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हाईकोर्ट ने लखनऊ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में चार मेडल्स को बांटे जाने पर लगाई रोक

हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने लखनऊ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कामर्स विभाग के चार मेडल्स को बांटने पर अंतरिम तौर पर रोक लगा दी है. यह आदेश जस्टिस जसप्रीत सिंह की बेंच ने छात्रा प्रिया टंडन की याचिका पर दिया.

लखनऊ विश्वविद्यालय.
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Published : Oct 14, 2019, 11:34 PM IST

Updated : Oct 14, 2019, 11:45 PM IST

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने मंगलवार को आयोजित होने वाले लखनऊ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कामर्स विभाग के चार मेडल्स को बांटने पर अंतरिम तौर पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने बी गिरवर लाल वाष्णेय गोल्ड मेडल, कैलाश नाथ भार्गव गोल्ड मेडल, लाला शंकर सहाय हर सहाय गोल्ड मेडल और मिस्टर एंड मिसेज एनएन विद्यार्थी गोल्ड मेडल के बांटे जाने पर रोक लगाई है. कोर्ट ने एलयू को तीन सप्ताह में विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का भी आदेश दिया है.

छात्रा प्रिया टंडन ने दायर की थी याचिका
यह आदेश जस्टिस जसप्रीत सिंह की बेंच ने छात्रा प्रिया टंडन की याचिका पर दिया. याची की ओर से कहा गया कि उसने एमकॉम की परीक्षा में सबसे अधिक अंक प्रतिशत प्राप्त किए हैं. लिहाजा एलयू के नियमों व परम्पराओं के अनुसार उसे पांच प्रकार के मेडल्स से सम्मानित किया जाना चाहिए. जबकि एलयू प्रशासन उसे मात्र डॉ. ओपी गुप्ता गोल्ड मेडल से सम्मानित कर रहा है. याची की दलील है कि बाकी के चार मेडल्स उस छात्र को दिए जा रहे हैं, जिसने याची से कम अंक प्राप्त किया है.

इसे भी पढ़ें- शिया वक्फ बोर्ड करेगा बड़ा खुलासा, सीबीआई जांच की जद में आएंगे कई बड़े नाम

याचिका का एलयू की ओर से यह कहते हुए, विरोध किया गया कि याची को डिपार्टमेंट ऑफ अप्लाइड इकोनॉमिक्स में सबसे अधिक अंक प्राप्त करने के लिए एक मेडल दिया जा रहा है. उक्त डिपार्टमेंट कामर्स फैकल्टी का एक भाग है. बाकी के मेडल्स कामर्स विभाग में अलग-अलग परीक्षाओं के सम्बंध में दिए जाते हैं. इस पर याची की ओर से पूर्व में दिये गए मेडल्स का उदाहरण देते हुए, कहा गया कि पूर्व में भी सबसे अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को पांचो मेडल दिए गए थे.

मामले पर एलयू के अधिवक्ता ने दी सफाई
इस पर एलयू के अधिवक्ता ने सफाई दी कि पूर्व में त्रुटिवश मेडल्स दे दिए गए थे, जिसका लाभ याची को नहीं दिया जा सकता. हालांकि कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि बाकी के चार मेडल्स में किसी भी प्रकार के अंतर का उल्लेख एलयू के अध्यादेश में नहीं किया गया है. इस पर कोर्ट ने मंगलवार को होने वाले दीक्षांत समारोह में बी गिरवर लाल वाष्णेय गोल्ड मेडल, कैलाश नाथ भार्गव गोल्ड मेडल, लाला शंकर सहाय हर सहाय गोल्ड मेडल और मिस्टर एंड मिसेज एनएन विद्यार्थी गोल्ड मेडल न दिए जाने का आदेश दिया है.

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने मंगलवार को आयोजित होने वाले लखनऊ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कामर्स विभाग के चार मेडल्स को बांटने पर अंतरिम तौर पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने बी गिरवर लाल वाष्णेय गोल्ड मेडल, कैलाश नाथ भार्गव गोल्ड मेडल, लाला शंकर सहाय हर सहाय गोल्ड मेडल और मिस्टर एंड मिसेज एनएन विद्यार्थी गोल्ड मेडल के बांटे जाने पर रोक लगाई है. कोर्ट ने एलयू को तीन सप्ताह में विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का भी आदेश दिया है.

छात्रा प्रिया टंडन ने दायर की थी याचिका
यह आदेश जस्टिस जसप्रीत सिंह की बेंच ने छात्रा प्रिया टंडन की याचिका पर दिया. याची की ओर से कहा गया कि उसने एमकॉम की परीक्षा में सबसे अधिक अंक प्रतिशत प्राप्त किए हैं. लिहाजा एलयू के नियमों व परम्पराओं के अनुसार उसे पांच प्रकार के मेडल्स से सम्मानित किया जाना चाहिए. जबकि एलयू प्रशासन उसे मात्र डॉ. ओपी गुप्ता गोल्ड मेडल से सम्मानित कर रहा है. याची की दलील है कि बाकी के चार मेडल्स उस छात्र को दिए जा रहे हैं, जिसने याची से कम अंक प्राप्त किया है.

