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ताज नहीं अब ये है यूपी के टूरिस्ट स्पॉट, यहां जाने के लिए लगी है पर्यटकों की लाइन

ट्रैवल ट्रेड एसोसिएशन ऑफ उत्तर प्रदेश का दावा है कि अयोध्या और वाराणसी अब पर्यटकों को ज्यादा आकर्षित कर रहे हैं. महाराष्ट्र और दक्षिण भारत से आने वाले पर्यटक लखनऊ से अयोध्या और वहां से वाराणसी की तरफ बढ़ रहे हैं.

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ट्रैवल ट्रेड एसोसिएशन ऑफ उत्तर प्रदेश
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Published : May 2, 2022, 9:42 PM IST

लखनऊ: कोरोना संक्रमण के कारण दो सालों में उत्तर प्रदेश का पर्यटन उद्योग लड़खड़ा गया है. इस दौरान बेहद बुरा समय देखा. लेकिन, अब एक बार फिर यह क्षेत्र अपने पैरों पर खड़ा हो रहा है. खास बात यह है कि यहां पहुंचने वाले लोग नए पर्यटन क्षेत्रों की ओर रुख कर रहे हैं. इसका नतीजा है कि अब कई नई पर्यटन क्षेत्र भी उभर कर सामने आ रहे हैं. ट्रैवल ट्रेड एसोसिएशन ऑफ उत्तर प्रदेश का दावा है कि अयोध्या और वाराणसी अब पर्यटकों को ज्यादा आकर्षित कर रहे हैं. महाराष्ट्र और दक्षिण भारत से आने वाले पर्यटक लखनऊ से अयोध्या और वहां से वाराणसी की तरफ बढ़ रहे हैं.

दो साल में इंडस्ट्री बर्बाद हुई

कोरोना संक्रमण के चलते वर्ष 2020-21 में उत्तर प्रदेश के पर्यटन उद्योग को बहुत बढ़ा झटका लगा है. पर्यटन विभाग के आंकड़ों के मुताबकि 2020 में उत्तर प्रदेश में आने वाले पर्यटकों की संख्या में 83.90 प्रतिशत तक गिरावट दर्ज की गई. वर्ष 2021 में उत्तर प्रदेश में आने वाले पर्यटकों की संख्या सिर्फ 10 करोड़ 97 लाख 878 थी. जबकि, 2019 यानी कोरोना से पहले यह 54 करोड़ 06 लाख 343 थी.

ट्रैवल ट्रेड एसोसिएशन ऑफ उत्तर प्रदेश
पर्यटन विभाग ने शुरू की यह स्कीम

पर्यटन विभाग की ओर से इस उद्योग को दोबारा खड़ा करने के लिए कवायद तेज कर दी गई है. विभाग का दावा है कि उनके स्तर पर कई योजनाओं को संचालन किया जा रहा है. इनकी मदद से आने वाले दिनों में पर्यटकों का रुझाना बढ़ने की काफी उम्मीदें हैं.

रोप-वे परियोजना

प्रदेश सरकार द्वारा पीपीपी मॉडल पर रोप-वे की परियोजना उ.प्र. के तीन स्थलों चित्रकूट, अष्टभुजा-कालीकोह (विन्ध्याचल) और बरसाना (मथुरा) में क्रियान्वित की जा रही है. चित्रकूट रोप-वे का संचालन 14 सितम्बर, 2019 से प्रारम्भ हो चुका है. अष्टभुजा-कालीकोह (विन्ध्याचल), मिर्जापुर रोप-वे का 01 अगस्त 2021 को किया गया, जिसका व्यवसायिक संचालन 04 अगस्त 2021 से प्रारम्भ हो गया है. जबकि बरसाना-रोप वे (मथुरा) निर्माणाधीन है.

हेलीपैड का निर्माण

वाराणसी, मथुरा, प्रयागराज, लखनऊ और आगरा में हेलीपैड के निर्माण का काम पर्यटन विभाग द्वारा की जा रही है, जिसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा पांच हेलीपैड के लिए बजट भी जारी किया जा चुका है. इन स्थलों पर हेलीपैड की सुविधा से देशी-विदेशी पर्यटकों और श्रद्धालुओं का अनुभव बेहतर होगा, सैलानियों की संख्या बढ़ेगी. स्थानीय स्तर पर गतिविधियां बढ़ेगी. रोजगार के नए-नए अवसर सृजित होगें और लोगों का आर्थिक उन्नयन होगा.

