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नसीमुद्दीन व राम अचल राजभर की जमानत अर्जी पर सुनवाई टली - लखनऊ में सुनवाई टली

यूपी के लखनऊ में शुक्रवार को आपराधिक मामले में निरुद्ध बसपा के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी व राम अचल राजभर की जमानत अर्जी पर सुनवाई नहीं हो सकी. बताया जा रहा है कि वकीलों के न्यायिक कार्यों से विरत रहने की वजह से सुनवाई नहीं.

लखनऊ कोर्ट
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Published : Jan 22, 2021, 10:18 PM IST

लखनऊः भाजपा के एक नेता के परिवार की महिलाओं और उनकी बेटी के लिए अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल करने के आपराधिक मामले में निरुद्ध बसपा के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी व राम अचल राजभर की जमानत अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई नहीं हो सकी. कोर्ट ने अगली सुनवाई अब 27 जनवरी को निर्धारित की है.

न्यायिक कार्यों से विरत रहे वकील
बता दें कि शुक्रवार को वकीलों के न्यायिक कार्यों से विरत रहने की वजह से जमानत अर्जी पर सुनवाई नहीं हो सकी. 19 जनवरी को इन दोनों मुल्जिमों ने इस मामले में आत्म समर्पण किया था. इसके पूर्व बार-बार आदेश के बावजूद हाजिर न होने पर कोर्ट ने दोनों के विरुद्ध कुर्की की कार्रवाई का आदेश जारी कर दिया था. हालांकि आत्म समर्पण के पश्चात एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने इन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था.

22 जुलाई 2016 में दर्ज हुआ था केस
22 जुलाई 2016 को इस मामले की नामजद एफआईआर भाजपा नेता की मां ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. 12 जनवरी, 2018 को विवेचना के बाद इस मामले में नसीमुद्दीन व राम अचल राजभर के साथ ही बसपा के तत्कालीन राष्ट्रीय सचिव मेवालाल गौतम तथा नौशाद अली व अतहर सिंह राव के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल किया गया था.

लखनऊः भाजपा के एक नेता के परिवार की महिलाओं और उनकी बेटी के लिए अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल करने के आपराधिक मामले में निरुद्ध बसपा के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी व राम अचल राजभर की जमानत अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई नहीं हो सकी. कोर्ट ने अगली सुनवाई अब 27 जनवरी को निर्धारित की है.

न्यायिक कार्यों से विरत रहे वकील
बता दें कि शुक्रवार को वकीलों के न्यायिक कार्यों से विरत रहने की वजह से जमानत अर्जी पर सुनवाई नहीं हो सकी. 19 जनवरी को इन दोनों मुल्जिमों ने इस मामले में आत्म समर्पण किया था. इसके पूर्व बार-बार आदेश के बावजूद हाजिर न होने पर कोर्ट ने दोनों के विरुद्ध कुर्की की कार्रवाई का आदेश जारी कर दिया था. हालांकि आत्म समर्पण के पश्चात एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने इन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था.

22 जुलाई 2016 में दर्ज हुआ था केस
22 जुलाई 2016 को इस मामले की नामजद एफआईआर भाजपा नेता की मां ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. 12 जनवरी, 2018 को विवेचना के बाद इस मामले में नसीमुद्दीन व राम अचल राजभर के साथ ही बसपा के तत्कालीन राष्ट्रीय सचिव मेवालाल गौतम तथा नौशाद अली व अतहर सिंह राव के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल किया गया था.

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