ETV Bharat / state

अधर में लटक गया इमरान मसूद का राजनीतिक कॅरियर, अब आरएलडी पर निगाहें - बसपा सुप्रीमो मायावती

पहले कांग्रेस फिर समाजवादी पार्टी, उसके बाद बहुजन समाज पार्टी और फिर कोई पार्टी लेने को राजी नहीं. ये हैं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता की राजनीतिक पारी की कहानी. नाम है इमरान मसूद.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 8, 2023, 12:13 PM IST

लखनऊ : इमरान मसूद कभी कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने थे. सांसद का चुनाव भी लड़ा था. हालांकि जीते नहीं थे, लेकिन कांग्रेस का हाथ छोड़कर विधानसभा चुनाव 2022 से पहले समाजवादी पार्टी में टिकट की आस लेकर शामिल हुए, लेकिन टिकट नहीं मिला. इसके बाद सपा को दामन छोड़ बसपा का हाथी पसंद कर लिया. उम्मीद लेकर आए थे कि 2024 लोकसभा चुनाव का टिकट मिलेगा, लेकिन यहां से भी पत्ता कट हो गया. बीएसपी सुप्रीमो ने चुनाव आने से पहले ही पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. अब आलम ये है कि इमरान मसूद अपना राजनीतिक कॅरियर बचाए रखने के लिए तमाम पार्टियों में जुगाड़ लगा रहे हैं, लेकिन जुगाड़ है कि फिट बैठ ही नहीं रहा है. फिलहाल, अब राष्ट्रीय लोकदल से इस नेता की उम्मीद लगी है. अगर आरएलडी ने मौका दिया तो उसी के सिंबल पर चुनाव लड़ने का मसूद का सपना साकार हो सकता है.

अधर में लटक गया इमरान मसूद का राजनीतिक कॅरियर.
अधर में लटक गया इमरान मसूद का राजनीतिक कॅरियर.
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर अभी से राजनीतिक दल चुनावी मोड में आ गए हैं. तमाम नेता अपने लिए सुरक्षित स्थान की खोज में भी जुट गए हैं. जो नेता जिन पार्टियों से निकाले गए या फिर जिन्होंने खुद रुखसती कर ली वह अपने लिए सुरक्षित स्थान खोज रहे हैं. इन्हीं नेताओं में से एक नाम है पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में जाना पहचाना चेहरा इमरान मसूद. कांग्रेस पार्टी से विधायक बनने के बाद दो बार सांसद का चुनाव लड़कर हारने वाले और फिर 2022 में समाजवादी पार्टी के विधानसभा टिकट पर चुनाव जीतने की ख्वाहिश रखने वाले इमरान मसूद की चाहत पर टिकट न मिलने से पानी फिर गया था. इसके बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी के साइकिल के सवारी छोड़ बहुजन समाज पार्टी के हाथी की सवारी कर ली. इस उम्मीद के साथ कि सपा मुखिया अखिलेश ने भले ही उन्हें टिकट न देकर नाउम्मीद किया हो, लेकिन बसपा सुप्रीमो मायावती ऐसा नहीं करेंगी.
अधर में लटक गया इमरान मसूद का राजनीतिक कॅरियर.
अधर में लटक गया इमरान मसूद का राजनीतिक कॅरियर.

बहरहाल लोकसभा चुनाव आने से पहले ही इमरान की बहुजन समाज पार्टी से विदाई हो गई. उन्हें निष्कासित कर दिया गया. निष्कासन के बाद मसूद ने आरोप लगाया कि रसीद काटने के नाम पर पैसे मांगे जा रहे थे जो मेरे पास नहीं थे, इसलिए निकाल दिया गया. हालांकि बसपा की तरफ से तर्क दिया गया कि वह पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त थे. कांग्रेस का पक्ष ले रहे थे और बहुजन समाज पार्टी को इंडिया गठबंधन में शामिल होने की वकालत कर रहे थे. इसलिए निकाल दिया गया. अब बहुजन समाज पार्टी से निकाले जाने के बाद फिलहाल इमरान मसूद को अभी नया ठिकाना मिल नहीं पाया है.

