लखनऊ: सपा सरकार के शासन काल के दौरान जल निगम में हुए भर्ती घोटाले के मामले में जहां कुछ आरोपी व्यक्तिगत रूप से उपस्थित थे, वहीं दूसरी ओर सीतापुर जेल (Sitapur Jail) में बंद तत्कालीन कैबिनेट मंत्री आजम खान (cabinet minister azam khan) की हाजिरी वीडियो कांफ्रेंसिंग (video conferencing) के माध्यम से हुई. इसके बाद सीबीआई के विशेष न्यायाधीश मनोज पांडे ने अन्य आरोपियों को नकल प्रदान करने के लिए आगामी 14 दिसम्बर की तिथि नियत की है.
सोमवार को मामले की सुनवाई के समय आरोपी एके खरे, एसके रस्तोगी, अजय कुमार यादव एवं विश्वजीत सिंह व्यक्तिगत रूप से न्यायालय के समक्ष उपस्थित थे, जबकि नीरज मलिक, संतोष रस्तोगी एवं रोमन फर्नांडीस की ओर से हाजिरी माफी का प्रार्थना पत्र दिया गया, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया है. अदालत के समक्ष अशोक उरप्रीत की ओर से उच्च न्यायालय द्वारा पारित अग्रिम जमानत आदेश दाखिल किया गया.
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इस मामले के मुख्य आरोपी एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री आज़म खान पर आरोप है कि उन्होंने सपा सरकार में रहते हुए जल निगम में 122 सहायक अभियंता, 853 अवर अभियंता, 335 लिपिक 32 आशुलिपिकों की भर्ती नियम विरुद्ध करके बहुत बड़ा घोटाला किया था. जिस पर उत्तर प्रदेश शासन द्वारा 13 जुलाई 2017 के विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा जांच कराई गई थी.
यह जांच उत्तर प्रदेश जल निगम में लगभग 1300 पदों पर अनियमित नियुक्त किए जाने के संबंध में थी. एसआईटी जांच में आरोप सही पाए जाने के उपरांत 25 अप्रैल 2018 को एसआईटी के निरीक्षक अटल बिहारी द्वारा मोहम्मद आजम खान तत्कालीन अध्यक्ष उत्तर प्रदेश जल निगम लखनऊ, सैयद आफाक अहमद तत्कालीन ओएसडी, प्रकाश सिंह तत्कालीन सचिव नगर विकास उत्तर प्रदेश शासन, प्रेम प्रकाश आशुदानी तत्कालीन प्रबंध निदेशक उत्तर प्रदेश जल निगम, अनिल कुमार खरे तत्कालीन मुख्य अभियंता एवं भर्ती प्रक्रिया में शामिल कई लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया गया था.
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