लखनऊ : सालों से अपने ही प्लॉट पर कब्जे से वंचित महिला लखनऊ विकास प्राधिकरण के गलियारों में चक्कर काट रही थी. अपनी फरियाद लेकर वह लखनऊ विकास प्राधिकरण की जनता अदालत (Lucknow Development Authority Janta Adalat) में पहुंची. जहां उसे कहा गया है कि बहुत जल्द कब्जा मिलेगा. ऐसे ही दर्जनों शिकायतें गुरुवार को जनता अदालत में पहुंची. लोगों का आरोप है कि सामान्य तौर पर उनके काम नहीं हो पा रहे हैं.
उपाध्यक्ष डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी और सचिव पवन कुमार गंगवार ने गुरुवार को जनता अदालत में पहुंचे फरियादियों की समस्याएं सुनी. इस दौरान कानपुर के सिविल लाइंस में रहने वाली किरन तिवारी ने प्रार्थना पत्र दिया. पत्र के अनुसार, उन्हें गोमतीनगर विस्तार के सेक्टर-1 में भूखण्ड संख्या 1/18 आवंटित हुआ था लेकिन भूखण्ड पर अन्य व्यक्ति द्वारा किए गए अतिक्रमण के चलते उन्हें कब्जा नहीं मिल पाया है. इस पर उपाध्यक्ष ने एक सप्ताह में अतिक्रमण हटाकर आवंटी को कब्जा दिये जाने के निर्देश दिये. इसके अलावा अलीगंज के सेक्टर-के निवासी देवेन्द्र प्रताप सिंह ने प्रियदर्शिनी योजना स्थित सृजन अपार्टमेंट में उन्हें आवंटित फ्लैट का कब्जा दिए जाने के सम्बंध में प्रार्थना पत्र दिया, जिस पर उपाध्यक्ष ने फ्लैट की रंगाई-पुताई और अवशेष कार्यों को 15 दिन के अंदर पूरा करते हुए आवंटी को कब्जा दिए जाने को कहा.
कुर्सी रोड स्थित पहाड़पुर निवासी रहीशा बानो ने जानकीपुरम विस्तार के सेक्टर-4 में उन्हें आवंटित भूखण्ड की रजिस्ट्री के सम्बंध में आवेदन किया. जिस पर उपाध्यक्ष ने एक सप्ताह में प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए. वहीं, इंदिरा नगर के सी-ब्लाॅक निवासी राजकुमार श्रीवास्तव ने गोमतीनगर के विवेकखण्ड स्थित एलडीए मार्केट में दुकान के म्यूटेशन के सम्बंध में प्रार्थना पत्र दिया, जिस पर नियमानुसार कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए.
इसके अतिरिक्त माल एवेन्यू के एम्पायर स्टेट रेजीडेंसी सोसाइटी के सचिव डीके श्रीवास्तव ने प्रार्थना पत्र दिया कि प्रमोटर डीएन बाजपेयी द्वारा स्वीकृत मानचित्र के विपरीत अतिरिक्त फ्लैटों का निर्माण कर लिया गया है, जिससे अपार्टमेंट में अव्यवस्थाएं व्याप्त हो रही हैं. इस पर उपाध्यक्ष ने 15 दिन के अंदर जांच पूरी करके कार्रवाई करने के निर्देश दिए. अपर सचिव ने बताया कि जनता अदालत में रजिस्ट्री, फ्री-होल्ड, सीमांकन, कब्जे और एनओसी आदि से सम्बंधित कुल 50 प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए, जिनमें से 14 प्रकरणों का मौके पर ही निस्तारण किया गया.
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