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CAA से सबसे ज्यादा फायदा दलितों को होगा: पूर्व डीजीपी - CAA से सबसे ज्यादा फायदा दलितों को होगा

CAA को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी बृजलाल का कहना है कि नागरिकता कानून से सबसे ज्यादा दलितों को फायदा होगा. इसके तहत 70 से 75 प्रतिशत दलितों को नागरिकता दी जाएगी.

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पूर्व डीजीपी बृजलाल.
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Published : Jan 23, 2020, 4:26 AM IST

लखनऊ: सीएए को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी और एससी-एसटी आयोग के पूर्व चेयरमैन बृजलाल ने दावा किया है कि सीएए से सबसे ज्यादा फायदा दलितों को होगा. एक बयान में उन्होंने कहा कि जिनको नागरिकता मिल रही है, उनमें सबसे ज्यादा पूर्वी बंगाल के नमो शुद्र हैं. वहीं जो पार्टियां और दलित नेता सीएए का विरोध कर रहे हैं, उन्हें जोगेंद्र नाथ मंडल से सबक लेना चाहिए, जिसका सबसे ज्यादा खामियाजा देश ने भुगता है.

पूर्व डीजीपी बृजलाल.

70 से 75 प्रतिशत दलित को दी जाएगी नागरिकता
पूर्व डीजीपी बृजलाल ने कहा कि ये जो नागरिकता दी जा रही है, इसमें 70 से 75 प्रतिशत दलित, ओबीसी और गरीब हैं, जिन्हें अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश से भगाया गया था. आज तमाम पार्टियां समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, तृणमूल, बसपा आदि जो दलितों की तो हितैषी बनती हैं, लेकिन ये वो पार्टियां हैं, जो सीएए का विरोध करके दलितों, गरीबों और ओबीसी का विरोध कर रही हैं.

पूर्व डीजीपी ने जोगेंद्र नाथ मंडल के बारे में बताया
उन्होंने जोगेंद्र नाथ मंडल के बारे में बताते हुए कहा कि कि वो एक दलित थे. उन्होंने बाबा साहेब की बात नहीं मानी थी. बाबा साहेब ने उनसे कहा था कि जब धर्म के नाम पर हिंदुओं का बंटवारा हो रहा था तो वो पाकिस्तान से हिंदुओं को लेकर चले आएं. लेकिन वो मुस्लिम लीग के प्रभाव में आ गए और वो दलितों के साथ पाकिस्तान में रहने लगे. वह पाकिस्तान के पहले कानून मंत्री बने और उसके बाद कान्स्टीट्यूशन ड्राफ्टिंग कमिटी के चेयरमैन बने. इसके बाद वहां दलितों पर अत्याचार, कल्तेआम हुआ और सन 1947 से लेकर 1950 तक करीब 25 हजार हिंदू वहां मारे गए.

उन्होंने कहा कि इस दौरान जोगेंद्र नाथ मंडल वहां दौड़ते रहे, लेकिन किसी डीएम और एसडीएम ने उनकी बात नहीं सुनी. लियाकत अली खां, जो उस दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे. उन्होंने भी उनकी बात को नहीं सुना. जोगेंद्र नाथ मंडल को पाकिस्तान में तीन साल भी पूरे नहीं हुए थे और वो वहां से भागकर भारत आ गए.

बांग्लादेश वार में दलितों की हुई थी हत्याएं
पूर्व डीजीपी ने बताया कि जो लोग सीएए को गलत मानते हैं, वह गलत हैं. बांग्लादेश वार के समय उनकी हत्याएं हुई और भागकर उन्हें उत्तर प्रदेश में शरण मिली. सबसे ज्यादा वहां के दलित, नमो शुद्र उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के पीलीभीत, बरेली, खीरी में हैं. इन सबको जो नागरिकता मिली है, यहीं वजह है कि आज उनका उत्साह देखते ही बनता है.