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याचिका का एलयू की ओर से यह कहते हुए, विरोध किया गया कि याची को डिपार्टमेंट ऑफ अप्लाइड इकोनॉमिक्स में सबसे अधिक अंक प्राप्त करने के लिए एक मेडल दिया जा रहा है. उक्त डिपार्टमेंट कामर्स फैकल्टी का एक भाग है. बाकी के मेडल्स कामर्स विभाग में अलग-अलग परीक्षाओं के सम्बंध में दिए जाते हैं. इस पर याची की ओर से पूर्व में दिये गए मेडल्स का उदाहरण देते हुए, कहा गया कि पूर्व में भी सबसे अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को पांचो मेडल दिए गए थे.

मामले पर एलयू के अधिवक्ता ने दी सफाई
इस पर एलयू के अधिवक्ता ने सफाई दी कि पूर्व में त्रुटिवश मेडल्स दे दिए गए थे, जिसका लाभ याची को नहीं दिया जा सकता. हालांकि कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि बाकी के चार मेडल्स में किसी भी प्रकार के अंतर का उल्लेख एलयू के अध्यादेश में नहीं किया गया है. इस पर कोर्ट ने मंगलवार को होने वाले दीक्षांत समारोह में बी गिरवर लाल वाष्णेय गोल्ड मेडल, कैलाश नाथ भार्गव गोल्ड मेडल, लाला शंकर सहाय हर सहाय गोल्ड मेडल और मिस्टर एंड मिसेज एनएन विद्यार्थी गोल्ड मेडल न दिए जाने का आदेश दिया है.

लखनऊ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में नहीं बंटेंगे चार मेडल्स
हाईकोर्ट का अंतरिम आदेश
विधि संवाददाता
लखनऊ
। हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने मंगलवार को आयोजित होने वाले लखनऊ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कामर्स विभाग के चार मेडल्स को बांटने पर अंतरिम तौर पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने बी गिरवर लाल वाष्णेय गोल्ड मेडल, कैलाश नाथ भार्गव गोल्ड मेडल, लाला शंकर सहाय हर सहाय गोल्ड मेडल और मिस्टर एंड मिसेज एनएन विद्यार्थी गोल्ड मेडल के बांटे जाने पर रोक लगाई है। कोर्ट ने एलयू को तीन सप्ताह में विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का भी आदेश दिया है।
    यह आदेश जस्टिस जसप्रीत सिंह की बेंच ने छात्रा प्रिया टंडन की याचिका पर दिया। याची की ओर से कहा गया कि उसने एमकॉम की परीक्षा में सबसे अधिक अंक प्रतिशत प्राप्त किये हैं। लिहाजा एलयू के नियमों व परम्पराओं के अनुसार उसे पांच प्रकार के मेडल्स से सम्मानित किया जाना चाहिए। जबकि एलयू प्रशासन उसे मात्र डॉ. ओपी गुप्ता गोल्ड मेडल से सम्मानित कर रहा है। याची की दलील है कि बाकी के चार मेडल्स उस छात्र को दिये जा रहे हैं जिसने याची से कम अंक प्राप्त किया है। याचिका का एलयू की ओर से यह कहते हुए, विरोध किया गया कि याची को डिपार्टमेंट ऑफ अप्लाइड इकोनॉमिक्स में सबसे अधिक अंक प्राप्त करने के लिए एक मेडल दिया जा रहा है।
उक्त डिपार्टमेंट कामर्स फैकल्टी का एक भाग है। बाकी के मेडल्स कामर्स विभाग में अलग-अलग परीक्षाओं के सम्बंध में दिये जाते हैं। इस पर याची की ओर से पूर्व में दिये गए मेडल्स का उदाहरण देते हुए, कहा गया कि पूर्व में भी सबसे अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को पांचो मेडल दिये गए थे। इस पर एलयू के अधिवक्ता ने सफाई दी कि पूर्व में त्रुटिवश मेडल्स दे दिये गए थे, जिसका लाभ याची को नहीं दिया जा सकता। हालांकि कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि बाकी के चार मेडल्स में किसी भी प्रकार के अंतर का उल्लेख एलयू के अध्यादेश में नहीं किया गया है।इस पर कोर्ट ने मंगलवार को होने वाले दीक्षांत समारोह में बी गिरवर लाल वाष्णेय गोल्ड मेडल, कैलाश नाथ भार्गव गोल्ड मेडल, लाला शंकर सहाय हर सहाय गोल्ड मेडल और मिस्टर एंड मिसेज एनएन विद्यार्थी गोल्ड मेडल न दिये जाने का आदेश दिया है।

 


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Chandan Srivastava
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Last Updated : Oct 14, 2019, 11:45 PM IST
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