यह भी पढ़ें- वाराणसी में बनेगी कश्मीर की शॉल, अब काशी के नाम से जानी जाएगी कश्मीरी पश्मीना

पर्यटन के यह नए सर्किट हो रहे हैं विकसित

रामायण सर्किटः अयोध्या के पर्यटन विकास के लिए यहां रामकथा गैलरी, बहुद्धेशीय हॉल-दिगम्बर अखाड़ा, राम की पैड़ी, बस स्टैण्ड, लक्ष्मण किला घाट एवं गुप्तार घाट के विकास का कार्य पूर्ण किया जा चुका है. स्ट्रीट रिजुविनेशन, पेडेस्ट्रियन पॉथ-वे, पंचक्रोसी परिक्रमा पर टूरिस्ट सेल्टर, सिटी वाइड इण्टरवेंशन, मल्टीलेवल पार्किंग के विकास का कार्य पूर्ण कर लिए गए है, जिनका लोकार्पण किया जा चुका है.

श्रृंगवेरपुर (जनपद-प्रयागराज) और चित्रकूट के पर्यटन विकास के लिए 69.45 करोड़ की धनराशि स्वीकृत कराई गई. श्रृंगवेरपुर में निषादराज स्थल पर गंगा नदी के तट पर 177 मीटर लंबे नए घाट (संध्या घाट) का निर्माण, टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेन्टर का निर्माण, पार्किंग का निर्माण, लास्टमाइल कनेक्टिविटी, सोलर लाइटिंग, साइनेजेज, वीरआसन, रामशयन और सीता कुंड का कार्य कराया गया है. चित्रकूट में टीएफसी, रामघाट स्थित फूड प्लाजा, माडर्न-टॉयलेट फैसिलिटी, रामघाट-पार्किंग, रामघाट-लेजर शो, माडर्न टॉयलेट फैसिलिटी- परिक्रमा पथ, लास्टमाइल कनेक्टिविटी, फुटओवरब्रिज, रामायण गैलरी, परिक्रमा मार्ग पर कवर्डशेड का कार्य कराया गया है.

बुद्धिष्ट सर्किटः कपिलवस्तु, श्रावस्ती एवं कुशीनगर के पर्यटन विकास के लिए 99.97 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत कराई गई.

क) कुशीनगर में पार्किंग, साइनेज, सोलर लाइटिंग, वेस्ट मैनेजमेन्ट, मार्डन टॉयलेट फैसिलिटी, लास्टमाईल कनेक्टिविटी, सी0सी0टी0वी0 एवं वाई-फाई का काम चल रहा है.
ख) कपिलवस्तु में हेलीपैड का कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा साइनेज, ड्रिकिंग वॉटर, सी0सी0टी0वी0, वाई-फाई, मार्डन टॉयलेट फैसिलिट, सोलर लाइटिंग, वेस्ट मैनेजमेन्ट, ध्वनि एवं प्रकाश शो, बुद्धा थीम पार्क, टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेन्टर एवं पार्किग, लास्ट माईल कनेक्टिविटी का काम चल रहा है.
ग) श्रावस्ती में वर्ल्ड पीसबेल का सौन्दर्यीकरण, पार्किग, टी0एफ0सी0, बुद्धा थीमपार्क, साईनेज एवं वेस्ट मैनेजमेन्ट, सी0सी0टी0वी0 एवं वाई-फाई, ध्वनि एवं प्रकाश शो का कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा सोलर लाइटिंग एवं मार्डन टॉयलेट फैसिलिटी के काम चल रहे हैं.

हेरिटेज सर्किटः योजना के अन्तर्गत कालिन्जर किला (बांदा), मगहर धाम (सन्तकबीर नगर), चौरी चौरा, शहीद स्थल (फतेहपुर), महावर स्थल (घोसी) एवं शहीद स्मारक (मेरठ), सोलम चौपाल (मुजफ्फरनगर) के पर्यटन विकास के लिए 33.17 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत कराई गई है.

वहीं, ट्रैवल ट्रैड एसोसिएशन ऑफ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष विवेक पाण्डेय ने कहा कि कोरोना ने सबसे ज्यादा हमारे ट्रैवल ट्रेड को प्रभावित किया है. हमे काम करते हुए करीब 25 साल हो गया है. हमने वो दौर भी देखा जब यह इंडस्ट्री अपने पीक पर थी. कोविड के दौरान इसे जीरो होते हुए भी देखा. लेकिन, मुझे लगता है कि कोरोना के बाद स्थितियां बदल रही है. सरकार को धन्यवाद देना चाहूंगा. इतना अच्छा वैक्सीनेशन ड्राइव चलाया कि लोगों की अब ट्रैवल करने की हिम्मत हो रही है. ताजमहल कोविड से पहले भी था. इसको सबलोग जानते थे. लेकिन, अब अयोध्या और वाराणसी दो नए क्षेत्र उभरे हैं.

