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पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार की जमानत कोर्ट ने की मंजूर, जानिए क्या है मामला

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Published : Jan 10, 2023, 8:27 PM IST

Updated : Jan 10, 2023, 10:54 PM IST

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20:24 January 10

लखनऊ : कानपुर में दर्ज भ्रष्टाचार के एक मामले में पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार की जमानत कोर्ट ने मंजूर कर ली है. महत्वपूर्ण बात यह रही कि कानपुर के उक्त मामले में माणिलाल पाटीदार के विरुद्ध तय समय सीमा 60 दिन में आरोप पत्र नहीं दाखिल किया जा सका. जिसकी वजह से भ्रष्टाचार निवारण के विशेष न्यायाधीश लोकेश वरुण ने उसे इस मामले में जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. पाटीदार को एक-एक लाख रुपये की दो जमानतें और एक लाख का ही मुचलका दाखिल करना होगा.


विजिलेन्स कानपुर यूनिट ने इस मामले में पाटीदार समेत चार पुलिसकर्मियों के विरुद्ध पिछले वर्ष मुकदमा दर्ज किया था. अभियुक्तों पर भ्रष्टाचार के साथ-साथ लोकसेवक द्वारा किसी को नुकसान पहुंचाने के लिए कानून का उल्लंघन करना, कानून के निर्देशों की अवहेलना करना, नुकसान पहुंचाने के लिए गलत दस्तावेज तैयार करना व साजिश रचने जैसे गम्भीर आरोप हैं. कोर्ट ने पाटीदार को जमानत देते हुए कहा है कि आरोपी के खिलाफ लगाए गए आरोपों में 10 वर्ष से कम की सजा है. ऐसे मामलों में यदि 60 दिन के अंदर आरोप पत्र नहीं दाखिल किया जाता तो आरोपी को डिफ़ॉल्ट जमानत का अधिकार मिल जाता है. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में आरोपी मणिलाल पाटीदार को 29 अक्टूबर 2022 को न्यायिक हिरासत में लिया गया था. इस दिन से 27 दिसंबर 2022 तक आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दायर हो जाना चाहिए था, लेकिन विवेचक 6 जनवरी 2023 तक भी आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने में असफल रहा लिहाजा आरोपी को जमानत दी जाती है.


उल्लेखनीय है कि कोतवाली नगर महोबा में मणिलाल पाटीदार, थानाध्यक्ष खरेला राजू सिंह एवं चरखारी थाने के प्रभारी राकेश कुमार सरोज के विरुद्ध पीपी पांडे इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर नीतीश पांडे ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि उनकी कंपनी के ट्रक बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे में मिट्टी ढोने का काम कर रहे हैं तथा ट्रकों के कागजात पूरे हैं फिर भी ट्रकों को रोककर पैसों की मांग की जाती है ना देने पर उनका चालान काटा जाता है. यह भी आरोप है कि तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार ने फोन करके वादी के कर्मचारी अमित तिवारी को बुलाया तथा दो लाख रुपये प्रतिमाह देने का दबाव डाला. पाटीदार पर महोबा के क्रेशर व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मरत्यु के मामले में भी गम्भीर आरोप हैं और इस मामले में वह लम्बे समय तक फ़रारी भी काट चुका है. उसने 15 अक्टूबर 2022 को आत्म समर्पण किया था.

यह भी पढ़ें : लोकसभा चुनाव की तैयारियों को आंदोलन और प्रदर्शन से धार देगी सपा, अखिलेश यादव खुद संभालेंगे मोर्चा

20:24 January 10

लखनऊ : कानपुर में दर्ज भ्रष्टाचार के एक मामले में पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार की जमानत कोर्ट ने मंजूर कर ली है. महत्वपूर्ण बात यह रही कि कानपुर के उक्त मामले में माणिलाल पाटीदार के विरुद्ध तय समय सीमा 60 दिन में आरोप पत्र नहीं दाखिल किया जा सका. जिसकी वजह से भ्रष्टाचार निवारण के विशेष न्यायाधीश लोकेश वरुण ने उसे इस मामले में जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. पाटीदार को एक-एक लाख रुपये की दो जमानतें और एक लाख का ही मुचलका दाखिल करना होगा.


विजिलेन्स कानपुर यूनिट ने इस मामले में पाटीदार समेत चार पुलिसकर्मियों के विरुद्ध पिछले वर्ष मुकदमा दर्ज किया था. अभियुक्तों पर भ्रष्टाचार के साथ-साथ लोकसेवक द्वारा किसी को नुकसान पहुंचाने के लिए कानून का उल्लंघन करना, कानून के निर्देशों की अवहेलना करना, नुकसान पहुंचाने के लिए गलत दस्तावेज तैयार करना व साजिश रचने जैसे गम्भीर आरोप हैं. कोर्ट ने पाटीदार को जमानत देते हुए कहा है कि आरोपी के खिलाफ लगाए गए आरोपों में 10 वर्ष से कम की सजा है. ऐसे मामलों में यदि 60 दिन के अंदर आरोप पत्र नहीं दाखिल किया जाता तो आरोपी को डिफ़ॉल्ट जमानत का अधिकार मिल जाता है. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में आरोपी मणिलाल पाटीदार को 29 अक्टूबर 2022 को न्यायिक हिरासत में लिया गया था. इस दिन से 27 दिसंबर 2022 तक आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दायर हो जाना चाहिए था, लेकिन विवेचक 6 जनवरी 2023 तक भी आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने में असफल रहा लिहाजा आरोपी को जमानत दी जाती है.


उल्लेखनीय है कि कोतवाली नगर महोबा में मणिलाल पाटीदार, थानाध्यक्ष खरेला राजू सिंह एवं चरखारी थाने के प्रभारी राकेश कुमार सरोज के विरुद्ध पीपी पांडे इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर नीतीश पांडे ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि उनकी कंपनी के ट्रक बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे में मिट्टी ढोने का काम कर रहे हैं तथा ट्रकों के कागजात पूरे हैं फिर भी ट्रकों को रोककर पैसों की मांग की जाती है ना देने पर उनका चालान काटा जाता है. यह भी आरोप है कि तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार ने फोन करके वादी के कर्मचारी अमित तिवारी को बुलाया तथा दो लाख रुपये प्रतिमाह देने का दबाव डाला. पाटीदार पर महोबा के क्रेशर व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मरत्यु के मामले में भी गम्भीर आरोप हैं और इस मामले में वह लम्बे समय तक फ़रारी भी काट चुका है. उसने 15 अक्टूबर 2022 को आत्म समर्पण किया था.

यह भी पढ़ें : लोकसभा चुनाव की तैयारियों को आंदोलन और प्रदर्शन से धार देगी सपा, अखिलेश यादव खुद संभालेंगे मोर्चा

Last Updated : Jan 10, 2023, 10:54 PM IST
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