लखनऊ: पूरे देश में कोरोना संक्रमण ने हाहाकार मचा रखा है. यूपी में कोरोना की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है. राजधानी लखनऊ में भी गुरुवार को कोरोना के 5 हजार से ज्यादा मरीज मिले. बिगड़ते हालात को देखते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने आज से 15 मई तक देश भर के ऐतिहासिक इमारतों को बंद रखने का आदेश दिया है.
राजधानी में कई इमारतें बंद
कोरोना महामारी का कहर राजधानी में साफ तौर पर देखा जा रहा है. अस्पतालों में बेड की किल्लत से लेकर श्मशान में शवों के दाह संस्कार के लिए लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है. ऐसे में नवाबों की नगरी की तमाम ऐतिहासिक इमारतों के लिए डीएम अभिषेक प्रकाश ने बड़ा फैसला लिया है. बड़ा इमामबाड़ा सहित तमाम धरोहरों को पर्यटकों के लिए लॉक कर दिया गया है. इन इमारतों में अब अगले आदेश तक सैलानियों का प्रवेश वर्जित रहेगा.
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राजधानी में कई ऐसी ऐतिहासिक इमारतें हैं, जिन्हें देखने के लिए देशी-विदेशी सैलानी यहां आते हैं. इनमें बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा, घंटाघर, सतखंडा, रूमी गेट, पिक्चर गैलरी, शाहनजफ इमामबाड़ा शामिल है. अब इन ऐतिहासिक इमारतों को कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण बंद कर दिया गया है. जिलाधिकारी ने कहा कि आदेश का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
वाराणसी में भी कोरोना का कहर
पुरातात्विक सर्वेक्षण से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि कोविड-19 के बढ़ रहे संक्रमण के बीच सारनाथ के पुरातात्विक खंडहर, चौखंडी स्तूप, समेत स्मारक, संग्रहालय और राजघाट स्थित लाल खां का रौजा और मान महल को भी बंद कर दिया गया है. 15 मई तक इन इमारतों को पर्यटकों के लिए बंद ही रखा जाएगा.
22 सितंबर से खुला था यह स्थान
अधीक्षण पुरातत्वविद नीरज सिन्हा ने बताया कि केंद्रीय पर्यटन मंत्री की तरफ से आदेश जारी किया गया है. आदेश के मुताबिक, 22 सितंबर 2020 से खोले गए पुरातात्विक स्मारकों को एक बार फिर से बंद किया जाए. बढ़ते संक्रमण की वजह से यह आदेश जारी किया गया है.
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हर रोज बढ़ रहे कोरोना केसे
प्रदेश में गुरुवार को 22,429 कोरोना के मरीज पाए गए. वहीं इस साल में सर्वाधिक 104 लोगों की अस्पतालों में मौत हो गई है. शुक्रवार सुबह 1590 नए मरीज मिले. हालांकि सरकार ने बेपटरी स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने के लिए कड़े निर्देश दिए हैं. बावजूद इसके लोगों तक सुविधाएं नहीं पहुंच रही हैं. कोरोना मरीजों का आंकड़ा इतनी तेज बढ़ रहा है कि कोविड अस्पताल के बेड फुल हो गये हैं, लोगों को अस्पताल में जगह नहीं मिल रही है. कोरोना के हालात बेकाबू हो गए हैं, बावजूद इसके लोग कोरोना नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं.
इतने बढ़े मरीज
गुरुवार को राजधानी लखनऊ में पांच हजार से ज्यादा मरीज मिले. प्रदेश के 75 जनपदों में वायरस का प्रकोप छाया हुआ है. कुल मरीजों के 60 फीसद केस पांच जनपदों में हैं. स्थिति यह कि गत वर्ष 11 सितम्बर को राज्य में सर्वाधिक मरीज 7,103 पाए गए थे. वहीं इस साल मंगलवार को संक्रमित मरीज मिलने के सभी रिकॉर्ड टूट गए. मार्च में जहां कोरोना के सक्रिय मामले सिर्फ 2000 थे, वहीं 15 अप्रैल को बढ़कर 1 लाख 29 हजार 848 मरीज हो गए हैं.