इसे भी पढ़ें:- वाराणसी: आशुतोष टंडन ने की विभागीय बैठक, कहा- CAA पर विपक्ष कर रहा गुमराह

लखनऊ: सीएए को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी और एससी-एसटी आयोग के पूर्व चेयरमैन बृजलाल ने दावा किया है कि सीएए से सबसे ज्यादा फायदा दलितों को होगा. एक बयान में उन्होंने कहा कि जिनको नागरिकता मिल रही है, उनमें सबसे ज्यादा पूर्वी बंगाल के नमो शुद्र हैं. वहीं जो पार्टियां और दलित नेता सीएए का विरोध कर रहे हैं, उन्हें जोगेंद्र नाथ मंडल से सबक लेना चाहिए, जिसका सबसे ज्यादा खामियाजा देश ने भुगता है.

पूर्व डीजीपी बृजलाल.

70 से 75 प्रतिशत दलित को दी जाएगी नागरिकता
पूर्व डीजीपी बृजलाल ने कहा कि ये जो नागरिकता दी जा रही है, इसमें 70 से 75 प्रतिशत दलित, ओबीसी और गरीब हैं, जिन्हें अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश से भगाया गया था. आज तमाम पार्टियां समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, तृणमूल, बसपा आदि जो दलितों की तो हितैषी बनती हैं, लेकिन ये वो पार्टियां हैं, जो सीएए का विरोध करके दलितों, गरीबों और ओबीसी का विरोध कर रही हैं.

पूर्व डीजीपी ने जोगेंद्र नाथ मंडल के बारे में बताया
उन्होंने जोगेंद्र नाथ मंडल के बारे में बताते हुए कहा कि कि वो एक दलित थे. उन्होंने बाबा साहेब की बात नहीं मानी थी. बाबा साहेब ने उनसे कहा था कि जब धर्म के नाम पर हिंदुओं का बंटवारा हो रहा था तो वो पाकिस्तान से हिंदुओं को लेकर चले आएं. लेकिन वो मुस्लिम लीग के प्रभाव में आ गए और वो दलितों के साथ पाकिस्तान में रहने लगे. वह पाकिस्तान के पहले कानून मंत्री बने और उसके बाद कान्स्टीट्यूशन ड्राफ्टिंग कमिटी के चेयरमैन बने. इसके बाद वहां दलितों पर अत्याचार, कल्तेआम हुआ और सन 1947 से लेकर 1950 तक करीब 25 हजार हिंदू वहां मारे गए.

उन्होंने कहा कि इस दौरान जोगेंद्र नाथ मंडल वहां दौड़ते रहे, लेकिन किसी डीएम और एसडीएम ने उनकी बात नहीं सुनी. लियाकत अली खां, जो उस दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे. उन्होंने भी उनकी बात को नहीं सुना. जोगेंद्र नाथ मंडल को पाकिस्तान में तीन साल भी पूरे नहीं हुए थे और वो वहां से भागकर भारत आ गए.

बांग्लादेश वार में दलितों की हुई थी हत्याएं
पूर्व डीजीपी ने बताया कि जो लोग सीएए को गलत मानते हैं, वह गलत हैं. बांग्लादेश वार के समय उनकी हत्याएं हुई और भागकर उन्हें उत्तर प्रदेश में शरण मिली. सबसे ज्यादा वहां के दलित, नमो शुद्र उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के पीलीभीत, बरेली, खीरी में हैं. इन सबको जो नागरिकता मिली है, यहीं वजह है कि आज उनका उत्साह देखते ही बनता है.

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Intro:लखनऊ: सीएए से सबसे ज्यादा फायदा दलितों को होगा: बृजलाल