यह भी पढ़ें : इमरान मसूद के परिवार में फूट, बहन ने सपा को समर्थन देते हुए बसपा प्रत्याशी भाभी पर लगाए गंभीर आरोप

बीएसपी से निष्कासित होने के बाद एक बार फिर इमरान मसूद की घर वापसी का रास्ता साफ हो रहा था. कयास लगाए जा रहे थे कि मसूद जल्द ही फिर से कांग्रेस पार्टी में वापसी करेंगे और कांग्रेस से ही 2024 का लोकसभा चुनाव भी लड़ सकते हैं. अब सूत्र बता रहे हैं कि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी की नाराजगी के चलते इमरान मसूद के दरवाजे फिलहाल कांग्रेस में बंद नजर आ रहे हैं. ऐसे में अब इमरान के पास एक ही विकल्प बचा है और वह है राष्ट्रीय लोकदल. पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में राष्ट्रीय लोक दल का अच्छा खासा दखल है. वर्तमान में समाजवादी पार्टी से यूपी में आरएलडी का गठबंधन है तो लोकसभा चुनाव के लिए आरएलडी इंडिया गठबंधन का हिस्सा भी है. अब इमरान मसूद लगातार राष्ट्रीय लोकदल में शामिल होने की कोशिशें में जुट गए हैं.

यह भी पढ़ें : बसपा नेता इमरान मसूद ने कहा- बीजेपी का मुस्लिम प्रेम सिर्फ दिखावा है


इमरान मसूद की पॉलीटिकल पारी की बात की जाए तो बेस्ट यूपी में उन्हें बड़ा राजनीतिक चेहरा माना जाता है. उनका काजी परिवार पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सियासत को प्रभावित करने वाला काफी समय से रहा है. तीन पार्टियों में अब तक राजनीति करने वाले इमरान मसूद अब अपने लिए चौथी पार्टी की तलाश में जुटे हैं. कांग्रेस से अब बात बनती नजर नहीं आ रही है. हालांकि राष्ट्रीय लोकदल की तरफ जाने में इमरान को कोई दिक्कत नहीं है. कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस में वापसी को लेकर प्रियंका गांधी इसलिए नाराजगी जता रही हैं क्योंकि प्रियंका गांधी ने ही सहारनपुर लोकसभा सीट से इमरान को चुनाव लड़वाया था. इसके बाद राष्ट्रीय सचिव भी बनवाया. दिल्ली प्रदेश के सह प्रभारी की जिम्मेदारी भी दिलवाई. हर तरह से प्रियंका ने इमरान मसूद को शिखर पर पहुंचाया, लेकिन इमरान ने प्रियंका को ही धोखा दे दिया. इससे प्रियंका काफी नाराज हैं.







UP Politics : इमरान मसूद ने पांच करोड़ रुपये मांगने का लगाया आरोप, बसपा से खत्म हो गया सफर

यह भी पढ़ें : Politics of UP : इमरान मसूद के साथ बसपा के कई मुस्लिम चेहरे थाम सकते हैं कांग्रेस का हाथ

लखनऊ : इमरान मसूद कभी कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने थे. सांसद का चुनाव भी लड़ा था. हालांकि जीते नहीं थे, लेकिन कांग्रेस का हाथ छोड़कर विधानसभा चुनाव 2022 से पहले समाजवादी पार्टी में टिकट की आस लेकर शामिल हुए, लेकिन टिकट नहीं मिला. इसके बाद सपा को दामन छोड़ बसपा का हाथी पसंद कर लिया. उम्मीद लेकर आए थे कि 2024 लोकसभा चुनाव का टिकट मिलेगा, लेकिन यहां से भी पत्ता कट हो गया. बीएसपी सुप्रीमो ने चुनाव आने से पहले ही पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. अब आलम ये है कि इमरान मसूद अपना राजनीतिक कॅरियर बचाए रखने के लिए तमाम पार्टियों में जुगाड़ लगा रहे हैं, लेकिन जुगाड़ है कि फिट बैठ ही नहीं रहा है. फिलहाल, अब राष्ट्रीय लोकदल से इस नेता की उम्मीद लगी है. अगर आरएलडी ने मौका दिया तो उसी के सिंबल पर चुनाव लड़ने का मसूद का सपना साकार हो सकता है.

अधर में लटक गया इमरान मसूद का राजनीतिक कॅरियर.
अधर में लटक गया इमरान मसूद का राजनीतिक कॅरियर.
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर अभी से राजनीतिक दल चुनावी मोड में आ गए हैं. तमाम नेता अपने लिए सुरक्षित स्थान की खोज में भी जुट गए हैं. जो नेता जिन पार्टियों से निकाले गए या फिर जिन्होंने खुद रुखसती कर ली वह अपने लिए सुरक्षित स्थान खोज रहे हैं. इन्हीं नेताओं में से एक नाम है पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में जाना पहचाना चेहरा इमरान मसूद. कांग्रेस पार्टी से विधायक बनने के बाद दो बार सांसद का चुनाव लड़कर हारने वाले और फिर 2022 में समाजवादी पार्टी के विधानसभा टिकट पर चुनाव जीतने की ख्वाहिश रखने वाले इमरान मसूद की चाहत पर टिकट न मिलने से पानी फिर गया था. इसके बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी के साइकिल के सवारी छोड़ बहुजन समाज पार्टी के हाथी की सवारी कर ली. इस उम्मीद के साथ कि सपा मुखिया अखिलेश ने भले ही उन्हें टिकट न देकर नाउम्मीद किया हो, लेकिन बसपा सुप्रीमो मायावती ऐसा नहीं करेंगी.
अधर में लटक गया इमरान मसूद का राजनीतिक कॅरियर.
अधर में लटक गया इमरान मसूद का राजनीतिक कॅरियर.

