लखनऊ: साल 2025 तक उत्तर प्रदेश में हाई स्पीड ट्रेन दौड़ती नजर आएगी. इसकी स्पीड 180 किलोमीटर प्रति घंटे होगी. दिल्ली से मेरठ के बीच चलने वाली इस हाई स्पीड ट्रेन के लिए दिल्ली मेरठ कॉरिडोर का काम शुरू हो गया है. 6 साल के अंदर यह काम पूरा हो जाएगा और दिल्ली से मेरठ के बीच पहली हाई स्पीड ट्रेन ट्रैक पर दौड़ती हुई नजर आने लगेगी. 55 मिनट में ही यात्री दिल्ली से मेरठ तक का सफर पूरा कर लेंगे.
पहले फेज में बनेंगे तीन कॉरिडोर
हाई स्पीड ट्रेन के पहले फेस में कुल तीन कॉरिडोर बनने हैं. दिल्ली-मेरठ, दिल्ली-अलवर और दिल्ली-पानीपत. सबसे पहले दिल्ली-मेरठ पर काम शुरू हो रहा है. ऐसे में उत्तर प्रदेश के यात्रियों को हाई स्पीड ट्रेन की सौगात 2025 तक मिल जाएगी. नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (एनसीआरटीसी) के एमडी विनय कुमार सिंह इस हाई स्पीड ट्रेन के संचालन और कंस्ट्रक्शन से जुड़े हर काम पर नजर बनाए हुए हैं. 'ईटीवी भारत' ने लखनऊ में एनसीआरसीटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह से दिल्ली-मेरठ, दिल्ली-अलवर और दिल्ली पानीपत कॉरिडोर और हाई स्पीड ट्रेन के संचालन के बारे में एक्सक्लूसिव बातचीत की.
जानिए एनसीआरटीसी के एमडी विनय कुमार सिंह ने ईटीवी भारत से क्या कहा
बातचीत के दौरान एमडी विनय कुमार सिंह ने बताया कि रीजनल रैपिड ट्रांजैक्शन सिस्टम पहली बार देश में आ रहा है. यह किसी शहर के अंदर नहीं है, बल्कि यूं कहिए कि दो शहरों के बीच है और सभी शहरों में ट्रेन रुकती जाएगी. यह काफी तेज चलेगी, इसकी स्पीड 180 किलोमीटर प्रति घंटे की है. सभी स्टेशनों पर रुकने के बावजूद इसकी स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घण्टे की ही मिलेगी. यह प्रोजेक्ट दिल्ली-मेरठ का पहले से ही भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सेक्शंड है और इसका कंस्ट्रक्शन वर्क चल रहा है. इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत करीब 30 हजार करोड रुपए है.
55 मिनट में पहुंचेंगे दिल्ली से मेरठ
एमडी विनय कुमार सिंह बताते हैं कि अभी अगर आप अपनी कार से दिल्ली से मेरठ जाएं तो करीब तीन से 3:30 घंटे लगते हैं. इस हाई स्पीड ट्रेन में चलते समय आपको 1 घंटे से कम समय लगेगा और आराम के साथ किसी भी मौसम में किसी भी समय ट्रेवल कर सकते हैं. इसके फेस वन में तीन कॉरिडोर हैं, दिल्ली से मेरठ, दिल्ली से अलवर और दिल्ली से पानीपत. उन्होंने बताया कि दिल्ली-मेरठ में हम लगातार काम कर रहे हैं. दिल्ली-अलवर पर काम अगले दो-तीन महीनों में शुरू हो जाएगा और उसके बाद दिल्ली पानीपत का काम शुरू होगा. दिल्ली से अलवर करीब 160 किलोमीटर है और इसमें 1 घंटे 35 मिनट के करीब लगेगा. इसमें 100 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड आएगी और दिल्ली से पानीपत 70 मिनट में जा सकते हैं.
2030 तक सभी कॉरिडोर का काम पूरा होने का अनुमान
एमडी विनय कुमार सिंह का अनुमान है कि अगर 3 महीने के अंदर भारत सरकार की तरफ से बजट पास हो जाता है, तो दिल्ली से अलवर का कॉरिडोर भी पांच से 6 साल के बीच बन जाएगा. उन्होंने बताया कि दिल्ली अलवर और दिल्ली मेरठ दोनों साथ-साथ बनेंगे. विनय कुमार सिंह ने बताया कि अगले 6 साल में दोनों कॉरिडोर बन जाएंगे. इसी प्रकार दिल्ली पानीपत सेक्शन भी अगले 6 महीने में पास हो सकता है, उसके बाद 6 साल का समय उसको बनने में लगेगा.