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लोकसभा अध्यक्ष की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में यूपी विधानसभा अध्यक्ष ने रखा पक्ष

यूपी विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में यूपी सरकार का पक्ष रखा. उन्होंने योगी आदित्यनाथ के फौरन निर्णय लेने वाली शैली और युद्ध स्तरीय संघर्ष की प्रशंसा की.

लखनऊ समाचार.
यूपी विधानसभा अध्यक्ष.
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Published : Apr 22, 2020, 9:12 AM IST

लखनऊ: यूपी विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के साथ देश के सभी विधानसभा अध्यक्षों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में यूपी सरकार का पक्ष रखा. उन्होंने योगी आदित्यनाथ के फौरन निर्णय लेने वाली शैली और युद्ध स्तरीय संघर्ष की प्रशंसा की. मुख्यमंत्री की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि यूपी में हॉटस्पॉट घोषित कर कोरोना वायरस के मरीजों को चिन्हित कर बीमारी को फैलने से रोकने का अभिनव प्रयोग किया गया है.

उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा सत्रों की संवैधानिक स्थिति पर चर्चा करते हुए कहा कि संविधान की व्यवस्था के अनुसार एक सत्र से दूसरे सत्र के बीच छह माह की अवधि अवधारित की गई है. छह माह की अवधि के पूर्व विधान मंडलों की बैठक को बुलाया जाना अपरिहार्य है. जिन प्रदेशों में सत्र की अवधि छह माह से अधिक हो रही है, वहां संवैधानिक उपबंधों के अधीन सत्र की बैठक बुलाया जाना अपरिहार्य है. इसके लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सहित अन्य माध्यमों के उपाय खोजने होंगे. संसदीय समितियों की बैठकों के लिए भी आधुनिक तकनीकी के सदुपयोग पर विचार किया जा सकता है.

विधायकों को भेजे गए पत्र

हृदयनारायण दीक्षित ने कहा कि सीएम योगी के द्वारा विधायकों को लॉकडाउन के बीच समय-समय पर अब तक कई पत्र भेजे जा चुके हैं. दो दिन पूर्व भी विधायकों को सुझाव पत्र भेजा गया है. विधायकों से आग्रह किया गया है कि सामान्य जन को लॉकडाउन के अनुशासन के एवं मरीजों को जांच के लिए प्रेरित करें. हृदयनारायण दीक्षित ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोरोना महामारी का मुकाबला करने के लिए विधान मंडलों के अध्यक्षों और सभापतियों की बैठक बुलाकर मार्गदर्शन देने के प्रयासों की सराहना की.

लखनऊ: यूपी विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के साथ देश के सभी विधानसभा अध्यक्षों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में यूपी सरकार का पक्ष रखा. उन्होंने योगी आदित्यनाथ के फौरन निर्णय लेने वाली शैली और युद्ध स्तरीय संघर्ष की प्रशंसा की. मुख्यमंत्री की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि यूपी में हॉटस्पॉट घोषित कर कोरोना वायरस के मरीजों को चिन्हित कर बीमारी को फैलने से रोकने का अभिनव प्रयोग किया गया है.

उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा सत्रों की संवैधानिक स्थिति पर चर्चा करते हुए कहा कि संविधान की व्यवस्था के अनुसार एक सत्र से दूसरे सत्र के बीच छह माह की अवधि अवधारित की गई है. छह माह की अवधि के पूर्व विधान मंडलों की बैठक को बुलाया जाना अपरिहार्य है. जिन प्रदेशों में सत्र की अवधि छह माह से अधिक हो रही है, वहां संवैधानिक उपबंधों के अधीन सत्र की बैठक बुलाया जाना अपरिहार्य है. इसके लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सहित अन्य माध्यमों के उपाय खोजने होंगे. संसदीय समितियों की बैठकों के लिए भी आधुनिक तकनीकी के सदुपयोग पर विचार किया जा सकता है.

विधायकों को भेजे गए पत्र

हृदयनारायण दीक्षित ने कहा कि सीएम योगी के द्वारा विधायकों को लॉकडाउन के बीच समय-समय पर अब तक कई पत्र भेजे जा चुके हैं. दो दिन पूर्व भी विधायकों को सुझाव पत्र भेजा गया है. विधायकों से आग्रह किया गया है कि सामान्य जन को लॉकडाउन के अनुशासन के एवं मरीजों को जांच के लिए प्रेरित करें. हृदयनारायण दीक्षित ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोरोना महामारी का मुकाबला करने के लिए विधान मंडलों के अध्यक्षों और सभापतियों की बैठक बुलाकर मार्गदर्शन देने के प्रयासों की सराहना की.

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