लखनऊ: उत्तर प्रदेश में जुलाई की शुरुआत से ही मानसून दस्तक दे देता है. ऐसे में कोरोनावायरस के साथ-साथ डेंगू से बचना एक बड़ी चुनौती होगा. कोरोना के साथ-साथ डेंगू से भी खुद को कैसे बचाया जाए, यह जानने के लिए ईटीवी भारत ने नेशनल वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम के नोडल इंचार्ज डॉक्टर के पी त्रिपाठी से खास बातचीत की.
मानसून के साथ-साथ वेक्टर बोर्न बीमारी जैसे डेंगू ,चिकनगुनिया जानलेवा बीमारी शुरू हो जाती है जो घरों और आसपास पानी के जमाव होने के कारण मच्छरों को पनपने का माहौल देता है. डेंगू कोई व्यक्ति नहीं है. ऐसे में आसपास साफ पानी न जमा होने दें क्योंकि साफ-सफाई ही बचाव है. नेशनल वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम के नोडल इंचार्ज डॉक्टर के पी त्रिपाठी से बातचीत को दौरान उन्होंने बताया कि डेंगू से संबंधित कई चीजे बताई, जिससे डेंगू से बचा जा सकता है.
इस पर उन्होंने बताया कि डेंगू बुखार मादा एडीज मच्छर के काटने से होता है. डेंगू खासतौर पर बारिश के मौसम में ज्यादा होता है. इसी दौरान एडीज मच्छरों को पनपने के लिए सही मौका मिलता है. ऐसे में उन्होंने कहा कि घरों में साफ-सफाई रखने से हम इन मच्छरों के पनपने से रोक सकते हैं. जैसे कि घरों में कूलर, गमलों में पानी न जमा होने दें. समय-समय पर उन्हें साफ रखें, जिससे कि इन डेंगू मच्छर को पनपने का मौका नहीं मिल पाएगा और यह जन्म नहीं ले पाएंगे.
इस दौरान हमने उनसे डेंगू बुखार के लक्षणों के बारे में बातचीत की तो उन्होंने बताया कि डेंगू बुखार के खास लक्षणों में यह होता है कि शरीर का तेजी से तापमान बढ़ता है. इसके साथ-साथ उल्टी, दस्त, शरीर में दर्द के साथ शरीर पर चकत्ते भी पड़ते हैं. ऐसा होने पर तुरंत ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर के अपनी डेंगू की जांच करानी चाहिए.
डेंगू से कैसे बचा जा सकता है
डॉक्टर केपी त्रिपाठी ने कहा कि डेंगू का मच्छर ज्यादातर दिन में ही काटता है. ऐसे में बचाव के लिए एंटी मॉस्किटो क्रीम लगाई जानी चाहिए. पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनने चाहिए, घर के अंदर और आसपास सफाई रखें. कूलर, गमले और टायर में पानी न भरने दें. पानी की टंकियों को अच्छे से ढकें, मच्छरदानी लगाकर सोएं, खिड़की और दरवाजे में जाली लगाएं, जिससे कि किसी भी तरह से डेंगू का मच्छर आपके पास आने भी न पांए और जिससे आप खुद को बचा पाए.
कर रहे डेंगू के प्रति जागरूक
डेंगू से बचाव को लेकर के स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रदेश भर में दस्तक अभियान चलाया जा रहा है. इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं. साथ ही जानकारी भी जुटाई जा रही है कि अगर किसी को बुखार या लक्षण तो नहीं है और अगर है तो उनकी स्क्रीनिंग कर तुरंत ही उन्हें बेहतर उपचार देने की व्यवस्था भी इस अभियान के माध्यम से की जा रही है.