडर करना था.

कोर्ट में सरेंडर करने से पहले जितेंद्र नारायण त्यागी अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी से मिलने पहुंचे. इस दौरान उनके साथ शांभवी पीठाधीश्वर व काली सेना प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप भी मौजूद रहे. इस दौरान जितेंद्र नारायण त्यागी ने कहा की इससे पहले भी उनको ज्वालापुर के लोगों ने जेल के अंदर मारने की साजिश बनाई थी, लेकिन वह जेल प्रशासन के सख्त होने के कारण साजिश को अंजाम नहीं दे पाए.

सोच समझकर अपनाया हिंदू धर्म: जितेंद्र नारायण त्यागी ने धर्म वापसी पर बोलते हुए कहा कि जबसे उन्होंने सनातन धर्म को अपनाया है, वो इस लड़ाई में अकेला हो गये हैं लेकिन इसका उनको कोई अफसोस नहीं है. उन्होंने काफी सोच समझकर इस धर्म को अपनाया है.

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी ने कहा है कि आज जब जितेंद्र नारायण त्यागी एक बार फिर जेल रहा जा रहे हैं, तो हम सब का मन दुखी है. उन्होंने कहा कि आखिर हिंदू धर्म में आकर वसीम रिजवी जो अब जितेंद्र नारायण त्यागी बन गए हैं, तो उन्हें मिला क्या? हम सबको जितेंद्र नारायण त्यागी का देना चाहिए था.

काली सेना के प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि जितेंद्र नारायण त्यागी के साथ हम कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं. इस लड़ाई में जहां-जहां भी हम सब की जरूरत होगी, हम सब जितेंद्र नारायण त्यागी के साथ खड़े दिखाई देंगे.
पढ़ें- वसीम रिजवी को हरिद्वार जेल में फिदायीन हमले का खतरा! जारी किया वीडियो

क्या है मामला: दिसंबर 2021 में हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में भड़काऊ भाषण (Haridwar Hate Speech Case) देने के मामले में 13 जनवरी 2022 को हरिद्वार ज्वालापुर निवासी नदीम अली ने जितेंद्र नारायण त्यागी (पूर्व नाम वसीम रिजवी) के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. ज्वालापुर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया. जहां से जितेंद्र नारायण त्यागी को हरिद्वार जिला जेल भेज दिया गया था.

इसके बाद त्यागी चार महीने हरिद्वार जेल में थे. इस बीच उन्होंने खराब स्वास्थ्य को लेकर निचली अदालत से लेकर हाई कोर्ट तक त्यागी को जमानत नहीं मिल सकी थी. फिर सुप्रीम कोर्ट ने त्यागी को फिर से कोई भड़काऊ भाषण न देने की शर्त पर जमानत दी थी. सुप्रीम कोर्ट की ओर से मिली अंतरिम जमानत के आधार पर त्यागी को हरिद्वार जेल से रिहा कर दिया गया. जितेंद्र नारायण त्यागी जेल से रिहा होते ही लखनऊ के लिए रवाना हो गए.

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