लखनऊ: इलाहाबाद के सोने के व्यापारी से आशियाना थाना क्षेत्र में चार किलो सोना लूटने के16 साल पुराने मामले में अभियुक्त दरोगा संतोष सिंह, क्राइम ब्रांच के सिपाही सुशील पचौरी, आलोक सिंह, संतोष तिवारी, बृजनाथ यादव, नीरज गुप्ता और सुभाष यादव को अपर सत्र न्यायाधीश महेश चंद्र कुशवाहा ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है.
इस चर्चित मामले की रिपोर्ट इलाहाबाद के विशाल वर्मा उर्फ सिंकू ने आलमबाग में 19 सितंबर 2006 को दर्ज कराई थी. इसमें कहा गया था कि शिकायतकर्ता सोने के कारोबारी संजय गुप्ता के लिए सोने की खरीद बिक्री का कैरियर का काम करता है. 19 सितंबर को वादी ने संजय गुप्ता से 36 लाख रुपये लिए और अपने भाई सोनू वर्मा के साथ लखनऊ आया. जहां वादी ने चौक के व्यवसायी पंकज अग्रवाल से चार किलो सोना लिया, दोनों भाइयों ने दो-दो किलो सोना अपने पास रखा और टाटा सूमो से इलाहाबाद के लिए चल दिए.
बताया गया कि शिकायतकर्ता और उसका भाई जैसे ही तेलीबाग की तरफ बढ़े. तभी एक मारुति 800 में सवार 5 लोगों ने सूमो को रोका और खुद को पुलिसकर्मी बता कर वादी व उसके भाई को मारुति में बैठा लिया. दोनों भाइयों की आंखों पर पट्टी बांधकर अभियुक्तों ने सारा सोना ले लिया व दोनों को बाराबंकी रोड पर उतार दिया. बताया गया कि इसके बाद वादी ने घटना की जानकारी अपने मालिक संजय गुप्ता और व्यापारी पंकज अग्रवाल को दी. पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना शुरू की, तो पता चला कि घटना क्षेत्र आशियाना की है. लिहाजा 20 सितंबर को विवेचना आशियाना स्थानांतरित कर दी गई.
आशियाना पुलिस की विवेचना में पता चला कि इस घटना को दरोगा संतोष सिंह, दरोगा बृजनाथ यादव, क्राइम ब्रांच के सिपाही आलोक सिंह, सुशील पचौरी, एसटीएफ के पूर्व सिपाही संतोष तिवारी ने अपने साथियो नीरज गुप्ता और सुभाष के साथ मिलकर अंजाम दिया है. इसके बाद पुलिस ने सुशील पचौरी और आलोक सिंह को पिस्टल के साथ संतोष सिंह और संतोष तिवारी समेत अन्य आरोपियों को गिरफ्तार करके तीन किलो लूटा गया सोना बरामद किया था.
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