लखनऊ: शासन में बड़े स्तर पर हुए फेरबदल के बाद अब जल्द ही जिलों में तैनात अफसरों की पोस्टिंग में भी बड़े पैमाने पर फेरबदल देखने को मिलेगा. ट्रांसफर पोस्टिंग से पहले जिलों में तैनात अफसरों की धड़कनें बढ़ गई है. साथ ही उन्हें इस बात की चिंता सताए जा रही है कि अब उनकी पोस्टिंग कहां होगी. इतनी ही नहीं उन अफसरों की धड़कनें ज्यादा बढ़ी हुई हैं, जो सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के करीबी माने जाते रहे हैं. वहीं, अखिलेश के करीबी अफसरों को अबकी सूबे में सपा की सरकार बनने की उम्मीद थी. लेकिन ऐसा न होने की सूरत में उनकी दिक्कतें बढ़ गई हैं और उन्हें साइडलाइन करने की सभी तैयारियां की जा चुकी हैं.
शासन सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ईद बीतने के बाद अब जिला स्तर पर भी अफसरों के तबादले किए जाएंगे. साथ ही बताया गया कि इस तबादले में उन तमाम अफसरों को चिन्हित किया गया है, जो सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी माने जाते रहे हैं और बीते विधानसभा चुनाव के दौरान अखिलेश के संपर्क में थे. शासन से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जिलों में तैनात करीब एक दर्जन अफसरों को आने वाले कुछ दिनों में जब बड़े स्तर पर जिलों में फेरबदल होंगे तो साइडलाइन कर के शासन में महत्वहीन विभागों में विशेष सचिव जैसे पदों पर पोस्टिंग दी जाएगी.
सूत्र बताते हैं कि करीब एक दर्जन जिलों में जो जिलाधिकारी के पद पर अधिकारी तैनात हैं, वो अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में थे और अफसरों का यह मानना था कि जो विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश में जो बयार चल रही थी, उससे समाजवादी पार्टी की सरकार बनती दिख रही थी. ऐसे में इन अफसरों ने समय को भांपते हुए अखिलेश यादव से संपर्क साधने में देर नहीं की.
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वहीं, खास बात यह है कि इन अफसरों के सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव व समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से संपर्क होने की जानकारी खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंची है. ऐसे में सूत्रों का दावा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नाराज हैं और आने वाले कुछ दिनों में ऐसे अफसरों को पूरी तरह से साइडलाइन करने की तैयारी जारी है.
इस पूरे मसले पर राजनीतिक विश्लेषक डॉ. दिलीप अग्निहोत्री ने कहा कि अभी हाल ही में शासन स्तर में हुए बड़े फेरबदल में एक-दो अधिकारी जो अखिलेश यादव के संपर्क में थे, उन्हें कम महत्व वाले विभागों में पोस्टिंग दी गई है. जिससे यह बात स्पष्ट हो रही है कि मुख्यमंत्री किसी भी स्थिति में उन अफसरों को बख्शने के मूड में नहीं हैं, जो अधिकारी योगी सरकार में अच्छे पदों पर रहे लेकिन विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी के संपर्क में हो गए थे.
अब ऐसे अफसरों को पूरी तरह से साइडलाइन किए जाने की तैयारी शासन स्तर पर हो चुकी है. नियुक्ति विभाग से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि आने वाले कुछ दिनों में जिलों में ट्रांसफर किए जाएंगे और अधिकारियों का कहना है कि जिलों में अफसरों की पोस्टिंग को लेकर शासन स्तर पर प्रस्ताव बनाने का काम किया जा रहा है. मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश पर यह काम हो रहा है.
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