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रिश्वत मांगने के आरोपी दारोगा के खिलाफ कमिश्नर को जांच के आदेश

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) ने रिश्वत मांगने के आरोपी सब-इंस्पेक्टर के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं.

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Published : Apr 6, 2022, 9:34 PM IST

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) ने रिश्वत मांगने के आरोपी एक सब-इंस्पेक्टर के खिलाफ जांच के आदेश पुलिस कमिश्नर, लखनऊ को दिए हैं. न्यायालय ने अगली सुनवाई पर जांच रिपोर्ट भी पेश करने के निर्देश दिए हैं. मामले की अग्रिम सुनवाई 25 अप्रैल को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति राकेश श्रीवास्तव व न्यायमूर्ति अजय कुमार श्रीवास्तव, प्रथम की खंडपीठ ने अनिल कुमार तिवारी की याचिका पर पारित किया.

इसे भी पढ़ें-हाथरस कांड: पीड़ित परिवार ने नोएडा में मांगी नौकरी, कहा-हाथरस में महसूस होती है असुरक्षा

याची की ओर से अधिवक्ता चन्दन श्रीवास्तव ने दलील दी कि पारा थाने में 17 फरवरी 2022 को एक एफआईआर दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया था कि याची से कुछ लोगों ने जबरन चेक व स्टाम्प पर हस्ताक्षर ले लिए. इसमामले की विवेचना पारा थाने के सब-इंस्पेक्टर पटेल सिंह राठी को सौंपी गई थी. याची का आरोप है कि पटेल सिंह राठी ने उस से 2 लाख रुपये रिश्वत की मांग की और धमकी भी दी कि पैसा न देने पर वह याची के विरुद्ध ही रिपोर्ट लगा देगा. याचिका के साथ सब-इंस्पेक्टर द्वारा पैसों के कथित मांग की एक सीडी भी पेश की गई. याचिका पर जवाब देते हुए, राज्य सरकार के अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि मामले की विवेचना उक्त सब-इंस्पेक्टर से लेकर क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दी गई है. इस पर न्यायालय ने पूछा कि उक्त सब-इंस्पेक्टर के विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई. इसका संतोषजनक उत्तर न मिलने पर न्यायालय ने पुलिस कमिश्नर को जांच के आदेश दिए.

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) ने रिश्वत मांगने के आरोपी एक सब-इंस्पेक्टर के खिलाफ जांच के आदेश पुलिस कमिश्नर, लखनऊ को दिए हैं. न्यायालय ने अगली सुनवाई पर जांच रिपोर्ट भी पेश करने के निर्देश दिए हैं. मामले की अग्रिम सुनवाई 25 अप्रैल को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति राकेश श्रीवास्तव व न्यायमूर्ति अजय कुमार श्रीवास्तव, प्रथम की खंडपीठ ने अनिल कुमार तिवारी की याचिका पर पारित किया.

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याची की ओर से अधिवक्ता चन्दन श्रीवास्तव ने दलील दी कि पारा थाने में 17 फरवरी 2022 को एक एफआईआर दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया था कि याची से कुछ लोगों ने जबरन चेक व स्टाम्प पर हस्ताक्षर ले लिए. इसमामले की विवेचना पारा थाने के सब-इंस्पेक्टर पटेल सिंह राठी को सौंपी गई थी. याची का आरोप है कि पटेल सिंह राठी ने उस से 2 लाख रुपये रिश्वत की मांग की और धमकी भी दी कि पैसा न देने पर वह याची के विरुद्ध ही रिपोर्ट लगा देगा. याचिका के साथ सब-इंस्पेक्टर द्वारा पैसों के कथित मांग की एक सीडी भी पेश की गई. याचिका पर जवाब देते हुए, राज्य सरकार के अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि मामले की विवेचना उक्त सब-इंस्पेक्टर से लेकर क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दी गई है. इस पर न्यायालय ने पूछा कि उक्त सब-इंस्पेक्टर के विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई. इसका संतोषजनक उत्तर न मिलने पर न्यायालय ने पुलिस कमिश्नर को जांच के आदेश दिए.

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