लखनऊ : लोकसभा चुनाव में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी रहे और राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र को अद्भुत तोहफा मिलेगा. भारतीय जनता पार्टी नृपेंद्र मिश्रा के पुत्र साकेत मिश्रा को श्रावस्ती लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. साकेत मिश्रा ने भी यहां अपना जमीनी स्तर से कामकाज शुरू कर दिया है. साकेत मिश्रा अभी एमएलसी हैं. भारतीय जनता पार्टी उनको दद्दन मिश्रा की जगह टिकट देगी. दद्दन मिश्रा 2019 में बहुत कम अंतर से लोकसभा चुनाव हार गए थे.
नौ माह पहले बने एमएलसी : साकेत मिश्रा राम जन्मभूमि निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा के बेटे हैं. नृपेंद्र मिश्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव भी रहे हैं. साकेत मिश्रा ने दिल्ली के सेंट स्टीफेन्स कॉलेज से इकोनॉमिक्स की पढ़ाई की. उसके बाद उन्होंने भारतीय प्रबंध संस्थान कोलकाता से मैनेजमेंट की डिग्री हासिल की. इसके बाद साकेत मिश्रा ने सिविल सेवा की परीक्षा दी और 1994 में IPS बने, लेकिन फाइनेंस सेक्टर में गहन रुचि होने के कारण बाद में उन्होंने इस्तीफा देकर फिर से फाइनेंस सेक्टर में लौटने का इरादा किया. साकेत मिश्रा ने कई बैंकों में उच्च पदों पर काम किया. करीब नौ माह पहले उनको भाजपा ने एमएलसी मनोनीत किया था.
फेसबुक पेज पर प्रचार शुरू : श्रावस्ती में साकेत मिश्र पूरी तरह से सक्रिय दिख रहे हैं. उनके फेसबुक पेज पर लोकसभा क्षेत्र श्रावस्ती का उल्लेख भी शुरू कर दिया गया है. वे क्षेत्र में लोगों से संपर्क करते हैं. उनकी टीम इस बात को लेकर प्रचार कर रही है. 2024 लोकसभा चुनाव में भी श्रावस्ती से प्रत्याशी होंगे. लोकसभा चुनाव 2019 में दद्दन मिश्र भाजपा उम्मीदवार थे, मगर वे बसपा के उम्मीदवार राम शिरोमणि वर्मा से करीब 500 वोट से हार गए थे. इस बार भाजपा ने उनको रिपीट न करने फैसला लगभग कर लिया है. भारतीय जनता पार्टी से जुड़े उच्च सदस्य सूत्रों ने बताया कि इस बार सकेत मिश्रा को श्रावस्ती से उम्मीदवार बनाया जा सकता है. कहा जा रहा है कि क्षेत्र के सारे समीकरण इस तरह से फिट हैं, जिसमें भारतीय जनता पार्टी के लिए साकेत मिश्रा बेहतर उम्मीदवार हो सकते हैं.
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