लखनऊ : राजधानी लखनऊ में करीब छह लाख 68 हज़ार मकान हाउस टैक्स के दायरे में आते हैं. जिनसे टैक्स वसूला जाता है. साथ ही सरकारी भवनों से भी हाउस टैक्स लिया जाता है, लेकिन राजधानी में अफसरों की लापरवाही की वजह से पूरी तरह से हाउस टैक्स की वसूली नहीं हो पाती है. नतीजतन इसका खामियाजा नगर निगम को भुगतना पड़ता है. वर्तमान समय में करीब 580 करोड़ रुपये का बकाया हाउस टैक्स के रूप में जमा होना है, लेकिन इसमें तेजी नहीं आ पा रही है. इस बार करीब 340 करोड़ रुपये हाउस टैक्स का जमा हुआ है. अफसरों का कहना है कि हाउस टैक्स निर्धारण को लेकर जीआईएस सर्वे कराया जा रहा है. इस सर्वे के बाद हाउस टैक्स वसूली और निर्धारण में तेजी आएगी सभी घरों को शत-प्रतिशत हाउस टैक्स के दायरे में लाया जाएगा. इसके साथ ही राजधानी लखनऊ में जो 88 नए गांव जुड़े हैं. सीमा विस्तार किया गया है वहां के भी मकानों को हाउस टैक्स के दायरे में लाकर वहां नगरीय सुविधाएं बढ़ाने का काम किया जाएगा.
इसके अलावा हाउस टैक्स निर्धारण में भी नगर निगम के कर्मचारियों और अन्य लोगों की मिलीभगत से तमाम तरह की अनियमितता पूर्व में देखने को मिली हैं. जिसको लेकर नगर निगम प्रशासन की तरफ से कुछ लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है. बड़े मकानों का कम हाउस टैक्स दिखाकर कम राजस्व वसूली के मामले में बड़ा खेल किया गया था. अब नगर निगम प्रशासन ने जीआईएस सर्वे के माध्यम से हाउस टैक्स निर्धारण कराने का बड़ा फैसला किया है. इसके माध्यम से सभी घरों को सर्वे के माध्यम से हाउस टैक्स निर्धारण करा कर वसूल किया जाएगा. राजस्व वसूली बढ़ाकर नगर निगम शहर में बेहतर सुविधाएं देने विकास कार्यों को आगे बढ़ाने का काम कर सकेगा. शहर की सरकार के शपथ ग्रहण के बाद जून महीने के प्रथम सप्ताह में नगर निगम सदन की बैठक भी बुलाई जाने की तैयारी है. जिसमें हाउस टैक्स बढ़ाने हाउस टैक्स शत-प्रतिशत वसूली करने सहित शहर के विकास से जुड़े कई प्रस्तावों को मंजूरी दिए जाने की चर्चा है.
भाजपा पार्षद गिरीश मिश्रा कहते हैं कि हाउस टैक्स वसूलने के काम में तेजी जल्द आने वाली है. जीआईएस सर्वे के बाद हाउस टैक्स का ढंग से निर्धारण किया जा रहा है. पहले जिन मकानों का ठीक से निर्धारण नहीं हो पाता था, वह गड़बड़ी अब दूर हो जाएगी और अभियान के रूप में हाउस टैक्स वसूलने का काम किया जाएगा. जो नए गांव जुड़े हैं उन्हें भी हाउस टैक्स के दायरे में लाने को लेकर विचार किया जा रहा है. जितनी तेजी से हाउस टैक्स की वसूली होगी उसके अनुसार ही आगे के विकास कार्य और तेजी से बढ़ाए जा सकेंगे.
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