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लखनऊ: कोरोना संक्रमण के कारण दो सालों में उत्तर प्रदेश का पर्यटन उद्योग लड़खड़ा गया है. इस दौरान बेहद बुरा समय देखा. लेकिन, अब एक बार फिर यह क्षेत्र अपने पैरों पर खड़ा हो रहा है. खास बात यह है कि यहां पहुंचने वाले लोग नए पर्यटन क्षेत्रों की ओर रुख कर रहे हैं. इसका नतीजा है कि अब कई नई पर्यटन क्षेत्र भी उभर कर सामने आ रहे हैं. ट्रैवल ट्रेड एसोसिएशन ऑफ उत्तर प्रदेश का दावा है कि अयोध्या और वाराणसी अब पर्यटकों को ज्यादा आकर्षित कर रहे हैं. महाराष्ट्र और दक्षिण भारत से आने वाले पर्यटक लखनऊ से अयोध्या और वहां से वाराणसी की तरफ बढ़ रहे हैं.

दो साल में इंडस्ट्री बर्बाद हुई

कोरोना संक्रमण के चलते वर्ष 2020-21 में उत्तर प्रदेश के पर्यटन उद्योग को बहुत बढ़ा झटका लगा है. पर्यटन विभाग के आंकड़ों के मुताबकि 2020 में उत्तर प्रदेश में आने वाले पर्यटकों की संख्या में 83.90 प्रतिशत तक गिरावट दर्ज की गई. वर्ष 2021 में उत्तर प्रदेश में आने वाले पर्यटकों की संख्या सिर्फ 10 करोड़ 97 लाख 878 थी. जबकि, 2019 यानी कोरोना से पहले यह 54 करोड़ 06 लाख 343 थी.

ट्रैवल ट्रेड एसोसिएशन ऑफ उत्तर प्रदेश
पर्यटन विभाग ने शुरू की यह स्कीम

पर्यटन विभाग की ओर से इस उद्योग को दोबारा खड़ा करने के लिए कवायद तेज कर दी गई है. विभाग का दावा है कि उनके स्तर पर कई योजनाओं को संचालन किया जा रहा है. इनकी मदद से आने वाले दिनों में पर्यटकों का रुझाना बढ़ने की काफी उम्मीदें हैं.

रोप-वे परियोजना

प्रदेश सरकार द्वारा पीपीपी मॉडल पर रोप-वे की परियोजना उ.प्र. के तीन स्थलों चित्रकूट, अष्टभुजा-कालीकोह (विन्ध्याचल) और बरसाना (मथुरा) में क्रियान्वित की जा रही है. चित्रकूट रोप-वे का संचालन 14 सितम्बर, 2019 से प्रारम्भ हो चुका है. अष्टभुजा-कालीकोह (विन्ध्याचल), मिर्जापुर रोप-वे का 01 अगस्त 2021 को किया गया, जिसका व्यवसायिक संचालन 04 अगस्त 2021 से प्रारम्भ हो गया है. जबकि बरसाना-रोप वे (मथुरा) निर्माणाधीन है.

हेलीपैड का निर्माण

वाराणसी, मथुरा, प्रयागराज, लखनऊ और आगरा में हेलीपैड के निर्माण का काम पर्यटन विभाग द्वारा की जा रही है, जिसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा पांच हेलीपैड के लिए बजट भी जारी किया जा चुका है. इन स्थलों पर हेलीपैड की सुविधा से देशी-विदेशी पर्यटकों और श्रद्धालुओं का अनुभव बेहतर होगा, सैलानियों की संख्या बढ़ेगी. स्थानीय स्तर पर गतिविधियां बढ़ेगी. रोजगार के नए-नए अवसर सृजित होगें और लोगों का आर्थिक उन्नयन होगा.

