लखनऊ: विगत 6 माह से वेतन न मिलने से नाराज होकर धरना प्रदर्शन व अनशन कर रहे जल निगम के फील्ड कर्मचारियों को अब उत्तर प्रदेश के पंचायती राज विभाग व नगर निकाय में समायोजित किया जाएगा. इसका पत्र जल निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने जारी भी कर दिया है.
बता दें कि जल निगम के कर्मचारी विगत 6 माह से वेतन न मिलने के कारण लगातार जल निगम मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. अपने वेतन को लेकर जल निगम के कर्मचारी प्रबंध निदेशक से लेकर नगर विकास मंत्री तक कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक इन कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है.
कर्मचारियों का कहना है कि वेतन न मिलने के कारण कई कर्मचारियों के घरों की स्थिति खराब हो गई है और कई कर्मचारियों की मौत भी हो चुकी है. बावजूद अभी कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है. वहीं अब जल निगम ने कर्मचारियों के वेतन और पेंशन के संकट को दूर करने के लिए सरकार द्वारा बड़ा फैसला लिया गया है. जल निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने जल निगम में कार्यरत 5,327 फील्ड कर्मचारियों को पंचायती राज व नगर निकाय में समायोजित करने का पत्र जारी किया है.
क्या कहते हैं कर्मचारी नेता
जल निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार द्वारा जल निगम के फील्ड कर्मचारियों को नगर निकाय व पंचायती राज में समायोजित किए जाने के सवाल पर जल निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष मस्तराम का कहना है कि इस संबंध में जल निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार से इस बारे में कल चर्चा की जाएगी और इसका समाधान करने की भी अपील की जाएगी, जिससे जल निगम के इन कर्मचारियों को जल निगम से न हटाना पड़े.
बताते चलें कि जल निगम में 5,327 फील्ड कर्मचारी हैं, जिनमें पंप ऑपरेटर, सुपरवाइजर, हैंडपंप मैकेनिक डीलर और हेल्पर प्रमुख हैं. पहले इन कर्मचारियों से जल निगम द्वारा काम लिया जाता था, लेकिन अब यह काम ठेकेदारों द्वारा कराया जाता है. ऐसे में ठेकेदार अपने कर्मचारी लाते हैं. हालांकि जल निगम के इस निर्णय के विरोध में कर्मचारियों ने कल प्रबंध निदेशक से मुलाकात कर करने की बात कही.