लखनऊ: अलीगढ़ में जहरीली शराब पीने से मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. मरने वालों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है, जबकि अस्पताल में भर्ती अन्य लोगों की हालत नाजुक बनी हुयी है. शराब से हुई मौतों के बाद मानवाधिकार आयोग के सदस्य ओपी दीक्षित ने बुधवार को इस मुद्दे पर संज्ञान लिया है. मानवाधिकार आयोग की संयुक्त पीठ ने जहरीली शराब कांड के सम्बन्ध में मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ, आयुक्त आबकारी उत्तर प्रदेश, प्रयागराज और पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश, लखनऊ सभी कार्यवाही कराते हुए, रिपोर्ट चार सप्ताह के अंदर मांगी है.
संयुक्त पीठ ने किया विचार
सदस्य ओपी दीक्षित बताते हैं कि 'देशी शराब पीने से लोगों की मौत हुईं' मुद्दे पर आयोग की संयुक्त पीठ गंभीरतापूर्वक विचार-विमर्श करने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि इस घटना में मनुष्य के स्वास्थ्यप्रद परिवेश में सुरक्षित रूप से जीने का अधिकार निहित होने के कारण यह मानव अधिकार के अन्तर्गत आता है. आयोग इसे संज्ञान में ले लिया है. और भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं रोकने के लिए कुछ निर्देश दिए.
मानवाधिकार आयोग द्वारा बनाए गए दिशा निर्देश
जिन गांवों में लोग शराब पीने के आदी हैं, उन स्थलों को चिन्हित कर थाना व तहसीलवार उन्मूलन अभियान चलाकर लोगों को अवैध मदिरा ठेकों की शराब से विमुख किया जाए. साथ ही उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जनपद में अन्तर्गत सरकार द्वारा अधिकृत मदिरा ठेकों की सूची थाना व तहसीलवार प्रमुख स्थलों पर चस्पा कर केवल अधिकृत ठेकों से ही शराब खरीद कर सेवन किए जाने के लिए लोगों को सचेत किया जाए.
उत्तर प्रदेश के समस्त जनपदों में स्थानीय अभिसूचना तंत्र को सक्रिय कर अवैध मदिरा निष्कर्षण में लिप्त व्यक्तियों, ग्रामों की सूची तैयार कर प्रशासनिक पुलिस, आबकारी विभागों द्वारा संयुक्त रूप से अवैध मदिरा निष्कर्षण, भण्डारण, विक्रय को पूरी तरह से समाप्त किया जाए.
'अलीगढ़ में शराब से हुई मौतों' पर मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान
अलीगढ़ में शराब से हुई मौतों के बाद मानवाधिकार आयोग के सदस्य ओपी दीक्षित ने बुधवार को इस मुद्दे पर संज्ञान लिया है. साथ ही भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो इसके लिए भी दिशा निर्देश दिए.
लखनऊ: अलीगढ़ में जहरीली शराब पीने से मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. मरने वालों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है, जबकि अस्पताल में भर्ती अन्य लोगों की हालत नाजुक बनी हुयी है. शराब से हुई मौतों के बाद मानवाधिकार आयोग के सदस्य ओपी दीक्षित ने बुधवार को इस मुद्दे पर संज्ञान लिया है. मानवाधिकार आयोग की संयुक्त पीठ ने जहरीली शराब कांड के सम्बन्ध में मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ, आयुक्त आबकारी उत्तर प्रदेश, प्रयागराज और पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश, लखनऊ सभी कार्यवाही कराते हुए, रिपोर्ट चार सप्ताह के अंदर मांगी है.
संयुक्त पीठ ने किया विचार
सदस्य ओपी दीक्षित बताते हैं कि 'देशी शराब पीने से लोगों की मौत हुईं' मुद्दे पर आयोग की संयुक्त पीठ गंभीरतापूर्वक विचार-विमर्श करने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि इस घटना में मनुष्य के स्वास्थ्यप्रद परिवेश में सुरक्षित रूप से जीने का अधिकार निहित होने के कारण यह मानव अधिकार के अन्तर्गत आता है. आयोग इसे संज्ञान में ले लिया है. और भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं रोकने के लिए कुछ निर्देश दिए.
मानवाधिकार आयोग द्वारा बनाए गए दिशा निर्देश
जिन गांवों में लोग शराब पीने के आदी हैं, उन स्थलों को चिन्हित कर थाना व तहसीलवार उन्मूलन अभियान चलाकर लोगों को अवैध मदिरा ठेकों की शराब से विमुख किया जाए. साथ ही उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जनपद में अन्तर्गत सरकार द्वारा अधिकृत मदिरा ठेकों की सूची थाना व तहसीलवार प्रमुख स्थलों पर चस्पा कर केवल अधिकृत ठेकों से ही शराब खरीद कर सेवन किए जाने के लिए लोगों को सचेत किया जाए.
उत्तर प्रदेश के समस्त जनपदों में स्थानीय अभिसूचना तंत्र को सक्रिय कर अवैध मदिरा निष्कर्षण में लिप्त व्यक्तियों, ग्रामों की सूची तैयार कर प्रशासनिक पुलिस, आबकारी विभागों द्वारा संयुक्त रूप से अवैध मदिरा निष्कर्षण, भण्डारण, विक्रय को पूरी तरह से समाप्त किया जाए.