यह भी पढ़ें- वाराणसी में बनेगी कश्मीर की शॉल, अब काशी के नाम से जानी जाएगी कश्मीरी पश्मीना

पर्यटन के यह नए सर्किट हो रहे हैं विकसित

रामायण सर्किटः अयोध्या के पर्यटन विकास के लिए यहां रामकथा गैलरी, बहुद्धेशीय हॉल-दिगम्बर अखाड़ा, राम की पैड़ी, बस स्टैण्ड, लक्ष्मण किला घाट एवं गुप्तार घाट के विकास का कार्य पूर्ण किया जा चुका है. स्ट्रीट रिजुविनेशन, पेडेस्ट्रियन पॉथ-वे, पंचक्रोसी परिक्रमा पर टूरिस्ट सेल्टर, सिटी वाइड इण्टरवेंशन, मल्टीलेवल पार्किंग के विकास का कार्य पूर्ण कर लिए गए है, जिनका लोकार्पण किया जा चुका है.

श्रृंगवेरपुर (जनपद-प्रयागराज) और चित्रकूट के पर्यटन विकास के लिए 69.45 करोड़ की धनराशि स्वीकृत कराई गई. श्रृंगवेरपुर में निषादराज स्थल पर गंगा नदी के तट पर 177 मीटर लंबे नए घाट (संध्या घाट) का निर्माण, टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेन्टर का निर्माण, पार्किंग का निर्माण, लास्टमाइल कनेक्टिविटी, सोलर लाइटिंग, साइनेजेज, वीरआसन, रामशयन और सीता कुंड का कार्य कराया गया है. चित्रकूट में टीएफसी, रामघाट स्थित फूड प्लाजा, माडर्न-टॉयलेट फैसिलिटी, रामघाट-पार्किंग, रामघाट-लेजर शो, माडर्न टॉयलेट फैसिलिटी- परिक्रमा पथ, लास्टमाइल कनेक्टिविटी, फुटओवरब्रिज, रामायण गैलरी, परिक्रमा मार्ग पर कवर्डशेड का कार्य कराया गया है.

बुद्धिष्ट सर्किटः कपिलवस्तु, श्रावस्ती एवं कुशीनगर के पर्यटन विकास के लिए 99.97 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत कराई गई.

क) कुशीनगर में पार्किंग, साइनेज, सोलर लाइटिंग, वेस्ट मैनेजमेन्ट, मार्डन टॉयलेट फैसिलिटी, लास्टमाईल कनेक्टिविटी, सी0सी0टी0वी0 एवं वाई-फाई का काम चल रहा है.
ख) कपिलवस्तु में हेलीपैड का कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा साइनेज, ड्रिकिंग वॉटर, सी0सी0टी0वी0, वाई-फाई, मार्डन टॉयलेट फैसिलिट, सोलर लाइटिंग, वेस्ट मैनेजमेन्ट, ध्वनि एवं प्रकाश शो, बुद्धा थीम पार्क, टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेन्टर एवं पार्किग, लास्ट माईल कनेक्टिविटी का काम चल रहा है.
ग) श्रावस्ती में वर्ल्ड पीसबेल का सौन्दर्यीकरण, पार्किग, टी0एफ0सी0, बुद्धा थीमपार्क, साईनेज एवं वेस्ट मैनेजमेन्ट, सी0सी0टी0वी0 एवं वाई-फाई, ध्वनि एवं प्रकाश शो का कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा सोलर लाइटिंग एवं मार्डन टॉयलेट फैसिलिटी के काम चल रहे हैं.

हेरिटेज सर्किटः योजना के अन्तर्गत कालिन्जर किला (बांदा), मगहर धाम (सन्तकबीर नगर), चौरी चौरा, शहीद स्थल (फतेहपुर), महावर स्थल (घोसी) एवं शहीद स्मारक (मेरठ), सोलम चौपाल (मुजफ्फरनगर) के पर्यटन विकास के लिए 33.17 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत कराई गई है.

वहीं, ट्रैवल ट्रैड एसोसिएशन ऑफ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष विवेक पाण्डेय ने कहा कि कोरोना ने सबसे ज्यादा हमारे ट्रैवल ट्रेड को प्रभावित किया है. हमे काम करते हुए करीब 25 साल हो गया है. हमने वो दौर भी देखा जब यह इंडस्ट्री अपने पीक पर थी. कोविड के दौरान इसे जीरो होते हुए भी देखा. लेकिन, मुझे लगता है कि कोरोना के बाद स्थितियां बदल रही है. सरकार को धन्यवाद देना चाहूंगा. इतना अच्छा वैक्सीनेशन ड्राइव चलाया कि लोगों की अब ट्रैवल करने की हिम्मत हो रही है. ताजमहल कोविड से पहले भी था. इसको सबलोग जानते थे. लेकिन, अब अयोध्या और वाराणसी दो नए क्षेत्र उभरे हैं.

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