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मनी लांड्रिंग के मामले में गायत्री प्रजापति की जमानत अर्जी खारिज

मनी लांड्रिंग मामले में निरुद्ध पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की जमानत अर्जी खारिज कर दी गई है. बता दें कि कोर्ट में 26 अक्टूबर 2020 को विजिलेंस ने गायत्री प्रजापति के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति का मामला दर्ज किया था.

जिला एवं सत्र न्यायालय लखनऊ.
जिला एवं सत्र न्यायालय लखनऊ.
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Published : Sep 27, 2021, 10:38 PM IST

लखनऊ: जिला जज और ईडी के विशेष जज सर्वेश कुमार ने मनी लांड्रिंग मामले में निरुद्ध पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की जमानत अर्जी खारिज कर दी गई है. कोर्ट ने जमानत के लिए पेश किए गए तर्कों को खारिज करते हुए, प्रथम दृष्टया अभियुक्त के अपराध को गम्भीर करार दिया है. 8 अप्रैल 2021 को इस मामले में गायत्री के खिलाफ 3/4 पीएमएलए एक्ट के तहत आरोप पत्र दाखिल हुआ था.

प्रवर्तन निदेशालय के विशेष वकील कुलदीप श्रीवास्तव ने अर्जी का जोरदार विरोध करते हुए कहा कि 8 फरवरी, 2021 को मुल्जिम को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था. इसके बाद तय मियाद में आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया जबकि, गायत्री प्रजापति की ओर से दलील दी गई थी कि निर्धारित अवधि में आरोप पत्र दाखिल नहीं किया गया है.

ये है मामला

26 अक्टूबर 2020 को विजिलेंस ने गायत्री प्रजापति के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति का मामला दर्ज किया था. 14 जनवरी, 2021 को इसी मुकदमे के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने भी जांच शुरु की थी. प्रवर्तन निदेशालय की प्रारम्भिक जांच में पता चला कि बतौर खनन मंत्री गायत्री प्रजापति ने अपनी आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित की है. प्रवर्तन निदेशालय ने जांच के दौरान गायत्री प्रजापति की 37 करोड़ रुपये की कीमत की सम्पत्ति जब्त की थी. ये सम्पत्तियां मोहनलालगंज, अमेठी, कानपुर और लोनावला में जब्त की गई थीं.

लखनऊ: जिला जज और ईडी के विशेष जज सर्वेश कुमार ने मनी लांड्रिंग मामले में निरुद्ध पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की जमानत अर्जी खारिज कर दी गई है. कोर्ट ने जमानत के लिए पेश किए गए तर्कों को खारिज करते हुए, प्रथम दृष्टया अभियुक्त के अपराध को गम्भीर करार दिया है. 8 अप्रैल 2021 को इस मामले में गायत्री के खिलाफ 3/4 पीएमएलए एक्ट के तहत आरोप पत्र दाखिल हुआ था.

प्रवर्तन निदेशालय के विशेष वकील कुलदीप श्रीवास्तव ने अर्जी का जोरदार विरोध करते हुए कहा कि 8 फरवरी, 2021 को मुल्जिम को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था. इसके बाद तय मियाद में आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया जबकि, गायत्री प्रजापति की ओर से दलील दी गई थी कि निर्धारित अवधि में आरोप पत्र दाखिल नहीं किया गया है.

ये है मामला

26 अक्टूबर 2020 को विजिलेंस ने गायत्री प्रजापति के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति का मामला दर्ज किया था. 14 जनवरी, 2021 को इसी मुकदमे के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने भी जांच शुरु की थी. प्रवर्तन निदेशालय की प्रारम्भिक जांच में पता चला कि बतौर खनन मंत्री गायत्री प्रजापति ने अपनी आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित की है. प्रवर्तन निदेशालय ने जांच के दौरान गायत्री प्रजापति की 37 करोड़ रुपये की कीमत की सम्पत्ति जब्त की थी. ये सम्पत्तियां मोहनलालगंज, अमेठी, कानपुर और लोनावला में जब्त की गई थीं.

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