लखनऊ: रमजान के महीने में रोजेदारों के खानपान का तरीका बदल जाता है. इसी कारण राजधानी के होटल और रेस्टोरेंट संचालक भी अपने कारोबार का अंदाज बदल लेते हैं. रमजान के महीने में यहां ज्यादातर रेस्टोरेंट इफ्तार से सहरी तक भोजन परोसते हैं.
रमजान के दौरान लोगों की जीवनशैली पूरी तरह से बदल जाती है. इफ्तार और तरावीह की नमाज के बीच रोजेदारों को इतना वक्त नहीं मिल पाता की वह भोजन कर सकें. ज्यादातर लोग रात 10 और 11 बजे के बीच जब मस्जिदों से तरावीह की नमाज पढ़कर बाहर निकलते हैं तो लजीज पकवान खाना पसंद करते हैं. राजधानी के अकबरी गेट का बाजार खान-पान के मामले में हमेशा से मशहूर रहा है. यही कारण है की रात 11 बजे के बाद यहां रोजेदारों की भीड़ उमड़ पड़ती है.
रमजान के महीने में अकबरी गेट पर रोजेदारों की उमड़ती है भीड़:
- रमजान के महीने में रोजेदारों के खान-पान का तरीका बदल जाता है.
- राजधानी के होटलों में पूरी रात परोसा जाता है भोजन.
- रमजान के महीने में राजधानी के अकबरी गेट के बाजार में उमड़ती है रोजेदारों की भीड़.
अमूमन लोग हेवी डाइट चाहते हैं. इसलिए लोग मटन नाहरी, चिकन नाहरी और नली नाहरी लोग पसंद कर रहे हैं. 100 किलोमीटर दूर से भी लोग खाने चले आते हैं.
-होटल संचालक