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लखनऊ: लोहिया संस्थान में नियुक्तियों की शासन स्तर से होगी जांच - असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति की जांच

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में की गई असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति में अनियमितताओं की शिकायत पाई गई थी. इसके बाद नियुक्ति के मामले की नए सिरे से शासन स्तर से जांच होगी.

असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति के मामले की नए सिरे से जांच होगी
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Published : Aug 16, 2019, 12:11 PM IST

लखनऊ: डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में हुई असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति मामले की नए सिरे से जांच होगी. नियुक्तियों में कई सारी अव्यवस्थाओं की शिकायत पाई गई थी. इसके बाद अब इस मामले में शासन स्तर से जांच ने एक नया मोड़ ला दिया है.

असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति मामले की होगी जांच.


असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति की जांच शुरु-

  • डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में हुई असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति के मामले की नए सिरे से जांच होगी.
  • कुछ विधायकों की ओर से की गई शिकायत के बाद शासन ने संस्थान से मामले की जांच कराने को कहा है.
  • लोहिया संस्थान में 2009 में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति हुई थी.
  • नियुक्तियों पर 15 नवंबर 2016 को तत्कालीन सचिव डॉ. अनीता भटनागर ने आदेश जारी किया है.
  • संस्थान के निदेशक को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि संस्थान की 16 सीटों में से कार्डियोलॉजी, रेडियोलॉजी और यूरोलॉजी को समाप्त किया जा रहा है.
  • इसके स्थान पर पांच विभागों में से एक पद सृजित किये जा रहे हैं.
  • इसके बाद भी नियुक्ति के लिए विज्ञापन प्रकाशित नहीं किया जाएगा.
  • समायोजित किए गए असिस्टेंट प्रोफेसर को एसोसिएट प्रोफेसर बनाने के लिए 2 माह पहले ही आनन-फानन साक्षात्कार भी करवा दिए गए हैं.

पढ़ें-लखनऊ: सीएम योगी ने बंधवाई बच्चियों से राखी, कहा- समाज में जरुरी है नारी गरिमा की रक्षा

लखनऊ: डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में हुई असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति मामले की नए सिरे से जांच होगी. नियुक्तियों में कई सारी अव्यवस्थाओं की शिकायत पाई गई थी. इसके बाद अब इस मामले में शासन स्तर से जांच ने एक नया मोड़ ला दिया है.

असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति मामले की होगी जांच.


असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति की जांच शुरु-

  • डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में हुई असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति के मामले की नए सिरे से जांच होगी.
  • कुछ विधायकों की ओर से की गई शिकायत के बाद शासन ने संस्थान से मामले की जांच कराने को कहा है.
  • लोहिया संस्थान में 2009 में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति हुई थी.
  • नियुक्तियों पर 15 नवंबर 2016 को तत्कालीन सचिव डॉ. अनीता भटनागर ने आदेश जारी किया है.
  • संस्थान के निदेशक को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि संस्थान की 16 सीटों में से कार्डियोलॉजी, रेडियोलॉजी और यूरोलॉजी को समाप्त किया जा रहा है.
  • इसके स्थान पर पांच विभागों में से एक पद सृजित किये जा रहे हैं.
  • इसके बाद भी नियुक्ति के लिए विज्ञापन प्रकाशित नहीं किया जाएगा.
  • समायोजित किए गए असिस्टेंट प्रोफेसर को एसोसिएट प्रोफेसर बनाने के लिए 2 माह पहले ही आनन-फानन साक्षात्कार भी करवा दिए गए हैं.

पढ़ें-लखनऊ: सीएम योगी ने बंधवाई बच्चियों से राखी, कहा- समाज में जरुरी है नारी गरिमा की रक्षा

Intro:

डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में हुई असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति के मामले की नए सिरे से जांच होगी। जोकि शासन द्वारा की जा रही है। दरअसल नियुक्तियों में कई सारी अनियमितताओं की शिकायत पाई गई थी। इसके बाद अब इस पूरे मामले में शासन स्तर से जांच करके मामले में एक नया मोड़ ला दिया है।





Body:डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में हुई असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति के मामले की नए सिरे से जांच होगी। कुछ विधायकों की ओर से भेजी गई। शिकायत के बाद शासन ने संस्थान से मामले की जांच कराकर वस्तु स्थिति से अवगत कराने को कहा है। लोहिया संस्थान में 2009 में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति हुई। नियुक्तियों पर 15 नवंबर 2016 को तत्कालीन सचिव डॉ अनीता भटनागर ने आदेश जारी किया। संस्थान के निदेशक को भेजे गए पत्र में उन्होंने कहा कि संस्थान में 16 सीटों में से कार्डियोलॉजी, रेडियोलॉजी, यूरोलॉजी एक को समाप्त किया जा रहा है। इसके स्थान पर पांच विभागों में से एक पद सृजित किये जा रहे हैं। राज्यपाल के आदेश बाद जारी किया गया था। आरोप है इसके बाद भी नियुक्ति के लिए विज्ञापन प्रकाशित नहीं किया। संस्थान में अस्थाई रूप से नियुक्त कर दिया गया। इतना ही नहीं समायोजित किए गए असिस्टेंट प्रोफेसर को एसोसिएट प्रोफेसर बनाने के लिए 2 माह पहले ही आनन-फानन साक्षात्कार भी करवा दिए गए ।इस पूरे मामले पर विधायक द्वारा शिकायत की गई। उसके बाद डायरेक्टर को जांच के आदेश देकर मामले की तथाकथित रुकने के लिए कहा गया इस पूरे मामले पर जब हमने लोहिया संस्थान के निदेशक ए के त्रिपाठी से बातचीत का प्रयास किया तो उन्होंने शासन स्तर से जांच की बात कही और इस पूरे मामले पर बोलने से मना कर दिया।

बाइट-डॉ ए के त्रिपाठी, निदेशक, लोहिया संस्थान




Conclusion:एन्ड
शुभम पाण्डेय
7054605976
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