लखनऊः हाईकोर्ट के निर्देश के बाद उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के लिए पंचायतों के आरक्षण की प्रक्रिया नए सिरे से तेजी से चल रही है. इसी बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने चार चरणों में पंचायत चुनाव कराने के निर्देश सभी जिला अधिकारियों को दिए हैं. राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने प्रत्येक जिले के सभी विकासखंडों में एक ही चरण में पंचायत चुनाव कराने के लिए गाइडलाइन जारी की है.
राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी किए ये निर्देश
राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशों के मुताबिक यदि किसी मंडल में जिलों की संख्या 4 से अधिक है तो वहां पर किसी एक चरण में 2 जिलों में एक साथ चुनाव कराया जाएगा. इस बार पोलिंग पार्टियों में पीठासीन अधिकारी के अलावा तीन मतदान कर्मचारी नियुक्त किए जाएंगे. राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा है कि जिले के सभी विकास खंडों में एक साथ चुनाव कराने के दौरान मतदान के लिए कर्मचारियों और अधिकारियों की आवश्यकता को मंडल के दूसरे जिलों से पूरा कराया जाएगा. एक मंडल के सभी जिलों के कर्मचारियों को एक जिले से दूसरे जिले में भेजने का फैसला कमिश्नर के स्तर पर होगा.
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एक मतपेटी में डाले जाएंगे सभी पदों के मत
राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलाधिकारियों को भेजे निर्देश में कहा है कि इस बार होने वाले पंचायत चुनाव में एक ही मतपेटी में मत डाले जाएंगे. पंचायत चुनाव में इस बार प्रत्येक मतदान स्थल पर तीन की जगह दो मत पेटी रखने की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाएगी. चुनाव चिह्न आवंटन के बाद यदि उम्मीदवारों की संख्या अधिक होती हो तो संबंधित मतदान स्थल पर तीन मतपेटी की जगह एक ही रखी जाएगी. इसमें जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य के मतपत्रों को डाला जाएगा. आयोग ने चुनाव में पर्याप्त संख्या में पुलिस और पीएसी बल उपलब्ध कराने के लिए गृह विभाग को निर्देश दिए हैं.
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चुनाव ड्यूटी में रखा जाएगा वरिष्ठता का ध्यान
राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदान कराने वाले दल में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने के दौरान वरिष्ठता का ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं. पीठासीन अधिकारी एवं मतदान अधिकारी को उनके ग्रेड पे के आधार पर नियुक्त करने का निर्देश दिया गया है. इस निर्देश के तहत किसी भी अधिकारी को उनसे निम्न पद के कर्मचारी के अधीन ड्यूटी पर नहीं लगाया जाएगा. आयोग के निर्देश के मुताबिक जिले में मतदान दलों में पीठासीन अधिकारी और मतदान अधिकारियों की नियुक्ति कर्मचारियों की उपलब्धता के आधार पर सॉफ्टवेयर से की जाएगी.
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मतदान दल में महिला की अनिवार्यता समाप्त
इस बार के पंचायत चुनाव में निर्वाचन आयोग ने प्रत्येक मतदान दल में महिला कर्मचारी की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है. अभी तक हर पोलिंग पार्टी में एक महिला कर्मचारी का होना अनिवार्य होता था. किसी दल में 1 से अधिक भी महिलाएं हो सकती थीं. अब यह अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है. इसके अलावा चुनाव को लेकर सभी कर्मचारियों को प्रशिक्षण एक ही बार में और सभी संबंधित जिलों में पहले चरण के मतदान से पहले ही कराने के निर्देश दिए गए हैं.