लखनऊः अखिलेश यादव की सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति इन दिनों दुष्कर्म के मामले में जेल में बंद है. वहीं गोमती नगर विस्तार थाने में दर्ज मुकदमें में वांछित फरार चल रहे बेटे अनिल प्रजापति को भी पुलिस ने हजरतगंज के पास से गुरुवार को गिरफ्तार किया था. उनकी कंपनी के निदेशक बृज भवन चौबे ने अनिल के खिलाफ गोमतीनगर विस्तार में 17 सितंबर को जालसाजी, रंगदारी और धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया था.
वहीं बेटे की गिरफ्तारी के बाद अब निदेशक के परिजनों ने कई और राज खोले हैं. निदेशक का कहना है कि दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला का मुंह बंद रखने के लिए उसकी एक के बाद एक मांगे पूरी होती रही. यहां तक की उसकी जमीन भी महिला ने अपने नाम लिखवा ली, लेकिन जब उसने पैसे मांगे तो अनिल प्रजापति ने उसे जान से मारने की धमकी दी.
गायत्री प्रजापति के कंपनी में निदेशक रहे बृज भवन का आरोप है कि गायत्री ने महिला को दुष्कर्म के मामले में अपना आरोप वापस लेने के लिए जो मकान और जमीनें दीं, वह उनकी थीं. गायत्री की जमानत जब निरस्त हो चुकी थी तो उसे एक ही उपाय सूझा कि किसी तरह महिला को पैसे के बल पर अपने पक्ष में किया जाए. अनिल ने 29 फरवरी 2016 को उन्हें एक सेल डीड दी जो मुकेश कुमार के नाम की थी. इसकी वर्तमान कीमत ढाई करोड़ रुपये है. साथ ही अनिल ने अपने हस्ताक्षर से आईसीआईसीआई बैंक खाते के दो-दो करोड़ रुपये के दो चेक दिए.
इसके बाद उन्होंने अनिल के कहने पर एक प्रापर्टी डीलर से संपर्क कर 19 जुलाई 2018 और एक अगस्त 2018 को महिला के पक्ष में 45 लाख रुपये और 48 लाख रुपये की संपत्ति की दो सेल डीड कराईं. करीब एक करोड़ रुपये की संपत्तियां मिलने के बाद भी महिला का लालच खत्म नहीं हुआ तो उसने और जमीन की मांग की. इसके बाद निदेशक बृज भवन से उनकी और पत्नी के नाम से खरगापुर में स्थित 90 लाख रुपये कीमत के दो प्लाट महिला के नाम करने को कहा. डर के मारे बृज भवन ने अपने दोनों प्लॉट महिला के नाम कर दिए.