लखनऊः गैस और बिजली संकट के दौर में गांवों में आजकल गोबर गैस प्लांट लगाये जाने का प्रचलन चल पड़ा है. जबतक गोवंश है, तब तक हमें ये ऊर्जा मिलती रहेगी. एलपीजी गैस की बढ़ी कीमतों को देखते हुए ये प्लांट बहुत उपयोगी है, इसी के तहत गोपेश्वर गोशाला में एक गोबर गैस प्लांट बहुत उपयोगी है. इसी के तहत गोपेश्वर गोशाला में एक गोबर गैस प्लांट की स्थापना की गयी है. जहां सभी को इसका प्रशिक्षण दिया जा रहा है. ये प्लांट बहुत सस्सा है. जिसके लिये आपको दो सौ-दो सौ लीटर के दो ड्रम और ट्रैक्टर 5 ट्यूब की आवश्यकता पड़ती है. जिसमें आप केवल एक दिन में 15 किलो गोबर को टैंक में डालकर सुबह और शाम 1 घंटा सुबह और 1 घंटा शाम को जला सकते हैं. ये गैस वातावरण के लिए भी अनुकूल है.
गाय और गाय के गोबर की उपयोगिता
गाय के गोबर के कई उपयोग बताए जाते हैं. कुछ लोग इसे वैज्ञानिक नहीं मानते हैं, और कुछ लोग मानते हैं. हालांकि गाय के गोबर के इस्तेमाल के बारे में कई तरह की बातें हैं, और कई प्रकार से इसका उपयोग करने को लेकर किताबें भी लिखी गई हैं. गाय का दूध और गाय के गौमूत्र के उपयोग तो सभी जानते हैं, इस बार जानिए कि गाय के गोबर को कितने तरह से उपयोग में लाया जा सकता है.
ये गैस वातावरण को नहीं करती प्रदूषित
इससे जो मीथेन गैस निकलती है, वो पॉल्युशन कम करती है. अगर आप इसे बड़े स्तर पर बनाना चाहते हैं, तो इससे बड़ी टंकियां ले सकते हैं. इससे बनी गैस आप सिलेंडर में भी भर सकते हैं.
बड़े स्तर पर भी बना सकते हैं प्लांट
अगर इसको बड़े स्तर पर शुरू किया जाये, तो इससे गाड़ियां भी चला सकते हैं. जिसजे पेट्रोल डीजल का खर्च भी बचेगा. बाहर से लाखों करोड़ों का डीज़ल पेट्रोल आता है, उसकी बचत होगी और भारत स्वावलंबी बनेगा. इसके साथ ही गोशालाएं स्वावलम्बी बनेंगी. इसका मुख्य उद्देश्य यही है.
गोपालकों की बढ़ेगी संख्या
जब आप गाय के गोबर से गैस बनाने लगेंगे, तो वे लोग जो अपनी मवेशियों को जब वो दूध देना बन्द कर देती है बाहर छोड़ देते है वो अब ऐसा नहीं करेंगे. इस प्लांट के जरिये से गोपालकों की संख्या में वृद्धि होगी. लोगों का गाय पालने के प्रति रूझान बढे़गा. जिससे लोग आत्मनिर्भर बनेंगे.
एलपीजी गैस की बढ़ी कीमतों को देखते हुए गोपेश्वर गौशाला मलिहाबाद में गोबर गैस प्लांट की स्थापना की गई है. प्लांट बहुत उपयोगी है. जहां क्षेत्र के दर्जनों गांवों के लोगों को इसका प्रशिक्षण दिया जा रहा है. ये प्लांट बहुत सस्ता है और गैस वातावरण के लिए भी फायदेमंद है.