लखनऊ: शहर की यातायात को दुरुस्त करने के लिए जगह-जगह आईटीएमएस कैमरे लगाए गए हैं, जिससे ट्रैफिक का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके. लेकिन ट्रैफिक नियम का उल्लंघन कर चालान से बचने के लिए एक युवती ने पड़ोसी युवती की स्कूटी का नंबर लगवा लिया. स्कूटी का लगभग एक लाख रुपये का चालान कट जाने के बाद स्कूटी मालिक लड़की ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल की. न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई के उपरांत यातायात पुलिस से जवाब तलब किया है.
दरअसल, ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के हुसैनाबाद रामगंज की निवासी युवती अलीशा ने कई बार ट्रैफिक नियमों का उलंघन किया. जबकि चालान का मैसेज इसी मोहल्ले की रहने वाली विदिशा के पिता पर आता रहा. यह सिलसिला करीब एक साल तक चलता रहा. विदिशा की गाड़ी का चालान आईटीएमएस कैमरे के माध्यम से किया जा रहा था. ऑनलाइन भेजे गए इस चालान में गाड़ी की फोटो भी अपलोड की जाती है. जब चालान आना बंद नहीं हुआ तो विदिशा के परिजनों ने ठाकुरगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. पीड़ित युवती के पिता ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान साल 2020 में उनके पास गाड़ी के कई चालान भेजे गए थे. विदिशा के पिता ने पुलिस को बताया कि जहां चालान हुआ है, वहां उनकी स्कूटी कभी गई ही नहीं.
इस मामले की जांच के लिए ट्रैफिक पुलिस ने 8 सदस्यों की एक जांच टीम गठित की. काफी खोज-बीन के बाद पुलिस ने आरोपी युवती आलीशा को ठाकुरगंज के बंधा रोड पर चेकिंग के दौरान गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी. पुलिस के अनुसार ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाली अलीशा की स्कूटी का कई बार चालान हुआ है, लेकिन वह हर बार ट्रैफिक पुलिस को चकमा देकर निकल जाती थी. पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार युवती आलीशा पुलिस से बचने के लिए अपनी गाड़ी का नंबर प्लेट बदल लेती थी. कई बार उसने अपनी सहेली विदिशा की गाड़ी का नंबर इस्तेमाल किया.
हाईकोर्ट ने यातायात पुलिस से मांगा जवाब
स्कूटी का लगभग एक लाख रुपये के चालान कट जाने के बाद एक स्कूटी मालिक लड़की ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल की. न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई के उपरांत यातायात पुलिस से जवाब तलब किया है. यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने कुमारी गार्गी की याचिका पर दिया.
याची कहना था कि उसके पास एक स्कूटी है जिसके लिए कई दिनों से ई-चालान उसके फोन पर एसएमएस के माध्यम से आ रहा है. ये चालान शहर के ऐसे इलाकों में काटे गए हैं, जहां वह कभी स्कूटी लेकर गई ही नहीं है. अब इन चालानों का बकाया लगभग एक लाख रुपये हो चुका है. वहीं सरकारी वकील ने यातायात अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के आधार पर न्यायालय को बताया कि इस सम्बंध में जांच की गई और पाया गया कि कोई अन्य व्यक्ति याची की स्कूटी का रजिस्ट्रेशन नम्बर अपने वाहन में लगाकर इस्तेमाल कर रहा है. यातायात अधिकारी इस सम्बंध में आवश्यक कार्रवाई कर रहे हैं. हालांकि न्यायालय ने इस सम्बंध में दस दिनों में हलफनामा दाखिल कर जवाब देने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 16 फरवरी को होगी. उल्लेखनीय है कि इस मामले में ठाकुरगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. याची की स्कूटी का नम्बर प्लेट अपनी स्कूटी में लगाकर चलने वाली युवती को गिरफ्तार भी कर लिया गया है.