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बच्चों को रुचिकर और संस्कारी शिक्षा मिले, यही नई शिक्षा नीति का उद्देश्य: राज्यपाल

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Published : Oct 13, 2020, 6:03 PM IST

Updated : Oct 13, 2020, 6:13 PM IST

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि बच्चों को रुचिकर और संस्कारी शिक्षा प्राप्त हो, यही नई शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य है. नई शिक्षा नीति की जो सोच है, उसकी झलक पाठ्यक्रमों में भी आनी चाहिए. बच्चों की बुनियादी शिक्षा उसकी मातृभाषा में दी जानी चाहिए, जिससे बच्चे आसानी एवं शीघ्रता से सीख सकें.

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

लखनऊ: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को राजभवन से ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज प्रयागराज के स्वर्ण जयंती समारोह को आनलाइन संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि पुरातनकाल में भारत शिक्षा के क्षेत्र में विश्व गुरु था. उस समय विज्ञान, सामाजिक शिक्षा और नैतिक शिक्षा प्रमुख रूप से पढ़ाई जाती थी, लेकिन ब्रिटिशकाल में अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था ने सब कुछ बदल दिया और पुरानी शिक्षा व्यवस्था को नष्ट कर दिया गया.

नई शिक्षा नीति से नवाचार को मिलेगा बढ़ावा
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य ऐसे नागरिकों का निर्माण करना है, जो भारत की परंपरा, विरासत, सांस्कृतिक मूल्यों एवं तकनीकी ज्ञान और कौशल विकास में समन्वय स्थापित करें. इसलिए इस नीति में प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा की प्रणाली में महत्वपूर्ण परिवर्तन किये गये हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की संकल्पना समाज की आवश्यकता और विद्यार्थियों की रचनात्मक सोच, तार्किकता एवं नवाचार की भावना पर आधारित है. इससे ही नवाचार को बढ़ावा मिलेगा.

बच्चों को संस्कारी शिक्षा देना ही नई शिक्षा नीति का उद्देश्य
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि बच्चों को रुचिकर और संस्कारी शिक्षा प्राप्त हो, यही नई शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य है. नई शिक्षा नीति की जो सोच है, उसकी झलक पाठ्यक्रमों में भी आनी चाहिए. बच्चों की बुनियादी शिक्षा उसकी मातृभाषा में दी जानी चाहिए, जिससे बच्चे आसानी एवं शीघ्रता से सीख सकें. आज के बच्चों का आई-क्यू बहुत अच्छा है और वह अभी से तरह-तरह के प्रश्न करने लगे हैं, जो पहले के बच्चे ऐसा सोच भी नहीं सकते थे. इसी के मद्देनजर अध्यापकों के दो साल के अंतराल पर प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो बच्चों में देश प्रेम, सेवाभाव, नैतिकता और सत्यता का बोध कराए.

एकेडमिक क्रेडिट बैंक से महिलाओं को होगा लाभ
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में एकेडमिक क्रेडिट बैंक की स्थापना से महिलाओं को सर्वाधिक लाभ होगा. उन्होंने कहा कि 12वीं तक की पढ़ाई कर कॉलेज पहुंचने वाली कई छात्राओं का विवाह हो जाता है, जिससे उनकी पढ़ाई छूट जाती. ऐसी बालिकाओं को इससे फायदा होगा कि वे फिर से आगे की पढ़ाई कर सकेंगी. इसके साथ ही मल्टीपल इंट्री एण्ड एक्जीट सिस्टम में अनेक विकल्पों वाले विषयों का प्राविधान भी महिलाओं के लिए अधिक उपयोगी होगा, जिससे उन्हें विभिन्न स्तरों पर सर्टिफिकेट, डिप्लोमा एवं डिग्री प्राप्त करने के अनेक अवसर उपलब्ध होंगे. इसी प्रकार शिक्षा में बालिकाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए जेंडर समावेशी फण्ड की भी व्यवस्था की गई है.

नई शिक्षा नीति के लागू होने से दिखेंगे दूरगामी परिणाम
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विश्वास जताते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति के पूरी तरह से क्रियान्वयन के बाद देश के शिक्षा जगत में दूरगामी सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे. इससे पहले राज्यपाल ने महाविद्यालय के गोल्डन जुबिली स्मारक का विमोचन, प्रो प्रमिला श्रीवास्तव परिसर का उद्घाटन एवं प्रतिमा का अनावरण और लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम 'अविरल' का उद्घाटन किया. इस अवसर पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राजीव रंजन तिवारी, ईश्वर शरण महाविद्यालय के शासी निकाय के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार श्रीवास्तव, महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो आनंद शंकर सिंह सहित अन्य शिक्षक आनलाइन जुड़े हुए थे.

