ETV Bharat / state

जनवरी में दस लाख करोड़ के निवेश के लिए होगी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, सीएम योगी ने अफसरों संग किया मंथन

जनवरी में प्रदेश में दस लाख करोड़ के निवेश के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट होगी. सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसे लेकर अफसरों के साथ मंथन किया.

Etv bharat
जनवरी में दस लाख करोड़ के निवेश के लिए होगी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट
author img

By

Published : Jul 18, 2022, 10:17 PM IST

लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 10 लाख करोड़ के औद्योगिक निवेश के साथ वैश्विक इन्वेस्टर समिट को लेकर अफसरों को दिशा-निर्देश दिए. सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म" के मंत्र को आत्मसात करते हुए उत्तर प्रदेश देश में औद्योगिक निवेश के 'ड्रीम डेस्टिनेशन' के रूप में उभर कर आया है. उत्तर प्रदेश, देश की 06वीं अर्थव्यवस्था से दूसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है. फरवरी 2018 में प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के प्रथम इन्वेस्टर समिट का उद्घाटन लखनऊ में किया था. उस समय हमें 4.68 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे. विगत 05 वर्षों में इनमें से तीन लाख करोड़ से अधिक के प्रस्ताव जमीन पर उतारने में हमें मदद मिली है.

कहा कि जून 2022 में संपन्न तृतीय ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में प्रधानमंत्री के कर-कमलों से 80 हजार करोड़ रुपए से अधिक की नई परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई. इनके माध्यम से 05 लाख प्रत्यक्ष और 20 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार के सृजन प्रदेश को प्राप्त होंगे.

सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए जनवरी 2023 में प्रवासी भारतीय दिवस हमारे लिए अनुकूल अवसर हो सकता है. आयोजन न्यूनतम तीन दिनी हो, इसमें एक दिन एमएसएमई के लिए नियत किया जाए.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूके, यूएसए, कनाडा, यूएई, स्वीडन, सिंगापुर, नीदरलैंड, इजरायल, फ्रांस, जर्मनी, साउथ कोरिया, मॉरीशस, रूस और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में रोड शो आयोजित कर यूपी के ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए. इन देशों में हमें अपनी टीम भेज देनी चाहिए, ताकि वहां के औद्योगिक जगत में उत्तर प्रदेश के ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए अनुकूल माहौल तैयार हो सके.

कहा कि यह हर्ष का विषय है कि ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए सिंगापुर ने स्वतः स्फूर्त भाव से फर्स्ट कंट्री पार्टनर बनने की इच्छा जताई है. इस पर विचार किया जाना चाहिए. वर्ष 2018 के इन्वेस्टर समिट में नीदरलैंड, जापान, स्लोवाकिया, फिनलैंड, चेक रिपब्लिक, मॉरीशस, थाईलैंड, नेपाल, बेल्जियम हमारे कंट्री पार्टनर रहे हैं. इस वर्ष इन देशों के साथ-साथ स्वीडन, बेल्जियम से भी संवाद किया जाए। इन देशों के राजदूत/हाईकमिश्नर से संपर्क करें.

ये निर्देश भी दिए

  • फ़ूड प्रोसेसिंग, हैण्डलूम, पॉवरलूम, आईटी, बायो फ्यूल, फ़िल्म एंड मीडिया, टूरिज्म, सोलर एनर्जी, इलेक्ट्रिक वाहन, एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट, गेमिंग और कॉमिक इंडस्ट्री, खिलौना निर्माण, सिविल एविएशन, हाउसिंग एंड रियल एस्टेट आदि क्षेत्रों में औद्योगिक जगत की जरूरतों के मुताबिक नवीन इंडस्ट्रियल पॉलिसी तैयार की जाए. यह कार्य शीर्ष प्राथमिकता के साथ अगस्त के आखिर तक पूर्ण कर लिया जाना चाहिए.
  • औद्योगिक इकाइयों के लिए भूमि प्राथमिक आवश्यकता है. प्रदेश में लगभग 01 लाख हेक्टेयर की भूमि है. प्रयास यह रहे कि समिट से पहले हम लैंड बैंक को और विस्तार दें. इसके लिए राजस्व विभाग की एक टीम गठित करें , जो निवेश के लिए उपयुक्त लैंड का चिन्हाकन कर लें जिससे जो भी निवेशक यहां आएं तो उन्हें निवेश के लिए जमीन की कोई समस्या न हो.
  • ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में प्रयास करें कि 50 करोड़ से अधिक राशि के निवेश के लिए समझौता पत्र राज्य स्तर पर किया जाना चाहिए. इससे कम धनराशि के निवेश प्रस्तावों के लिए जनपद स्तर पर एमओयू किया जाना चाहिए. इस कार्य की सतत मॉनीटरिंग और सहज क्रियान्वयन के लिए वेब पोर्टल तैयार किया जाए.
  • जीआईएस 2023 के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए अलग-अलग टीमें गठित की जाएं. सभी सम्बंधित विभाग युद्धस्तर पर तैयारी शुरू कर दें. मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा इसकी सतत मॉनीटरिंग की जाती रहे. भारत सरकार से संवाद बनाकर आवश्यक मार्गदर्शन प्राप्त करें.


    ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 10 लाख करोड़ के औद्योगिक निवेश के साथ वैश्विक इन्वेस्टर समिट को लेकर अफसरों को दिशा-निर्देश दिए. सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म" के मंत्र को आत्मसात करते हुए उत्तर प्रदेश देश में औद्योगिक निवेश के 'ड्रीम डेस्टिनेशन' के रूप में उभर कर आया है. उत्तर प्रदेश, देश की 06वीं अर्थव्यवस्था से दूसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है. फरवरी 2018 में प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के प्रथम इन्वेस्टर समिट का उद्घाटन लखनऊ में किया था. उस समय हमें 4.68 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे. विगत 05 वर्षों में इनमें से तीन लाख करोड़ से अधिक के प्रस्ताव जमीन पर उतारने में हमें मदद मिली है.

कहा कि जून 2022 में संपन्न तृतीय ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में प्रधानमंत्री के कर-कमलों से 80 हजार करोड़ रुपए से अधिक की नई परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई. इनके माध्यम से 05 लाख प्रत्यक्ष और 20 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार के सृजन प्रदेश को प्राप्त होंगे.

सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए जनवरी 2023 में प्रवासी भारतीय दिवस हमारे लिए अनुकूल अवसर हो सकता है. आयोजन न्यूनतम तीन दिनी हो, इसमें एक दिन एमएसएमई के लिए नियत किया जाए.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूके, यूएसए, कनाडा, यूएई, स्वीडन, सिंगापुर, नीदरलैंड, इजरायल, फ्रांस, जर्मनी, साउथ कोरिया, मॉरीशस, रूस और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में रोड शो आयोजित कर यूपी के ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए. इन देशों में हमें अपनी टीम भेज देनी चाहिए, ताकि वहां के औद्योगिक जगत में उत्तर प्रदेश के ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए अनुकूल माहौल तैयार हो सके.

कहा कि यह हर्ष का विषय है कि ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए सिंगापुर ने स्वतः स्फूर्त भाव से फर्स्ट कंट्री पार्टनर बनने की इच्छा जताई है. इस पर विचार किया जाना चाहिए. वर्ष 2018 के इन्वेस्टर समिट में नीदरलैंड, जापान, स्लोवाकिया, फिनलैंड, चेक रिपब्लिक, मॉरीशस, थाईलैंड, नेपाल, बेल्जियम हमारे कंट्री पार्टनर रहे हैं. इस वर्ष इन देशों के साथ-साथ स्वीडन, बेल्जियम से भी संवाद किया जाए। इन देशों के राजदूत/हाईकमिश्नर से संपर्क करें.

ये निर्देश भी दिए

  • फ़ूड प्रोसेसिंग, हैण्डलूम, पॉवरलूम, आईटी, बायो फ्यूल, फ़िल्म एंड मीडिया, टूरिज्म, सोलर एनर्जी, इलेक्ट्रिक वाहन, एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट, गेमिंग और कॉमिक इंडस्ट्री, खिलौना निर्माण, सिविल एविएशन, हाउसिंग एंड रियल एस्टेट आदि क्षेत्रों में औद्योगिक जगत की जरूरतों के मुताबिक नवीन इंडस्ट्रियल पॉलिसी तैयार की जाए. यह कार्य शीर्ष प्राथमिकता के साथ अगस्त के आखिर तक पूर्ण कर लिया जाना चाहिए.
  • औद्योगिक इकाइयों के लिए भूमि प्राथमिक आवश्यकता है. प्रदेश में लगभग 01 लाख हेक्टेयर की भूमि है. प्रयास यह रहे कि समिट से पहले हम लैंड बैंक को और विस्तार दें. इसके लिए राजस्व विभाग की एक टीम गठित करें , जो निवेश के लिए उपयुक्त लैंड का चिन्हाकन कर लें जिससे जो भी निवेशक यहां आएं तो उन्हें निवेश के लिए जमीन की कोई समस्या न हो.
  • ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में प्रयास करें कि 50 करोड़ से अधिक राशि के निवेश के लिए समझौता पत्र राज्य स्तर पर किया जाना चाहिए. इससे कम धनराशि के निवेश प्रस्तावों के लिए जनपद स्तर पर एमओयू किया जाना चाहिए. इस कार्य की सतत मॉनीटरिंग और सहज क्रियान्वयन के लिए वेब पोर्टल तैयार किया जाए.
  • जीआईएस 2023 के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए अलग-अलग टीमें गठित की जाएं. सभी सम्बंधित विभाग युद्धस्तर पर तैयारी शुरू कर दें. मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा इसकी सतत मॉनीटरिंग की जाती रहे. भारत सरकार से संवाद बनाकर आवश्यक मार्गदर्शन प्राप्त करें.


    ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.