लखनऊ : बाबरी मस्जिद विध्वंस प्रकरण (Former Shiv Sena MLA Pawan Kumar Pandey) में अभियुक्त रहे शिवसेना के पूर्व विधायक पवन कुमार पांडेय को 26 साल पुराने आर्म्स एक्ट के एक मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट के एसीजेएम अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव ने अभियोजन द्वारा कोई साक्ष्य प्रस्तुत न करने पर बाइज्जत बरी कर दिया है.
बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता मनीष त्रिपाठी ने अदालत को बताया कि 21 अप्रैल 1996 को हजरतगंज पुलिस के उप निरीक्षक एसवीएल सक्सेना ने जियामऊ मोड़ पर गिरफ्तारी दिखाते हुए पवन कुमार पांडेय के कब्जे से छह सुतली बम, फैक्ट्री मेड पिस्टल, तीन कारतूस व स्मैक की 15 पुड़िया बरामद करने का दावा किया था. अदालत के समक्ष यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया कि इस मामले में पिछले 26 वर्षों से पवन कुमार पांडेय लगातार न्यायालय में उपस्थित हो रहे हैं, परंतु अभियोजन द्वारा बार-बार मौका दिए जाने के बावजूद एक भी गवाह प्रस्तुत नहीं किया गया. उन्होंने बताया कि इस मामले में स्मैक की पुड़िया बरामद करने का आरोप भी अभियोजन साबित नहीं कर सका, जिसके कारण पवन पांडेय को वर्ष 2008 में एनडीपीएस एक्ट में भी दोष मुक्त किया जा चुका है.
अदालत ने पवन पांडेय को आरोपों से मुक्त करते हुए कहा है कि यह मामला वर्ष 1996 का है तथा अभियोजन की लचर पैरवी के चलते कोई भी साक्ष्य पेश नहीं किया जा सका, जबकि आरोपी स्वयं अथवा अधिवक्ता के माध्यम से उपस्थित होता रहा है. अदालत ने यह भी कहा है कि गवाहों के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी करने पर अधिकांशतः रिपोर्ट दी गई कि गवाहों का पता नहीं चल पा रहा है, जिसके कारण अभियोजन साक्ष्य समाप्त किया गया.
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