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रियल इस्टेट अपीलेट ट्रिब्यूनल के सदस्यों की कमी पर हाईकोर्ट गंभीर, कहीं ये बड़ी बात

रियल इस्टेट अपीलेट ट्रिब्यूनल (Real Estate Appellate Tribunal) में सदस्यों की कमी पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कहा कि ‘व्यक्तिगत समस्याओं के कारण न्यायिक कार्य पर विराम नहीं लगाया जा सकता.

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 27, 2023, 10:10 PM IST

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने रियल इस्टेट अपीलेट ट्रिब्यूनल में न्यायिक, प्रशासनिक व तकनीकी सदस्यों की अनुपलब्धता के कारण ट्रिब्यूनल के निष्क्रिय हो जाने पर गम्भीर चिंता जताई है. न्यायालय ने ट्रिब्यूनल के प्रशासनिक सदस्य के बेटे को कैंसर होने के कारण ट्रिब्यूनल की कार्यवाहियों में भाग न ले पाने पर टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि उनकी अनुपस्थिति का कारण वास्तविक हो सकता है.

लेकिन, न्यायिक व्यवस्था एक सदस्य के व्यक्तिगत समस्याओं के कारण संकट में नहीं छोड़ी जा सकती. न्यायालय ने इन टिप्पणियों के साथ ही आदेश की प्रति इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति के समक्ष रखने का आदेश लखनऊ बेंच के वरिष्ठ निबंधक को दिया है. मुख्य न्यायमूर्ति ट्रिब्यूनल के लिए न्यायिक सदस्य के नाम की संस्तुति करने वाली कमेटी के चेयरमैन हैं.

यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने अल्फा कॉर्प डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया. सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पाया कि ट्रिब्यूनल में एक न्यायिक, एक प्रशासनिक व एक तकनीकी सदस्य की अनुपलब्धता के कारण यह काम नहीं कर रही है. सुनवाई के दौरान न्यायालय को बताया गया कि ट्रिब्यूनल के प्रशासनिक सदस्य के पुत्र के कैंसर से पीड़ित होने के कारण वह अपनी नियुक्ति के पश्चात एक दिन से अधिक काम ही नहीं कर सके.

न्यायालय ने कहा कि तकनीकी सदस्य भी 26 सितम्बर 2023 को सेवानिवृत हो चुके हैं. वहीं, राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि हाईकोर्ट की चयन समिति द्वारा नाम की सिफारिश करने के 30 दिनों के अंदर नियुक्तियां कर ली जाएंगी. इस पर न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 8 नवम्बर की तिथि नियत करते हुए, ट्रिब्यूनल के निबंधक को निर्देश दिया है कि वह आदेश के अनुपालन में हुई कार्यवाहियों के सम्बंध में अवगत कराएं.

यह भी पढ़ें: ज्ञानवापी में वजू स्थल के ASI सर्वे की याचिका को कोर्ट ने किया खारिज, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सील है स्थान

यह भी पढ़ें: जामा मस्जिद विवाद: सीढ़ियों से लोगों के आवागमन पर रोक की मांग पर सुनवाई 27 अक्टूबर को

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने रियल इस्टेट अपीलेट ट्रिब्यूनल में न्यायिक, प्रशासनिक व तकनीकी सदस्यों की अनुपलब्धता के कारण ट्रिब्यूनल के निष्क्रिय हो जाने पर गम्भीर चिंता जताई है. न्यायालय ने ट्रिब्यूनल के प्रशासनिक सदस्य के बेटे को कैंसर होने के कारण ट्रिब्यूनल की कार्यवाहियों में भाग न ले पाने पर टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि उनकी अनुपस्थिति का कारण वास्तविक हो सकता है.

लेकिन, न्यायिक व्यवस्था एक सदस्य के व्यक्तिगत समस्याओं के कारण संकट में नहीं छोड़ी जा सकती. न्यायालय ने इन टिप्पणियों के साथ ही आदेश की प्रति इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति के समक्ष रखने का आदेश लखनऊ बेंच के वरिष्ठ निबंधक को दिया है. मुख्य न्यायमूर्ति ट्रिब्यूनल के लिए न्यायिक सदस्य के नाम की संस्तुति करने वाली कमेटी के चेयरमैन हैं.

यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने अल्फा कॉर्प डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया. सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पाया कि ट्रिब्यूनल में एक न्यायिक, एक प्रशासनिक व एक तकनीकी सदस्य की अनुपलब्धता के कारण यह काम नहीं कर रही है. सुनवाई के दौरान न्यायालय को बताया गया कि ट्रिब्यूनल के प्रशासनिक सदस्य के पुत्र के कैंसर से पीड़ित होने के कारण वह अपनी नियुक्ति के पश्चात एक दिन से अधिक काम ही नहीं कर सके.

न्यायालय ने कहा कि तकनीकी सदस्य भी 26 सितम्बर 2023 को सेवानिवृत हो चुके हैं. वहीं, राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि हाईकोर्ट की चयन समिति द्वारा नाम की सिफारिश करने के 30 दिनों के अंदर नियुक्तियां कर ली जाएंगी. इस पर न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 8 नवम्बर की तिथि नियत करते हुए, ट्रिब्यूनल के निबंधक को निर्देश दिया है कि वह आदेश के अनुपालन में हुई कार्यवाहियों के सम्बंध में अवगत कराएं.

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