बहरहाल लोकसभा चुनाव आने से पहले ही इमरान की बहुजन समाज पार्टी से विदाई हो गई. उन्हें निष्कासित कर दिया गया. निष्कासन के बाद मसूद ने आरोप लगाया कि रसीद काटने के नाम पर पैसे मांगे जा रहे थे जो मेरे पास नहीं थे, इसलिए निकाल दिया गया. हालांकि बसपा की तरफ से तर्क दिया गया कि वह पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त थे. कांग्रेस का पक्ष ले रहे थे और बहुजन समाज पार्टी को इंडिया गठबंधन में शामिल होने की वकालत कर रहे थे. इसलिए निकाल दिया गया. अब बहुजन समाज पार्टी से निकाले जाने के बाद फिलहाल इमरान मसूद को अभी नया ठिकाना मिल नहीं पाया है.

यह भी पढ़ें : इमरान मसूद के परिवार में फूट, बहन ने सपा को समर्थन देते हुए बसपा प्रत्याशी भाभी पर लगाए गंभीर आरोप

बीएसपी से निष्कासित होने के बाद एक बार फिर इमरान मसूद की घर वापसी का रास्ता साफ हो रहा था. कयास लगाए जा रहे थे कि मसूद जल्द ही फिर से कांग्रेस पार्टी में वापसी करेंगे और कांग्रेस से ही 2024 का लोकसभा चुनाव भी लड़ सकते हैं. अब सूत्र बता रहे हैं कि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी की नाराजगी के चलते इमरान मसूद के दरवाजे फिलहाल कांग्रेस में बंद नजर आ रहे हैं. ऐसे में अब इमरान के पास एक ही विकल्प बचा है और वह है राष्ट्रीय लोकदल. पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में राष्ट्रीय लोक दल का अच्छा खासा दखल है. वर्तमान में समाजवादी पार्टी से यूपी में आरएलडी का गठबंधन है तो लोकसभा चुनाव के लिए आरएलडी इंडिया गठबंधन का हिस्सा भी है. अब इमरान मसूद लगातार राष्ट्रीय लोकदल में शामिल होने की कोशिशें में जुट गए हैं.

यह भी पढ़ें : बसपा नेता इमरान मसूद ने कहा- बीजेपी का मुस्लिम प्रेम सिर्फ दिखावा है


इमरान मसूद की पॉलीटिकल पारी की बात की जाए तो बेस्ट यूपी में उन्हें बड़ा राजनीतिक चेहरा माना जाता है. उनका काजी परिवार पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सियासत को प्रभावित करने वाला काफी समय से रहा है. तीन पार्टियों में अब तक राजनीति करने वाले इमरान मसूद अब अपने लिए चौथी पार्टी की तलाश में जुटे हैं. कांग्रेस से अब बात बनती नजर नहीं आ रही है. हालांकि राष्ट्रीय लोकदल की तरफ जाने में इमरान को कोई दिक्कत नहीं है. कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस में वापसी को लेकर प्रियंका गांधी इसलिए नाराजगी जता रही हैं क्योंकि प्रियंका गांधी ने ही सहारनपुर लोकसभा सीट से इमरान को चुनाव लड़वाया था. इसके बाद राष्ट्रीय सचिव भी बनवाया. दिल्ली प्रदेश के सह प्रभारी की जिम्मेदारी भी दिलवाई. हर तरह से प्रियंका ने इमरान मसूद को शिखर पर पहुंचाया, लेकिन इमरान ने प्रियंका को ही धोखा दे दिया. इससे प्रियंका काफी नाराज हैं.







UP Politics : इमरान मसूद ने पांच करोड़ रुपये मांगने का लगाया आरोप, बसपा से खत्म हो गया सफर

यह भी पढ़ें : Politics of UP : इमरान मसूद के साथ बसपा के कई मुस्लिम चेहरे थाम सकते हैं कांग्रेस का हाथ

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.