लखनऊ: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को राजभवन से ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज प्रयागराज के स्वर्ण जयंती समारोह को आनलाइन संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि पुरातनकाल में भारत शिक्षा के क्षेत्र में विश्व गुरु था. उस समय विज्ञान, सामाजिक शिक्षा और नैतिक शिक्षा प्रमुख रूप से पढ़ाई जाती थी, लेकिन ब्रिटिशकाल में अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था ने सब कुछ बदल दिया और पुरानी शिक्षा व्यवस्था को नष्ट कर दिया गया.

नई शिक्षा नीति से नवाचार को मिलेगा बढ़ावा
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य ऐसे नागरिकों का निर्माण करना है, जो भारत की परंपरा, विरासत, सांस्कृतिक मूल्यों एवं तकनीकी ज्ञान और कौशल विकास में समन्वय स्थापित करें. इसलिए इस नीति में प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा की प्रणाली में महत्वपूर्ण परिवर्तन किये गये हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की संकल्पना समाज की आवश्यकता और विद्यार्थियों की रचनात्मक सोच, तार्किकता एवं नवाचार की भावना पर आधारित है. इससे ही नवाचार को बढ़ावा मिलेगा.

बच्चों को संस्कारी शिक्षा देना ही नई शिक्षा नीति का उद्देश्य
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि बच्चों को रुचिकर और संस्कारी शिक्षा प्राप्त हो, यही नई शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य है. नई शिक्षा नीति की जो सोच है, उसकी झलक पाठ्यक्रमों में भी आनी चाहिए. बच्चों की बुनियादी शिक्षा उसकी मातृभाषा में दी जानी चाहिए, जिससे बच्चे आसानी एवं शीघ्रता से सीख सकें. आज के बच्चों का आई-क्यू बहुत अच्छा है और वह अभी से तरह-तरह के प्रश्न करने लगे हैं, जो पहले के बच्चे ऐसा सोच भी नहीं सकते थे. इसी के मद्देनजर अध्यापकों के दो साल के अंतराल पर प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो बच्चों में देश प्रेम, सेवाभाव, नैतिकता और सत्यता का बोध कराए.

एकेडमिक क्रेडिट बैंक से महिलाओं को होगा लाभ
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में एकेडमिक क्रेडिट बैंक की स्थापना से महिलाओं को सर्वाधिक लाभ होगा. उन्होंने कहा कि 12वीं तक की पढ़ाई कर कॉलेज पहुंचने वाली कई छात्राओं का विवाह हो जाता है, जिससे उनकी पढ़ाई छूट जाती. ऐसी बालिकाओं को इससे फायदा होगा कि वे फिर से आगे की पढ़ाई कर सकेंगी. इसके साथ ही मल्टीपल इंट्री एण्ड एक्जीट सिस्टम में अनेक विकल्पों वाले विषयों का प्राविधान भी महिलाओं के लिए अधिक उपयोगी होगा, जिससे उन्हें विभिन्न स्तरों पर सर्टिफिकेट, डिप्लोमा एवं डिग्री प्राप्त करने के अनेक अवसर उपलब्ध होंगे. इसी प्रकार शिक्षा में बालिकाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए जेंडर समावेशी फण्ड की भी व्यवस्था की गई है.

नई शिक्षा नीति के लागू होने से दिखेंगे दूरगामी परिणाम
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विश्वास जताते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति के पूरी तरह से क्रियान्वयन के बाद देश के शिक्षा जगत में दूरगामी सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे. इससे पहले राज्यपाल ने महाविद्यालय के गोल्डन जुबिली स्मारक का विमोचन, प्रो प्रमिला श्रीवास्तव परिसर का उद्घाटन एवं प्रतिमा का अनावरण और लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम 'अविरल' का उद्घाटन किया. इस अवसर पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राजीव रंजन तिवारी, ईश्वर शरण महाविद्यालय के शासी निकाय के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार श्रीवास्तव, महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो आनंद शंकर सिंह सहित अन्य शिक्षक आनलाइन जुड़े हुए थे.

Last Updated : Oct 13, 2020, 6:13 PM IST
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