लखनऊ। सीएए को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी और एससी-एसटी आयोग के पूर्व चेयरमैन बृजलाल ने दावा किया है कि उनके मुताबिक सीएए से सबसे ज्यादा फायदा दलितों को होगा। एक बयान में उन्होंने कहा कि जिनको नागरिकता मिल रही है। उनमे सबसे ज्यादा पूर्वी बंगाल के नमो शुद्र हैं। वहीं जो पार्टियां और दलित नेता सीएए का विरोध कर रही हैं, उन्हें जोगेंद्र नाथ मंडल से सबक लेना चाहिए। जिसका सबसे ज्यादा खामियाजा देश और ने भुगता है।Body:पूर्व डीजीपी बृजलाल ने कहा कि ये जो नागरिकता दी जा रही है इसमें 70 से 75 प्रतिशत दलित, ओबीसी और गरीब हैं जिन्हें अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश से भगाया गया था। आज तमाम पार्टियां समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, तृणमूल जैसी पार्टियां आज दलितों की हितैषी बनती है, लेकिन ये वो पार्टियां है जो सीएए का विरोध करके दलितों, गरीबों और ओबीसी का विरोध कर रही हैं। क्योंकि ये नागरिकता उन्हीं को मिल रही है। इसका विरोध करने वाले जो लोग हैं उन्हें जोगेंद्र नाथ मंडल से सबक लेना चाहिए

उन्होंने जोगेंद्र नाथ मंडल के बारे में बताते हुए कहा कि कि वो एक दलित थे। उन्होंने बाबा साहेब की बात नहीं मानी थी, बाबा साहेब ने उनसे कहा था कि जब धर्म के नाम पर हिंदुओं का बंटवारा हो रहा था तो वो पाकिस्तान से हिंदुओं को लेकर चले आएं। लेकिन वो मुस्लिम लीग के प्रभाव में आ गए और वो दलितों के साथ पाकिस्तान में रहने लगे। वो पाकिस्तान के पहले कानून मंत्री बने और उसके बाद कान्स्टीट्यूशन ड्राफ्टिंग कमिटी के चेयरमैन बने। जिसके बाद वहां दलितों पर अत्याचार, कल्तेआम हुआ और सन 1947 से लेकर 1950 तक करीब 25 हजार हिंदु वहां मारे गए।

उन्होंने कहा कि इस दौरान जोगेंद्र नाथ मंडल वहां दौड़ते रहे लेकिन किसी डीएम और एसडीएम ने उनकी बात नहीं सुनी। लियाकत अली खां जो उस दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे उन्होंने भी उनकी बात को नहीं सुना। जोगेंद्र नाथ मंडल को पाकिस्तान में तीन साल भी पूरे नहीं हुए थे और वो वहां से छोड़कर भाग आए। उन्होंने 8 अक्टूबर 1950 को इस्तीफा दे दिया। उनको उस वक्त की सरकार ने जेल भेजने का प्रयास किया था, क्योंकि जब वो हिंदुओं और दलितों की बात करते थे तो वहां की सरकार ने कानून पास किया कि जो सरकार का विरोध करेगा उसको पांच साल की सजा होगी। जो व्यक्ति बाबा साहेब का उत्तराधिकारी बनता, जो पाकिस्तान का पहला कानून मंत्री था, उनका कलकत्ता में 5 अक्टूबर 1968 को उनका देहांत हो गया।

पूर्व डीजीपी ने बताया कि जो लोग सीएए को गलत मानते हैं, वो गलत हैं। जोगेंद्र नाथ मंडल ने भी बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर की बात नहीं मानी उसका खामियाजा देश को भुगतना पड़ा। भारत के कई क्षेत्र उस वक्त पाकिस्तान में चले गए। उसका खामियाजा देश के अलावा दलितों ने भुगता है। जिन पर सबसे ज्यादा अत्याचार हुए है। बांग्लादेश वार के समय उनकी हत्याएं हुई और भागकर उऩ्हें उत्तर प्रदेश में शरण मिली। सबसे ज्यादा वहां के दलित, नमो शुद्र उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के पीलीभीत, बरेली, खीरी में हैं। इन सबको जो नागरिकता मिली है यही वजह है कि आज उनका उत्साह देखते ही बनता है। अब उन्हें सरकार की विकास योजनाओं का लाभ मिलेगा। और जो तमाम दलित नेता है जो इससे भ्रमित हैं उनको जोगेंद्र नाथ मंडल के निर्णय से सबक लेना चाहिए। जिसका सबसे ज्यादा खामियाजा दलित और देश ने भुगता है।

दिलीप शुक्ला, 9450663213Conclusion:
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