लखनऊ : तीन सरकारों के कार्यकाल के दौरान लगभग 10 वर्ष तक उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त रहे न्यायमूर्ति एन के मेहरोत्रा (Former Lokayukta NK Mehrotra) का बुधवार को निधन हो गया. उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा और पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ जांच करने और उनको जेल भेजने में अहम भूमिका निभाने वाले एन के मेहरोत्रा अपने कई फैसलों और जाटों के लिए प्रख्यात रहे थे. उनके अंतिम संस्कार को राजकीय सम्मान के साथ करने का फैसला किया है. एन के मेहरोत्रा हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति रहे और भारतीय जनता पार्टी की साल 2000 के समय रही सरकार के दौरान विधि सचिव की भी भूमिका निभाते रहे.
राजधानी के गोमतीनगर इलाके में रहने वाले एन के मेहरोत्रा लंबे समय से बीमार थे. उनकी आयु लगभग 80 वर्ष थी. उनका बुधवार की शाम निधन हो गया. राज्य सरकार के सचिव अनिल कुमार सिंह 2 की ओर से जारी पत्र के मुताबिक, गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा.
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एन के मेहरोत्रा ने अपने कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के आरोप में बाबू सिंह कुशवाहा और गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ जांच की थी. इसके बाद दोनों नेता जेल भी गए. अलग-अलग मामलों में आज भी गायत्री प्रसाद प्रजापति जेल में ही हैं. वहीं बाबू सिंह कुशवाहा को जमानत मिल चुकी है. पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर के खिलाफ भी जांच के मामले में एन के मेहरोत्रा चर्चित रहे थे. साल 2006 से लेकर 2016 तक भी अपने पद पर बने रहे. इस दौरान प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी तीनों दलों की सरकारें रहीं.
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